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Mothers’ Health: मां क्यों करती हैं स्वास्थ्य की उपेक्षा, ऐसे करे हर माँ खुद की देखभाल

Mothers' Health: क्या आपने कभी नोटिस किया है की एक माँ अक्सर अपने बच्चों, पेरेंट्स, परिवार और अपने काम के बीच बटीं रहती है। इन सबके बीच वो अपनी फिजिकल और मेंटल हेल्थ से समझौता कर बैठती है। इसकी वजह सोशल एक्सपेक्टेशंस , सोशल प्रेशर या फिर सपोर्ट की कमी हो सकती है। इसके चलते उन्हें हेल्थ से जुडी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस आर्टिकल में आइए जानते हैं कैसे मदर्स अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार ला सकती हैं।

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Mothers! Don't Neglect Your Health: Tips for Balancing Work, Family, and Self-Care

Mothers' Health: आज कई मदर्स अपने काम से अलावा अपने बच्चों के साथ - साथ अपने पेरेंट्स से जुड़ी चुनौतियों का सामना कर रही हैं। वर्कप्लेस और परिवार को संभालते हुए अक्सर एक माँ अपनी हेल्थ को प्रायोरिटी देना जरूरी नहीं समझती हैं। उनके लिए खुद की जरूरतों को दूसरों की इच्छाओं से पहले रखना मुश्किल होता है। इसकी वजह सोशल कंडीशनिंग, सामाजिक प्रेशर या फिर सपोर्ट की कमी हो सकती है। इसीलिए वे अक्सर खुद को कई जिम्मेदारियों से जूझते हुए पाती हैं और अपनी देखभाल के लिए बहुत कम समय निकल पाता है। इस आर्टिकल में हम ने कुछ ऐसे टिप्स साझा किये हैं जिनकी मदद से बढ़ती उम्र में हर माँ अपनी खुद की देखभाल व माता-पिता और अपने बच्चों से जुडी चुनौतियों का सामना कर सकती है। ये टिप्स उन्हें वर्क, होम और खुद के प्रति जिम्मेदारियों को बैलेंस करने में मदद कर सकते हैं।


Set boundaries: वर्कप्लेस, परिवार के सदस्य और दोस्तों के साथ बॉउंड्रीज़ निर्धारित करना आवश्यक है। इसके लिए आपको जरूरत पड़ने पर 'ना' कहना सीखना होगा और खुद की देखभाल को प्रायोरिटी बनानी होगी। लोगों के एक्सपेक्टेशंस और उनकी नाराज़गी के बावजूद आपको अपनी बॉउंड्री बनाये रखनी होगी। उन्हें आपकी बॉउंड्रीज़ की इज्जत तब होगी जब आप खुद अपनी इज्जत करेंगे। ऐसा करके आप अपने फिजिकल और मेन्टल हेल्थ से जुडी प्रोब्लेम्स को देना रोकने में मदद कर सकते हैं।

Yoga Exercise: हर दिन अपने खुद के लिए कम से कम एक से दो घंटे निकालें। इस दौरान मेडिटेशन, योग, वाकिंग या ब्रीथिंग एक्सरसाइजेज प्रैक्टिस करें। इसके अलावा अपनी की हॉबी जैसे किताबें पढ़ना, गार्डनिंग, एम्ब्रॉयडरी, आर्ट, पैनिटंग में थोड़ा समय व्यतीत करें। ऐसा करने से स्ट्रेस कम होगा, मूड अच्छा रहेगा और दूसरे कामों में फोकस बढ़ाने में मदद मिलेगी।

Sleep Well: अपने परिवार की नींद का ख़याल रखते हुए आपको अपनी नींद पर भी ध्यान देना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है की हर रात कम से कम रात 7-8 घंटे की नींद लेना आवश्यक है। इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है और दिनभर का काम भी बिना स्ट्रेस के हो जाता है।

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Healthy Diet: नियमित समय पर पौष्टिक खाना खाना जरूरी है। सब का ख़याल रखते हुए हर रोज की भागदौड़ में अगर आप अपना ब्रेकफास्ट, लंच या डिनर में से कुछ भी स्किप कर देती हैं, तो ऐसा करना आज से ही बंद करें। इसके अलावा बहुत ज़्यादा फ़ास्ट फ़ूड खाने से परहेज करें। यदि आप अक्सर अनहेल्दी खाना खाते हैं और अनियमित समय पर खाना खाते हैं तो आप बढ़ती उम्र के साथ कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो सकता है।

Seek Help: अपने मतलब के लिए नहीं लेकि अपनी जरूरत के लिए मदद मांगने से ना शरमाएं। यदि कोई सामने से मदद नहीं करते हैं, फिर चाहे वो परिवार के सदस्य क्यों ना हों, तो आप आगे बाद कर मदद मांगें। परिवार, दोस्तों और सोसाइटी के काम आने के साथ यह भी ध्यान रखें की वे सब भी जरूरत पड़ने पर आपके काम आए। सपोर्ट कोई भी हो, इमोशनल, मोरल, फिजिकल, मेडिकल या फाइनेंसियल जहां संभव हो अपनों से मदद लें और उनकी मदद करें।

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