Healthy Lifestyle : अमेरिकन कॉलेज ऑफ़ कार्डियोलॉजी (American College of Cardiology) के अनुसार नेगेटिव साइकोलॉजिकल हेल्थ या मेन्टल हेल्थ, हार्ट डिजीज की रिस्क को बढ़ा सकता है। वहीं पॉजिटिव साइकोलॉजिकल हेल्थ से हार्ट डिजीज और डेथ का रिस्क कम हो सकता है।। इसलिए यह जरूरी है की हम स्ट्रेस मैनेजमेंट टेक्निक्स (Stress management techniques ) अपनाएं और अपनी लाइफस्टाइल में पॉजिटिव चेंजेज लाएं जिससे हमे हार्ट अटैक (Heart Attack) का खतरा ना हो। इस आर्टिकल में जानिये कैसे।
Heart attack prevention : पिछले कुछ सालों में ऐसे कई स्टडीज और रिसर्च हुए हैं जिनसे हार्ट अटैक (Heart attack)और स्ट्रेस के बीच गहरा सम्बन्ध बताया गया है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी (American College of Cardiology) के जर्नल में पब्लिश हुई एक स्टडी में बताया गया है कि जो लोगों वर्क/ जॉब रिलेटेड स्ट्रेस से परेशान हैं उनमें हार्ट अटैक होने की सम्भावना ज्यादा है। उनकी तुलना में जो लोग अपनी जॉब से संतुष्ट है या कम स्ट्रेस्ड है उनमें हार्ट अटैक का रिस्क कम होता है। वहीं यूरोपियन हार्ट जर्नल (European Heart Journal ) में पब्लिश्ड एक स्टडी के अनुसार जिन लोगों में ज़्यादा साइकोलॉजिकल स्ट्रेस जैसे की एंग्जायटी और डिप्रेशन पाया गया उनको दूसरों के मुकाबले हार्ट अटैक होने का रिस्क 30% ज़्यादा हैं। यह जरूरी है की जो लोग स्ट्रेस से परेशान हैं वे अपनी लाइफस्टाइल में पॉजिटिव चेंजेज ला कर मेन्टल स्ट्रेस को कम करने की कोशिश करें क्यूंकि स्ट्रेस और हार्ट अटैक का गहरा लिंक है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे लाइफस्टाइल चेंजेज के बारे में जिनसे आप स्ट्रेस मैनेज कर सकेंगे।
Coping with Stress
इस तरह करें स्ट्रेस मैनेज और रखें अपने हार्ट को हेल्थी
1. Exercise can help reduce stress : रेगुलर एक्सरसाइज से स्ट्रेस लेवल्स कम होने के साथ हार्ट हेल्थ भी इम्प्रूव होती है।
2. Relaxation techniques : योग, मैडिटेशन और ब्रीथिंग से भी स्ट्रेस कम होता है। ऐसे कई मोबाइल ऐप हैं जो मैडिटेशन करने के लिए काम आते हैं। डिजिटल डिटॉक्स करें गैजेट्स और सोशल मीडिया से ब्रेक लें।
3. Healthy habits : स्वच्छ खाना, दिन में 8 से 10 गिलास पानी, हेल्दी डाइट, 7 से 8 घंटे नींद एक हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए जरूरी है। इसके अलावा सिगरेट और शराब जैसी आदतों से दूर रहना भी स्ट्रेस कम करने में मदद करता है।
4. Support system : अपने फ्रेंड्स और फैमिली को अपना स्ट्रांग सपोर्ट मानें और उनसे मदद लेने में हिचकिचाएं नहीं। उनके साथ समय बिताएं और अपनी परेशानी और खुशियां दोनों उनसे शेयर करें।
5. Seek professional help : इन सब के बावजूद अगर आप एंग्जायटी और स्ट्रेस से नहीं लड़ पा रहे हैं तो किसी अच्छे मेन्टल हेल्थ प्रोफेशनल को दिखने में संकोच और देरी ना करें।
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