6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अजब गजब : दो राज्यों को जोड़ती है सिर्फ 30 फीट लोहे की सीढ़ी

अजब गजब है। यह घटना पढ़कर आप दांतों तले अंगुली दबा लेंगे। जीहां, राजस्थान और मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित अयाना क्षेत्र के ग्रामीणों को अपने रोज के सफर के लिए एक लोहे की सीढ़ी का सहारा लेना पड़ता हैं। इसी सीढ़ी से इन दोनों में राज्यों में आ जा सकते हैं। नहीं सम्पर्क खत्म। जानें पूरी खबर।

2 min read
Google source verification
Strange Only 30 Feet Iron Staircase Connects Two States Rajasthan Madhya Pradesh

दिनेश राठौर
राजस्थान और मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित अयाना क्षेत्र के ग्रामीणों का रोज का सफर कुछ अजीब सा है, क्योंकि उन्हें अपनी रोजमर्रा की यात्रा के लिए एक लोहे की सीढ़ी का सहारा लेना पड़ता हैं। यह सीढ़ी पार्वती नदी के ऊपर रखी गई है, जो दोनों राज्यों के बीच प्राकृतिक सीमा बनाती है। अगर पहली बार सुना जाए, तो यह सुनने में बहुत अजीब लगेगा कि लोहे की सीढ़ी, जो दो राज्यों को जोड़ने का काम करती है। लेकिन यह सच है और यही वह मार्ग है जिस पर रोज सैकड़ों लोग अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए निर्भर हैं।

सीढ़ी से पार : नदी की नीरवता में गांवों का जीवन

पार्वती नदी के किनारे बसे अयाना क्षेत्र के गांवों के लोग प्रतिदिन इस 30 फीट लंबी लोहे की सीढ़ी से नदी पार करते हैं। नदी के बीच में कोई पुलिया नहीं है, जिससे क्षेत्र के लोगों का आना-जाना काफ़ी मुश्किल हो गया था। लेकिन यहां के निवासियों ने अपनी राह को आसान बनाने के लिए खुद ही एक हल खोज लिया। यह सीढ़ी बरसात में हटा दी जाती है, जब नदी का जलस्तर बढ़ जाता है और बाकी आठ महीने तक यह नदी पार करने का एकमात्र साधन बनी रहती है।

यह भी पढ़ें :राजस्थान रोडवेज की नई सुविधा, ई-मित्र भी बना सकेंगे RFID कार्ड

पुलिया का सपना

यहां के लोग वर्षों से पुलिया बनाने की मांग कर रहे हैं, ताकि उनका जीवन और भी सुलभ हो सके। पहले, राज्य सरकार ने सबमर्सिबल पुलिया बनाने का ऐलान किया था और प्रस्ताव भी भेजे थे, लेकिन सरकार बदलने के बाद इस पर कोई काम नहीं हो सका। लोग अब भी इंतजार कर रहे हैं कि एक दिन उनकी मेहनत रंग लाएगी और इस सीढ़ी के स्थान पर एक स्थायी पुलिया बनेगी।

यह भी पढ़ें :Rajasthan News : राहत की खबर, अब जमीन का पट्टा आसानी से मिलेगा, नियम में बदलाव

नाव हादसे ने बदल दी जिदंगी

करीब चार दशक पहले, एक नाव पलटने से लगभग 27 लोगों की जानें चली गई थी। इस दुखद हादसे ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी और नावों के चलने पर प्रतिबंध लगा दिया। तब से लोग 30 से 40 किमी का अतिरिक्त चक्कर लगाने लगे थे। यह स्थिति लंबे समय तक रही, तब जाकर ग्रामीणों ने खुद अपनी ओर से एक समाधान निकाला और इस संकरी पार्वती नदी के बीच लोहे की सीढ़ी का निर्माण किया। यह सीढ़ी अब गांवों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण साधन बन चुकी है।

यह भी पढ़ें :अब मक्का का गढ़ नहीं रहा बांसवाड़ा, यहां पर इस फसल की मची है जमकर धूम

दर्शनीय स्थल और धार्मिक महत्व

पार्वती नदी के बीच में एक पानी का झरना और जिन्द महाराज का धार्मिक स्थल स्थित है, जो इस क्षेत्र को और भी अधिक ऐतिहासिक और प्राकृतिक महत्व प्रदान करता है। सर्दियों में यहां पर्यटकों का जमावड़ा रहता है, जो इस खूबसूरत क्षेत्र के मनोरम दृश्य का आनंद लेने के लिए आते हैं। नदी के तट पर गोठों और पार्टियों का आयोजन भी होता है, जिससे इस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराएं और भी जीवंत हो जाती है।

यह भी पढ़ें :Rajasthan By-Election : राजस्थान उपचुनाव में रोचक तस्वीरें, जिन्होंने दिल को छुआ