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Breastfeeding Mothers: ब्रेस्टफीडिंग मां की थाली में जरूर होने चाहिए ये सुपरफूड्स, जच्चा-बच्चा दोनों के लिए फायदेमंद

Breastfeeding Mothers: ब्रेस्टफीडिंग करने वाली मां के लिए पोषण से भरपूर डाइट होना चाहिए, जो न केवल बच्चे के लिए जरूरी होता है, बल्कि मां की रिकवरी के लिए भी जरूरी है। ऐसे में कुछ सुपरफूड्स ऐसे होते हैं जो मां की थाली में जरूर होना चाहिए।

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भारत

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MEGHA ROY

Aug 08, 2025

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Healthy foods for breastfeeding mothers फोटो सोर्स – Freepik

Food For Breastfeeding Mothers: मां बनने के बाद बच्चे के पोषण की पहली और सबसे जरूरी चीज होती है मां का दूध। लेकिन सही पोषण केवल बच्चे के लिए नहीं, बल्कि मां के लिए भी अहम होता है, जिससे दूध पर्याप्त मात्रा और पोषण से भरपूर हो। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मां के शरीर में कई शारीरिक और हार्मोनल बदलाव होते हैं। इसलिए इस समय उसकी डाइट में कुछ ऐसे पोषण से भरपूर सुपरफूड्स शामिल होने चाहिए जो बच्चे और मां दोनों के लिए सेहतमंद हों। सही पोषण बच्चों की ग्रोथ और मां की रिकवरी को भी बेहतर बनाता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे फूड्स जो हर ब्रेस्टफीडिंग मां की थाली में जरूर होने चाहिए।

रागी

रागी को न्यूट्रिशन सुपरस्टार कहा जाता है क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में कैल्शियम होता है, जो डिलीवरी के बाद कमजोर हो चुकी हड्डियों को मजबूती देता है। इसके अलावा रागी में आयरन की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी को पूरा करने में मदद करता है। इसलिए ब्रेस्टफीडिंग माओं को रागी का सेवन जरूर करना चाहिए, जिससे दूध की मात्रा बढ़ाने में मदद मिलती है।

हरी पत्तेदार सब्जियां

पालक, मेथी, सरसों या चौलाई जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों में आयरन, कैल्शियम, फाइबर और फोलिक एसिड की मात्रा भरपूर होती है। ये न केवल शरीर की रिकवरी में मदद करती हैं, बल्कि मिल्क प्रोडक्शन को नेचुरल तरीके से बूस्ट करती हैं। साथ ही, ये सब्जियां मां की इम्युनिटी बढ़ाकर थकान और कमजोरी को भी दूर करती हैं।

मूंग दाल की खिचड़ी

ब्रेस्टफीडिंग के समय पाचन का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। मूंग दाल की खिचड़ी हल्की, सुपाच्य और प्रोटीन से भरपूर होती है, जो मां को भरपूर एनर्जी देने के साथ-साथ दूध की गुणवत्ता में भी सुधार करती है।

जीरा-अजवाइन पानी

प्राचीन भारतीय नुस्खों में जीरा और अजवाइन को ब्रेस्टफीडिंग के दौरान बेहद फायदेमंद माना गया है। इसका पानी रोजाना पीने से न केवल पाचन दुरुस्त होता है, बल्कि गैस और एसिडिटी जैसी समस्याएं भी दूर होती हैं। इसमें मौजूद लैक्टेशन बूस्टिंग गुण दूध के फ्लो को नेचुरली बेहतर बनाते हैं।

ओट्स

अगर आप दिनभर खुद को थका हुआ महसूस करती हैं, तो ओट्स को अपने डेली ब्रेकफास्ट रूटीन में शामिल कर सकती हैं। ओट्स में आयरन, बीटा-ग्लूकेन और फाइबर होता है, जो न केवल एनर्जी देता है, बल्कि दूध के प्रोडक्शन में भी मदद करता है। यह कब्ज की समस्या को भी दूर रखता है, जो अक्सर डिलीवरी के बाद होती है।

मेथी के बीज

मेथी के बीज को आयुर्वेद में लंबे समय से ब्रेस्टफीडिंग के लिए उत्तम माना गया है। इनमें पाए जाने वाले फाइटोएस्ट्रोजन हार्मोनल बैलेंस को दुरुस्त करते हैं और दूध की नलिकाओं को एक्टिव करते हैं। इन्हें रातभर भिगोकर सुबह गर्म पानी के साथ लेने से पेट की समस्या भी कम होती है। हालांकि, इनका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।