
लखनऊ. निकाय चुनाव में वोटिंग के दौरान मतदाता सूची में गड़बड़ी की बात सामने आ रही है। इसके चलते बड़ी संख्या में लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित रह गए। इस बार मतदाता सूची से जिनके नाम कटे, उनमें आम आदमी से लेकर, सांसद- मंत्री और विधायकों तक के नाम शामिल हैं। बांदा में तो महिला पार्षद प्रत्याशीका नाम बैलेट पेपर से ही गायब हो गया। इस पूरे मामले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि 'जब सांसद, मंत्री, मेयर तक के नाम वोटर लिस्ट से गायब हैं, तब आम जनता से वोट डालने की अपील का क्या फ़ायदा। इसे सुधारना ही होगा। नहीं तो जो उंगलियां वोट देने के बाद शान से उठायी जाती हैं, वो सरकार की मंशा पर उठने लगेंगी। चुनावी प्रक्रिया में विश्वास लोकतंत्र की सबसे बड़ी ज़रूरत है।' इससे पहले भी रविवार को अखिलेश यादव ने ट्वीट के जरिए सरकार के डिजिटल इंडिया पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि हमें ऐसा डिजिटल इंडिया नहीं चाहिए।
मतदाता सूची से इनके नाम हुए गायब
रविवार को निकाय चुनाव के दूसरे चरण में केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र समेत कई दिग्गज अपने मताधिकार का इसलिए इस्तेमाल नहीं कर सके क्योंकि मतदाता सूची से उनका नाम गायब था। केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र के अलावा मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, डीजीपी सुलखान सिंह और तीन बार के मेयर रहे डॉ. दाऊजी गुप्ता का नाम भी वोटर लिस्ट से गायब था। इससे पहले उन्नाव से भाजपा सांसद साक्षी महाराजने मतदाता सूची से अपना नाम गायब होना एक साजिश करार दिया, वहीं कांग्रेस की पूर्व विधायक अन्नू टंडन का भी नाम मतदाता लिस्ट से नदारद था। ये दिग्गजों की बात है, जबकि भारी संख्या में आम मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से गायब हैं।
भाजपा ने भी जताया विरोध
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक ने भी ट्वीट करते हुए वोटर लिस्ट में गड़बड़ी पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा कि 'बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से क्यों ग़ायब मिले, प्रथम और द्वितीय चरण के निकाय चुनाव के मतदान के समय?'
Updated on:
27 Nov 2017 01:13 pm
Published on:
27 Nov 2017 01:12 pm
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