कोटा थर्मल की धाक बरकरार, उम्रदराज यूनिटों से 80 लाख यूनिट बिजली बनाकर राजस्थान को कर दिया रोशन
शराब ठेकों को हटाने की मांग को लेकर धरने पर बैठी महिलाओं में से मंजूबाई, शारदा बाई, कलाबाई व कान्हा बाई की बुधवार सुबह तबियत खराब हो गई। स्थानीय पार्षद देवेन्द्र चौधरी मामा ने निजी चिकित्सालय से चिकित्सक को बुलाकर उन्हें दिखाया और अस्पताल में भर्ती कराने को कहा। धरना स्थल पर बैठी महिलाओं ने अस्पताल में भर्ती कराने से मना कर दिया उसके बाद धरना स्थल पर ही महिलाओं को ड्रिप चढ़ाई गई। इसके साथ ही धरने पर बैठी कुछ महिलाओं की तबियत भी खराब होने से उन्हें दवाइयां दिलावाई। Read more: हाड़ौती में किसानों को 100 करोड़ का नुकसान, लोकसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस को झुलसाएगा अन्नदाता का गुस्सा
धरने पर बैठी हेमलता ने बताया कि प्रशासन से लेकर आबकारी विभाग का कोई अधिकारी मौके पर नहीं आया। आबकारी विभाग में फोन करते है तो वे फोन काट देते हैं। उन्होंने चेतवानी दी की यदि शराब के ठेके नहीं हटाए गए तो आबकारी अधिकारी को कार्यालय से बाहर निकाल तेज धूप में सड़क पर बिठा देंगे।
भगवती कश्यप ने बताया कि महिलाएं भूखे प्यासे लगातार 24 घंटे धरने पर बैठी हुई है। भीषण गर्मी में खुले में टेंट लगाकर बैठी महिलाओं की तबीयत खराब हो रही है लेकिन प्रशासन व आबकारी विभाग को केवल कमाई से मतलब है जनता से कोई लेना देना नहीं। उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग इन दुकानों को शीघ्र ही अन्यत्र स्थानानंतरित करे।