
Heart attack risk in postmenopausal women|फोटो सोर्स - Freepik
Women Health Tips: मेनोपॉज हर महिला की जिंदगी का एक प्राकृतिक पड़ाव है, जो लगभग 45 से 55 साल की उम्र के बीच आता है। यह सिर्फ पीरियड्स का अंत नहीं है, बल्कि हार्मोनल बदलावों के कारण शरीर और मन दोनों पर गहरा असर डालता है। इस दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन (Estrogen) नामक हार्मोन की मात्रा घटने लगती है, जो अब तक दिल को कई तरह की बीमारियों से बचाता रहा था। यही वजह है कि मेनोपॉज के बाद महिलाओं में हार्ट अटैक और अन्य हृदय रोगों का खतरा काफी बढ़ जाता है।लेकिन अच्छी बात यह है कि कुछ समझदारी भरे कदम और लाइफस्टाइल में बदलाव अपनाकर इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं मेनोपॉज के बाद दिल की सेहत को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी हेल्थ टिप्स।
मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल तेजी से घट जाता है। यह हार्मोन हृदय और धमनियों को हेल्दी रखने में अहम भूमिका निभाता है। जब इसकी कमी होती है, तो कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है,धमनियों में ब्लॉकेज बनने का खतरा बढ़ जाता है और मोटापा और डायबिटीज जैसी समस्याएं पनपने लगती हैं। यही कारण है कि इस उम्र की महिलाओं में हार्ट डिजीज की संभावना पुरुषों की तुलना में ज्यादा पाई जाती है।
Updated on:
12 Sept 2025 03:30 pm
Published on:
12 Sept 2025 03:23 pm
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