जानकारी के अनुसार रामगंजमंडी-सुकेत सड़क मार्ग पर शनिवार शाम छह बजे ट्रैक्टर की चपेट में आने से 22 वर्षीय युवक की मौत हो गई थी। युवक की शिनाख्त नहीं होने पर शव को मोर्चरी में रखवाया था। पुलिस शिनाख्त के प्रयास में जुटी रही। शिनाख्त नहीं होने पर पांचवें दिन बुधवार को पुलिस ने शव के अंतिम संस्कार के लिए पालिका से सहायता मांगी। पालिका ने सफाईकर्मियों को मोर्चरी में भेजा। शव सडऩे से उठे दुर्गंध के भभके ने उनके कदम पीछे कर दिए। नाक पर रूमाल बांधने के बावजूद दुर्गन्ध कम नहीं हुई तो उन्होंने आधा घंटे तक शव नहीं उठाया गया। बाद में पुलिसकर्मियों की समझाइश पर सफाईकर्मियों ने शव उठाकर अंतिम संस्कार करवाया।
ढाई साल में भी नहीं लगा डी फ्रिज मोर्चरी में ऐसे हालात डी फ्रिज स्थापित नहीं करने के कारण बने हैं। ढाई साल पहले बनी इस मोर्चरी में डी फ्रिज के सामान आने के बाद भी इन्हें नहीं लगाया गया है। 15 लाख की लागत से यह मोर्चरी 31 मार्च 2016 को बनकर तैयार हो गई तो इसका उद्घाटन कराया गया। तब से ही इसमें शव रखे जाते हैं, लेकिन अब तक डी फ्रिज चालू नहीं हुआ।
उजागर हुई खामी मोर्चरी में डी फ्रिज के लिए दो एयर कंडीशनर, तीन रेक के सामान पहुंचे। कुछ महीने बाद ठेकेदार डी फ्रिज सहित सामान मोर्चरी में लगाने के लिए पहुंचा तो मोर्चरी के हालात देखकर उसने सामान लगाने में असमर्थता जताई। ठेकेदार का कहना था कि मोर्चरी नक्शे के अनुसार नहीं बनी। डी फ्रिज सहित इसमें फर्नीचर नहीं लगाया जा सकता।
दिसम्बर 18 में दुबारा बनाए प्रस्ताव मोर्चरी नक्शे के अनुरूप नहीं होने पर निर्माण खंड के अभियंताओं ने मौका निरीक्षण कर मोर्चरी में तोडफ़ोड़ कर सुविधाएं विकसित करने का 4.85 लाख का तकमीना बना प्रसताव मंजूरी के लिए दिसम्बर 18 में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशालय जयपुर भेज दिया। प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिली, जिससे मोर्चरी के लिए आया सामान चिकित्सालय परिसर में धूल खा रहा है।
मोर्चरी भवन में डी फ्रिज की सुविधा नहीं होने के कारण शव एक दिन ही रखे जाते हैं। शव सडऩे के मामले में पुलिस अधिकारियों को दूसरे दिन अवगत करा दिया था। लेकिन पुलिस विभाग द्वारा चार दिन तक शव नहीं उठवाया गया।
राजीव लोचन, चिकित्सा प्रभारी, रामगंजमण्डी सामुदायिक चिकित्सालय