read more : ‘हम फिट तो इंडिया फिट’ के fitness chanllange में शामिल हुए कोटा सिटी एसपी कानूनी मर्यादा का उल्लंघन और कबीलाई संस्कृति को प्रोत्साहित करने वाला फैसला तो नहीं है? पर रामदेव ने कहा कि जो लोग अच्छे काम में बाधा बन रहे हैं, उनके खिलाफ ऐसा ही बर्ताव होना चाहिए। बाबा रामदेव अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर कोटा में होने वाले तीन दिवसीय राष्ट्रीय योग समारोह में शामिल होने के लिए कोटा आए थे।
योग नॉन पॉलिटिकल और सेकुलर बाबा रामदेव ने कहा कि योग पूरी तरह से वैज्ञानिक और सेकुलर क्रिया है। इसका राजनीति और संप्रदाय से कोई लेना देना नहीं है। सांस लेने और छोडऩे, फिजिकल और मेंटल एक्ससाइज करने से भला किसी का धर्म कैसे बदल सकता है। योग ही ऐसी चीज है, जिससे सारे झगड़े और फसाद खत्म हो सकते हैं और उन पर खर्च होने वाला 30 लाख करोड़ का धन बचाकर राष्ट्र के कल्याण में लगाया जा सकता है।
कश्मीर समस्या का समाधान बाबा रामदेव ने कहा कि कश्मीर की समस्या का समाधान युद्ध और योग के संयुक्त अभ्यास से ही किया जा सकता है। जो बाहरी लोग हैं उनसे सेना युद्ध करे और अंदरूनी लोगों को योग का अभ्यास करा कर उनकी बुरी आदतें और अपसंस्कृति खत्म कर दी जाए।
कोटा में हो रहे योग दिवस कार्यक्रम का विरोध करेगी कांग्रेस पार्टी
आध्यात्मिक राष्ट्र बनाना चाहते हैं बाबा रामदेव ने कहा कि भारत आध्यात्मिक देश है। हम भारत को हिंदू राष्ट्र नहीं, अध्यात्मिक राष्ट्र बनाना चाहते हैं। मुस्लिमों से कहना चाहता हूं कि हमारे मजहब अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन पूर्वज एक। हम सभी का डीएनए योग आधारित है, इसलिए योग में सांप्रदायिकता नहीं स्वास्थ्य और सुख देखें।
आध्यात्मिक राष्ट्र बनाना चाहते हैं बाबा रामदेव ने कहा कि भारत आध्यात्मिक देश है। हम भारत को हिंदू राष्ट्र नहीं, अध्यात्मिक राष्ट्र बनाना चाहते हैं। मुस्लिमों से कहना चाहता हूं कि हमारे मजहब अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन पूर्वज एक। हम सभी का डीएनए योग आधारित है, इसलिए योग में सांप्रदायिकता नहीं स्वास्थ्य और सुख देखें।
‘वसुंधरा ने लगाए अमित शाह के रथ के पहिए में ब्रेक’ योग से ही बनी मोदी की पहचान बाबा रामदेव ने कहा कि योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने की जरूरत थी। हमने घर-घर जाकर भारत में माहौल तैयार किया, लेकिन विश्वमंच तक पहुंचाने के लिए राजनीतिक इच्छा शक्ति की जरूरत थी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिखाई। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में २१ जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित कराने के लिए 177 देशों को तैयार किया, जिसमें तमाम मुस्लिम राष्ट्र भी शामिल थे।