
कोटा दशहरा मेला ग्राउंड।
Kota Property Prices : इस बार कोटा में कोचिंग स्टूडेंट्स कम आने के कारण कोचिंग बाहुल्य क्षेत्रों में प्रॉपर्टी की दरों में 20 से 30 फीसदी तक की गिरावट आई है।जिले में जमीनों की सरकारी दरें तय करने के लिए जिला स्तरीय समिति (डीएलसी) की बैठक होगी। इसमें जमीनों की नई सरकारी दरें तय की जाएंगी। बैठक में जिलेभर में डीएलसी की दरों में 5 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी प्रस्तावित है।
हालांकि अधिकतर जनप्रतिनिधि कोटा के मौजूदा आर्थिक हालात में डीएलसी दरें बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। बैठक की अध्यक्षता जिला कलक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी करेंगे। डीएलसी में जिले के सभी विधायक और प्रधान सदस्य हैं। ऐसे में विधायकों और प्रधान को भी इस बैठक में आमंत्रित किया गया है। गौरतलब है कि पिछले दिनों सरकार ने जिला कलक्टर को पत्र लिखकर बैठक कर डीएलसी की दरों का पुननिर्धांरण करने को कहा था।
सूत्रों ने बताया कि डीएलसी बैठक के लिए जमीनों की सरकारी दर तय करने का फार्मूला तय कर लिया है। इस बार शहर के अलग-अलग क्षेत्रों के हिसाब से बढ़ोतरी की जाएगी। पहले एक ही दर से डीएलसी दरें बढ़ाई जाती थी। इस बार कॉलोनियों की लोकेशन के आधार पर बढ़ोतरी का फॉर्मूला तय हुआ है।
इन्द्र विहार, राजीव गांधी नगर स्पेशल, लैण्ड मार्क सिटी, कोरल पार्क क्षेत्र व उससे सटी कॉलोनियों की प्राइम लोकेशन में डीएलसी की दरें 20 फीसदी तक बढ़ाया जाना प्रस्तावित है। कृषि भूमि की कॉलोनियों में लोकेशन के आधार पर दरें बढ़ाने का फॉर्मूला बनाया है। जिन क्षेत्रों में प्रॉपर्टी की डिमांड कम है, वहां दरें पांच से दस फीसदी तक बढ़ाई जा सकती है।
नॉर्दन बाइपास का काम जल्द शुरू होने वाला है। ऐसे में यह क्षेत्र आने वाले समय में शहरी क्षेत्र की कनेक्टिविटी की दृष्टि से बेहतर लोकेशन पर आ जाएगा। इससे आने वाले समय में यहां जमीनों की खरीद फरोख्त बढ़ेगी। इसलिए इस क्षेत्र में भी डीएलसी दरें बढ़ाना प्रस्तावित है।
भारतमाला परियोजना में दिल्ली-मुम्बई आठ लेन एक्सप्रेस वे से सटे गांवों में डीएलसी की दरें 20 फीसदी तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। किसान संगठन इस बारे में लोकसभा अध्यक्ष और ऊर्जा मंत्री को भी ज्ञापन दे चुके हैं। विधानसभा चुनाव से पहले हीरालाल नागर भारत माला परियोजना से जुड़े क्षेत्रों में डीएलसी की दरें बढ़ाने की मांग उठा चुके हैं। इस क्षेत्र में डीएलसी की दरें बढ़ाने से लाडपुरा, पीपल्दा, सांगोद और रामगंजमंडी क्षेत्र के किसान लाभान्वित होंगे।
उल्लेखनीय है कि जिला कलक्टर के विभिन्न दायित्वों में अपने जिले की कृषि, आवासीय एवं वाणिज्यिक श्रेणी की भू-सम्पदाओं के बाजार मूल्य के निर्धारण के लिए डीएलसी बैठक आयोजित कर समुचित दरें अनुमोदित करने का भी दायित्व है। विभिन्न कारणों से वर्ष 2019-20 के बाद जिलों में ये बैठकें आयोजित नहीं हुई।
बैठकें आयोजित नहीं होने से राजस्थान स्टाम्प नियम, 2004 के प्रावधानों के अनुसार भूमि की दरों में होने वाली 10 प्रतिशत की स्वत: वृद्धि भी कोविड प्रभावित वर्षों में नहीं की गई। स्वत: वृद्धि की दर भी 10 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत की गई।
भाजपा सरकार डीएलसी रेट बढ़ाकर जनता से धोखा करने का काम कर रही है। सरकार लोगों को राहत देने के बजाय डीएलसी दरें बढ़ाकर उनके सपनों को चकनाचूर करना चाहती है। शांति धारीवाल, पूर्व यूडीएच मंत्री व विधायक कोटा उत्तर
कोटा में वर्तमान स्थिति में डीएलसी दरें बढ़ाना उचित नहीं है। बाजार की स्थिति काफी खराब है। बैठक में इस संबंध में बात रखेंगे। संदीप शर्मा, विधायक कोटा दक्षिण
Updated on:
23 Oct 2024 03:02 pm
Published on:
06 Sept 2024 04:49 pm
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