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गैंगस्टर शिवराज ने कोर्ट परिसर में सरेआम दिखाई कोटा पुलिस की हकीकत, महकमे में मचा हड़कंप उल्लेखनीय है कि अगस्त 2017 में तत्कालीन रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने रेलवे में वीआईपी कल्चर को खत्म करने की पहल शुरू की थी। उन्होंने इस पहल के साथ रेलकर्मचारियों के नाम खुला पत्र भी लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि गुलदस्ते, उपहार, अत्यधिक खर्चीले समाराहों और अत्यधिक शिष्टाचार के रूप में किसी भी प्रकार की चमक-दमक से बचने की जरूरत है। यह कल्चर जिम्मेदारियों, कठिन कार्य से ध्यान बांटता है और संगठन को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। इस पत्र और रेल मंत्रालय की गाडड लाइन को अधिकारियों ने भुला दिया। इस दौरान डीआरएम पंकज शर्मा सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। यहां दिखा भेदभाव
स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर मुख्य संरक्षा आयुक्त ए.के. जैन के बैठने के लिए बनाए पांडाल में केवल वरिष्ठ प्रशासानिक ग्रेड (एसएजी) या उसके ऊपर के अधिकारियों को प्रवेश के निर्देश थे। पांडाल के दरवाजों पर बैनर लगाया गया, जिस पर स्पष्ट लिखा गया कि ये ब्लॉक एसएजी या उच्च अधिकारियों के लिए है। पर्यवेक्षक स्तर के अधिकारियों के दूसरे पांडाल में व्यवस्था थी। यहां पर्यवक्षक स्तर और पदोन्नति से आने वाले अधिकारी अहसज महसूस कर रहे थे।
स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर मुख्य संरक्षा आयुक्त ए.के. जैन के बैठने के लिए बनाए पांडाल में केवल वरिष्ठ प्रशासानिक ग्रेड (एसएजी) या उसके ऊपर के अधिकारियों को प्रवेश के निर्देश थे। पांडाल के दरवाजों पर बैनर लगाया गया, जिस पर स्पष्ट लिखा गया कि ये ब्लॉक एसएजी या उच्च अधिकारियों के लिए है। पर्यवेक्षक स्तर के अधिकारियों के दूसरे पांडाल में व्यवस्था थी। यहां पर्यवक्षक स्तर और पदोन्नति से आने वाले अधिकारी अहसज महसूस कर रहे थे।
वीआईपी कल्चर जैसी बात नहीं है, स्टेशन पर निर्माण कार्य चल रहा है, इसलिए धूल को रोकने के लिए कारपेट बिछाया गया। सुधार सरवरिया, एडीआरएम, कोटा रेल मंडल