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रुद्राक्ष हत्याकांड: जिस घटना से कोटा में मच गया था हडकंप, उसमें अब तक हुए 110 गवाहों के बयान

कोटा. रुद्राक्ष अपहरण व हत्याकांड में शनिवार को दोनों पक्षों की ओर से अंतिम बहस पूरी हो गई।

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कोटा

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abhishek jain

Feb 03, 2018

Court

Convicted for three years

कोटा.

रुद्राक्ष अपहरण व हत्याकांड में शनिवार को दोनों पक्षों की ओर से अंतिम बहस पूरी हो गई। अब मामले में 8 फरवरी को सुनवाई होगी। जल्द ही फैसला होने की संभावना है।

एससी-एसटी अदालत में चल रही सुनवाई के दौरान इस मामले में शनिवार को अभियोजन पक्ष की ओर से बहस की गई। इससे पहले मुख्य आरोपित अंकुर पाडिय़ा, उसके भाई अनूप और दो अन्य आरोपित करणजीत सिंह व महावीर शर्मा की ओर से पूर्व में ही बहस की जा चुकी है।
विशिष्ट लोक अभियोजक कमलकांत शर्मा ने बताया कि आरोपित व अभियोजन दोनों पक्षों की ओर से बहस शनिवार को पूरी हो गई है। अब रूलिंग पेश करने के लिए 8 फरवरी को सुनवाई होगी।

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यह था मामला

गौरतलब है कि जवाहर नगर थाना क्षेत्र स्थित तलवंडी से 9 अक्टूबर 2014 की शाम 8 वर्षीय बालक रुद्राक्ष हांडा का पार्क से अपहरण कर लिया गया था। इसके बाद एक व्यक्ति ने उसके घर पर बैसिक फोन पर फोनकर 2 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी। इस संबंध में बालक के पिता पुनीत हांडा ने जवाहर नगर पुलिस को सूचना दी।

इस पर पुलिस ने बालक की तलाश की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। सिर्फ सीसीटीवी कैमरे के आधार पर बालक का अपहरण करने वाली कार का पता चला था। इस पर जब पुलिस ने आरोपित की तलाश की तो वह बालक को तालेड़ा क्षेत्र स्थित जाखमुंड नहर में फेंक गया। जहां से 10 अक्टूबर की सुबह उसका शव बरामद हुआ था।

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मच गया था हड़कंप
घटना से पूरे शहर में हड़कम्प मच गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर 27 अक्टूबर को आरोपित अंकुर पाडिय़ा व उसके भाई अनूप को लखनऊ से गिरफ्तार किया था, जबकि अंकुर के नौकर महावीर शर्मा व अंकुर को फर्जी सिम बेचने के मामले में दिल्ली के दुकानदार करणजीत सिंह को भी गिरफ्तार किया था।

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110 गवाहों के कराए बयान

मामले में जवाहर नगर थाने के तत्कालीन थानाधिकारी भगवतसिंह हिंगड़ ने अनुसंधान किया। अनुसंधान के बाद जनवरी 2015 में चारों आरोपितों के खिलाफ चालान पेश किया। इसमें 110 गवाहों की सूची पेश की गई। अभियोजन पक्ष की ओर से सभी गवाहों के बयान दर्ज कराए गए। करीब साढ़े तीन साल चली सुनवाई के बाद गवाहों के बयान पूरे हुए।