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मार्क जुकरबर्ग का बड़ा बयान, फेसबुक पर आने वाले विज्ञापनों में नहीं होती पूरी सच्चाई

locationनई दिल्लीPublished: Oct 19, 2019 08:31:41 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

जुकरबर्ग ने किया सोशल नेटवर्क नीतियों का बचाव
कहा, लोगों को खुद तय करना होगा सच-झूठ का फैसला

Facebook Founder Mark Zuckerberg

नई दिल्ली। फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने माना कि उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित विज्ञापनों में झूठे दावे और बयान शामिल होते हैं। उन्होंने सोशल नेटवर्क नीतियों का बचाव करते हुए कहा कि लोगों को खुद तय करना होगा कि विज्ञापनों में कितनी सच्चाई और कितना झूठ है।

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एफे न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, वाशिंगटन के जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में अपने भाषण के दौरान जुकरबर्ग ने स्वीकारा कि वह समाज और ऑनलाइन क्षेत्र में हो रहे ‘सत्य के ह्रास’ को लेकर चिंतित हैं। लेकिन साथ ही उन्होंने इस विचार को भी नकार दिया कि उनकी फर्म और अन्य तकनीकी कंपनियों को सोशल नेटवर्क पर दिए गए विज्ञापनों की सच्चाई की प्रमाणिकता का पता लगाना चाहिए।

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फेसबुक संस्थापक ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि ज्यादातर लोग एक ऐसी दुनिया में रहकर उन चीजों को पोस्ट करना चाहेंगे, जिसे तकनीकी कंपनियां 100 प्रतिशत सच मानती हैं।” उन्होंने आगे कहा, “मैं इस बात पर भरोसा नहीं करता कि लोकतंत्र में निजी कंपनियां नेताओं और समाचार का सेंसर करें।”

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जुकरबर्ग ने आगे कहा, “जनता को सच्चाई का निर्धारण करना चाहिए, न कि तकनीकि कंपनियों को।” उन्होंने कहा कि लोग चुनाव से संबंधित या अन्य चीजों को लेकर फेसबुक पर विज्ञापन देते हैं, अब ऐसे में कंपनियों के लिए यह काफी कठिन है कि वे इन विज्ञापनों की प्रमाणिकता का पैमाना कैसे तय करें।

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