
Right Time to Eat Curd : आयुर्वेद के अनुसार दही दिन में खाना अमृत समान है, लेकिन रात में नुकसानदायक।
Right Time to Eat Curd : दही हमारी भारतीय रसोई का एक ऐसा सिपाही जो खाने का स्वाद भी बढ़ाता है और सेहत का भी खजाना है। सुबह के नाश्ते से लेकर लंच की थाली तक, दही लगभग हर घर की जरूरत है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही सेहत का खजाना दही, अगर गलत समय पर खाया जाए तो आपको बीमार भी बना सकता है?
आयुर्वेद (Ayurveda) और मॉडर्न साइंस (Modern Science) दोनों ही इस बात पर जोर देते हैं कि दही को खाने का एक सही वक्त और तरीका होता है। अगर आपने इन छोटे-छोटे नियमों को मान लिया, तो दही आपके लिए किसी 'अमृत' से कम नहीं है।
दही की तासीर (प्रकृति) ठंडी होती है। यही वजह है कि इसे हमेशा दिन के समय खासकर दोपहर में खाना सबसे अच्छा माना जाता है।
आखिर क्यों?
पाचन शक्ति (Digestion) का हाई-टाइम: दोपहर में हमारी पाचन अग्नि (Digestive Fire) सबसे तेज होती है। इस समय दही खाने से शरीर इसके सारे पोषक तत्वों (Nutrients) को आसानी से पचा लेता है।
पेट को ठंडक: गर्मियों में या तेज़ धूप के बाद, दही पेट को तुरंत ठंडक देता है और एसिडिटी (Acidity) जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।
प्रोबायोटिक्स (Probiotics) का पॉवरहाउस: दही में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया (Probiotics) हमारी आंतों (Intestines) के स्वास्थ्य को सुधारते हैं, जिससे कब्ज़ (Constipation) और अपच (Indigestion) जैसी समस्याएं दूर रहती हैं।
एक्सपर्ट टिप (Value Addition): दही को और भी ज्यादा फायदेमंद बनाने के लिए इसमें भुना हुआ जीरा (Roasted Cumin) और काला नमक मिलाकर खाएं। यह न केवल स्वाद बढ़ाता है बल्कि गैस और पेट फूलने की समस्या में भी तुरंत आराम देता है।
रोज़ाना अपने खाने में एक कटोरी दही शामिल करने से आपके शरीर को ये ज़बरदस्त फायदे मिलते हैं:
हड्डियां और दांत: दही कैल्शियम और प्रोटीन का भंडार है, जो आपकी हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाता है। यह ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) जैसी बीमारियों के खतरे को कम करता है।
वजन घटाने में मददगार: दही पेट को लंबे समय तक भरा रखता है, जिससे आपको बार-बार भूख नहीं लगती और आप ओवरईटिंग (Overeating) से बचते हैं। इस तरह यह वज़न कंट्रोल करने में मदद करता है।
त्वचा और बाल: दही में लैक्टिक एसिड (Lactic Acid) होता है। इसे खाने से त्वचा में चमक आती है, और बालों में लगाने से यह रूसी (Dandruff) और खुजली को भी दूर करता है।
इम्यूनिटी बूस्टर (Immunity Booster): प्रोबायोटिक्स आंतों को स्वस्थ रखते हैं, जिसका सीधा असर हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) पर पड़ता है।
सबसे बड़ी और जरूरी बात— रात के समय दही खाने से बचना चाहिए।
इसका कारण विज्ञान और आयुर्वेद दोनों बताते हैं:
बढ़ता है कफ (Kapha): रात में हमारे शरीर का तापमान और गतिविधियाँ धीमी हो जाती हैं। दही की ठंडी तासीर शरीर में कफ दोष (Kapha Dosha) को बढ़ाती है।
सर्दी-जुकाम का न्योता: कफ बढ़ने से आपको तुरंत सर्दी, खांसी, गले में खराश और साइनस (Sinus) जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
विशेष ध्यान दें: अगर आपको पहले से ही अस्थमा (Asthma), जुकाम या जोड़ों के दर्द (Joint Pain) की समस्या है, तो आपको रात में और ठण्ड के मौसम में दही को पूरी तरह ना कह देना चाहिए।
याद रखें: दही तब तक अमृत है, जब तक उसे सही समय और सही मात्रा में खाया जाए। रात में दही को पूरी तरह से ना कहें और दोपहर में इसका भरपूर लाभ उठाएं।
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।
ians
Published on:
12 Oct 2025 04:13 pm
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