पुरुषार्थ भवन में हुई बैठक में इस मसले पर धारीवाल ने कहा कि कोटा में कोचिंग का पुन: स्थापित होना आवश्यक है। इससे बड़ी संख्या में लोग जुड़े हुए हैं। लाखों लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला हुआ है। हमें मिलकर इस तरह के प्रयास करने होंगे कि कोचिंग विद्यार्थियों के अभिभावकों को सुरक्षा व कोरोना से बचाव का विश्वास हो सके। उन्होंने हॉस्टलों में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करने, कोचिंग एरिया को एक विशेष जोन बनाकर वहां आम नागरिकों की अनावश्यक आवाजाही बंद करने व पढ़ाई का नया मॉडल तैयार करने का सुझाव दिया।
Read more : 1 जून से ये 10 स्पेशल ट्रेनें कोटा मंडल होकर चलेगी इस सुझाव के बाद कोचिंग संस्थान संचालक नए मॉडल के अनुसार शिक्षण कार्य करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने खुद ऐसे मापदंड तय किए हैं जिनकी पालना से कोचिंग एरिया में कोविड की एंट्री नहीं हो पाएगी। कड़े सुरक्षा उपायोग के साथ पढ़ाई होगी। सरकार की ओर से गाइडलाइन मिलते ही वे इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ेंगे। कोचिंग पर लगने वाले जीएसटी के मसले पर धारीवाल ने कहा, जीएसटी व केन्द्र सरकार के स्तर के मामलों को पूरी तरह उठाया जाएगा, ताकि समस्या का निराकरण कराया जा सके।
सुरक्षित माहौल के बीच शुरू की जाएगी पढ़ाई सरकार की ओर से सुरक्षा उपायों के साथ विभिन्न कार्यों की अनुमति दी जाने लगी है। ऐसे में कोटा के कोचिंग संस्थान भी आशान्वित हैं कि जल्द ही कोटा में क्लासरूम कोचिंग शुरू होगी। इसके लिए कोचिंग संस्थानों ने तैयारियां शुरू कर दी है। एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक नवीन माहेश्वरी ने बताया कि कोचिंग संस्थानों ने स्वयं के लिए नियम निर्धारित किए हैं। जिसमें स्टूडेंट के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए अभिभावकों के विश्वास पर खरा उतरने के लिए मापदण्ड तय किए गए हैं। कोटा के कोचिंग संस्थान देश में पहला उदाहरण प्रस्तुत करने जा रहे हैं। जहां स्वयं के लिए गाइड लाइन तय की गई है।
कोचिंग कैम्पस में प्रवेश
1 स्टूडेंट्स की सुरक्षा को लेकर कोचिंग कैम्पस के एंट्री पर ही संक्रमण से बचने के लिए निर्देशित किया जाएगा। 2. जिस भी कैम्पस में स्टूडेंट जाएंगे उसके मुख्यद्वार पर इसके लिए व्यवस्था की जाएगी।
3. हर स्टूडेंट को छाता दिया जाएगा, स्टूडेंट छाता खोलकर चलेंगे ताकि सोशल डिस्टेंसिंग स्वत: निर्धारित हो सके।
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बचाव के उपायों को अपनाया तो जल्द कोटा की ग्रीन जोन में होगी वापसी कोचिंग कैम्पस के भीतर 1 कैम्पस में प्रवेश के समय हर स्टूडेंट के कोचिंग आईडी कार्ड की जांच की जाएगी। 2. कैम्पस के मुख्यद्वार पर रोजाना थर्मल स्क्रेनिंग की जाएगी। 3.मुख्यद्वार पर प्रवेश के समय सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन करते हुए ही प्रवेश दिया जाएगा।
4. स्टूडेंट को मास्क या फेस शील्ड लगाने के बाद ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
5. जहां-जहां स्टूडेंट्स जाएंगे वहां मार्किंग की जाएगी। इसके आधार पर ही स्टूडेंट्स आगे बढ़ेंगे। 6 हर कैम्पस में निर्धारित स्थानों पर स्टूडेंट के लिए सेनेटाइजर उपलब्ध होगा, हाथ धुलवाए जाएंगे। 7. क्लास में प्रवेश से पहले एक बार पुन: स्टूडेंट की थर्मल स्क्रेनिंग की जाएगी।
क्लासरूम में बरती जाने वाली सावधानियां 1. सोशल डिस्टेंसिंग के लिए कक्षाकक्षों की निर्धारित क्षमता से आधे स्टूडेंट्स ही बैठाए जाएंगे।
2. स्टूडेंट्स को तिरछे क्रम में बिठाया जाएगा, जिससे एक-दूसरे से दूरी अधिक रह सके।
2. स्टूडेंट्स को तिरछे क्रम में बिठाया जाएगा, जिससे एक-दूसरे से दूरी अधिक रह सके।
3. कोचिंग परिसर के किसी भी क्षेत्र में बिना मास्क या फेसशील्ड के ठहरने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
अन्य निर्देश व सावधानियां 1 स्टूडेंट को अपनी पानी की बोतल अपने साथ लानी होगी।
2 .कक्षाओं का ब्रेक टाइम अलग-अलग होगा
अन्य निर्देश व सावधानियां 1 स्टूडेंट को अपनी पानी की बोतल अपने साथ लानी होगी।
2 .कक्षाओं का ब्रेक टाइम अलग-अलग होगा
3. स्टूडेंट्स को पाठ्य सामग्री देते समय भी विशेष सावधानी बरती जाएगी। रोजाना बरती जाने वाली सावधानियां
1. हर कोचिंग कैम्पस को रोजाना दिन में दो बार सेनेटाइज किया जाएगा। 2.हर कैम्पस में कोरोना टॉस्क फोर्स अलग से रखी जाएगी।
3. कोचिंग समय के दौरान स्टूडेंट्स के आने से लेकर जाने तक डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ हर कैम्पस में रहेंग
1. हर कोचिंग कैम्पस को रोजाना दिन में दो बार सेनेटाइज किया जाएगा। 2.हर कैम्पस में कोरोना टॉस्क फोर्स अलग से रखी जाएगी।
3. कोचिंग समय के दौरान स्टूडेंट्स के आने से लेकर जाने तक डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ हर कैम्पस में रहेंग