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कैंसर से लड़कर चैंपियन बनने तक, युवराज सिंह का जज्बा आज के युवाओं के लिए लाइफ-लेसन हैं

Yuvraj Singh Birthday: युवराज सिंह का ‘नेवर गिव अप’ अंदाज सबसे अलग है। 2011 के वर्ल्ड कप में बीमारी से लड़ते हुए भी उनका प्रदर्शन यह सिखाता है कि हमें भी अपनी जिंदगी में युवी की तरह कभी हार नहीं माननी चाहिए। जानिए उनका ये अंदाज युवाओं को कैसे प्रेरित कर रहा है।

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भारत

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Pratiksha Gupta

Dec 12, 2025

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युवराज सिंह की फाइल फोटो | Photo- Instagram/yuvisofficial

Happy Birthday Yuvraj Singh : भारतीय क्रिकेट के सबसे जज्बाती और प्रेरणा देने वाले खिलाड़ियों में से एक है, युवराज सिंह (43)। आज उनके जन्मदिन पर जब हम उनके करियर को याद करते हैं, तो सिर्फ चौकों-छक्कों की बरसात ही नहीं, बल्कि उनका 'Never Give Up' वाला जबरदस्त एटिट्यूड सबसे ज्यादा प्रेरित करता है।

2011 के वर्ल्ड कप में बीमारी से लड़ते हुए भी उनका प्रदर्शन यह सिखाता है कि हमें भी अपनी जिंदगी में युवी की तरह कभी हार नहीं माननी चाहिए। उनके जीवन की कहानी चुनौतियों से लड़ने, गिरकर उठने और खुद पर विश्वास रखने की सबसे मजबूत मिसाल है।

मुश्किलों के बावजूद अपना सर्वश्रेष्ठ देना

2011 वर्ल्ड कप के दौरान युवराज को जब सांस लेने में दिक्कत और लगातार कमजोरी से जूझ रहे थे। जो कि बाद में कैंसर निकला। फिर भी उन्होंने खेल को आगे रखा। ये बात बताती है कि हालात कितने भी कठिन हों, हिम्मत नहीं छोड़नी चाहिए।

हर भूमिका को जिम्मेदारी से निभाना

युवराज ने पूरे टूर्नामेंट में बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग तीनों में शानदार योगदान दिया। 362 रन और 15 विकेट लेकर वो भारत के सबसे शानदार खिलाड़ी ऑलराउंडर बने। जिंदगी में जब भी जिम्मेदारी मिले, उसे दिल से निभाएं।

आत्मविश्वास हर जीत की शक्ति है

इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई उनकी शानदार पारी, ये दिखाता है कि दबाव कितना भी हो, अगर आत्मविश्वास साथ हो तो हर कठिन रास्ता तय किया जा सकता है। जितना बड़ा दबाव आता है, उतना ही ज्यादा भरोसा खुद पर रखना चाहिए। हर अच्छी जीत की शुरुआत आत्मविश्वास से ही होती है।

गिरकर भी वापसी करना सीखें

कैंसर के इलाज ने उन्हें लगभग शून्य पर पहुंचा दिया था, लेकिन उन्होंने फिर भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दमदार वापसी की। गिरना असफलता नहीं होती, बल्कि दोबारा उठकर लड़ना ही असली जीत है। कमबैक स्ट्रॉन्गर एक आदत होनी चाहिए।