
लालजी टण्डन का सभासद से राज्यपाल तक का सफर, देखें हैं राजनीति के कई रंग
लखनऊ. भाजपा नेता लालजी टंडन बिहार के नये राज्यपाल बनाये गये हैं। उन्हें भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी का बेहद करीबी माना जाता है। उन्होंने भी कहा है कि राजनीति में उन्हें अटल जी ही लाये थे। 2009 का लोकसभा चुनाव भी लालजी टंडन ने अटल जी की खड़ाऊं के सहारे ही जीता था। बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर का गर्वनर बनाया गया है, जिन्होंने 30 सितंबर 2017 को बिहार के राज्यपाल बने थे।
वर्ष 2009 में लालजी टंडन ने लखनऊ लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी को 40 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीति से सन्यास लेने के बाद लालजी टंडन को बीजेपी प्रत्याशी बनाया गया था। लालजी टंडन पुराने लखनऊ के चौक इलाके के निवासी हैं। बीती 16 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर वह बेहद दुखी नजर आये थे। मीडिया के कैमरों से उनके आंसू नहीं छिप सके थे।
लालजी टंडन का राजनीतिक सफर
जेपी आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले लालजी टंडन का राजनीतिक सफर वर्ष 1960 में शुरू हुआ। 83 वर्षीय लालजी टंडन को उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का वरिष्ठ नेता माना जाता है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहने वाले लालजी टंडन लखनऊ से सांसद रह चुके हैं। कल्याण सिंह की सरकार में उन्हें नगर विकास मंत्री बनाया गया था। लालजी टंडन दो बार विधान परिषद सदस्य चुने गये। उन्होंने सदन में नेता प्रतिपक्ष की भी जिम्मेदारी निभाई है।
इन राज्यों में भी नये राज्यपाल
केंद्र सरकार ने सात राज्यों में राज्यपाल बदले हैं। इनमें लालजी टंडन को बिहार, गंगा प्रसाद को सिक्किम, सतपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर, सत्येदव नारायण आर्य को हरियाणा, बेबी रानी मौर्य को झारखंड, तथागत रॉय को मेघालय और कप्तान सिंह सोलंकी को त्रिपुरा का नया राज्यपाल बनाया गया है।
Updated on:
21 Aug 2018 08:29 pm
Published on:
21 Aug 2018 08:15 pm
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