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Lucknow Crime: 11वीं की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म, पुलिस मुठभेड़ में एक आरोपी घायल -दो गिरफ्तार

Class 11 Girl Gang-Raped in Lucknow Banthra Area: लखनऊ के बंथरा थाना क्षेत्र में 17 वर्षीय कक्षा 11 की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात से सनसनी फैल गई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को हिरासत में लिया और मुठभेड़ में एक आरोपी को गोली लगी। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है, जांच जारी है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Oct 12, 2025

पुलिस मुठभेड़ में एक आरोपी घायल-दो हिरासत में (Photo source: police WhatsApp group)

पुलिस मुठभेड़ में एक आरोपी घायल-दो हिरासत में (Photo source: police WhatsApp group)

Lucknow Crime Banthra Gang Rape Case: राजधानी लखनऊ के बंथरा थाना क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। शनिवार को 17 वर्षीय कक्षा 11 की छात्रा के साथ कुछ दरिंदों ने सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए कार्रवाई की और शनिवार देर रात हरौनी क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में एक आरोपी के पैर में गोली लगी, जबकि दो को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

घटना की पूरी कहानी

जानकारी के अनुसार, बंथरा क्षेत्र की रहने वाली किशोरी इलाके के ही एक इंटर कॉलेज में कक्षा 11 में पढ़ती है। उसकी बड़ी बहन की हाल ही में डिलीवरी हुई थी। शनिवार दोपहर करीब 12 बजे छात्रा ने बहन को देखने जाने की बात कहकर घर से निकलने की अनुमति ली। रास्ते में उसने अपने एक परिचित युवक को साथ चलने के लिए बुलाया। दोनों बाइक से बने-मोहान रोड स्थित हरौनी पेट्रोल पंप के पास पहुंचे और वहां पास के एक आम के बाग में कुछ देर रुक गए।

इसी दौरान चार से पाँच युवक वहां पहुंचे और दोनों को घेर लिया। जब छात्रा के परिचित ने विरोध किया तो आरोपियों ने उसकी पिटाई कर दी और जान से मारने की धमकी देते हुए उसे वहां से भगा दिया। इसके बाद चारों युवकों ने किशोरी को धमकाते हुए बारी-बारी से दुष्कर्म किया। घटना के बाद पीड़िता को धमकी दी गई कि यदि उसने किसी से इस बारे में बताया तो उसे और उसके परिवार को जान से मार दिया जाएगा। किसी तरह हिम्मत जुटाकर छात्रा वहां से भाग निकली और पास ही के गांव में रहने वाले अपने बहनोई को फोन कर पूरी घटना बताई। बहनोई के साथ वह तुरंत हरौनी पुलिस चौकी पहुँची और पुलिस को पूरी आपबीती सुनाई।

पुलिस की तत्परता और कार्रवाई

सूचना मिलते ही बंथरा थाना प्रभारी निरीक्षक राणा राजेश सिंह, एसीपी कृष्णानगर व अन्य पुलिस अधिकारी हरौनी चौकी पहुंचे। छात्रा के बयान के आधार पर पुलिस ने तत्काल केस दर्ज किया और खोजबीन शुरू कर दी। पुलिस ने पीड़िता के बताए संकेतों के आधार पर दो संदिग्ध युवकों को हिरासत में लिया और पूछताछ शुरू की।

रविवार सुबह बंथरा पुलिस की टीम जब मुख्य आरोपी की तलाश में हरौनी क्षेत्र में दबिश दे रही थी, तभी आरोपी ने भागने का प्रयास किया। पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने पुलिस टीम पर फायर कर दिया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिसमें आरोपी के पैर में गोली लगी। उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

पीड़िता का मेडिकल परीक्षण और जांच

पुलिस ने बताया कि पीड़िता को मेडिकल परीक्षण के लिए भेजा गया है। एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) की टीम ने भी घटनास्थल से सबूत जुटाए हैं। पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल फोन, कपड़े और अन्य वस्तुएं जब्त की हैं ताकि डीएनए जांच के माध्यम से अपराध की पुष्टि की जा सके।

प्रशासन की सख्ती

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कमिश्नर ने स्वयं मामले की रिपोर्ट तलब की है। बंथरा और हरौनी क्षेत्र में पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं ताकि शेष फरार आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जा सके। बंथरा प्रभारी निरीक्षक राणा राजेश सिंह ने बताया कि  घटना बेहद गंभीर है। पीड़िता के बयान दर्ज कर लिए गए हैं और मेडिकल जांच की प्रक्रिया पूरी कराई जा रही है। दो लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है, जबकि एक आरोपी मुठभेड़ में घायल हुआ है। शेष की तलाश जारी है।”

कानूनी कार्रवाई और धाराएँ

इस मामले में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376D (सामूहिक दुष्कर्म), 506 (धमकी) और POCSO अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। आरोप सिद्ध होने पर अपराधियों को आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।

सामाजिक प्रतिक्रिया

घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया है। ग्रामीणों ने पुलिस से मांग की है कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए ताकि भविष्य में कोई ऐसी हरकत करने से पहले सौ बार सोचे। कई सामाजिक संगठनों ने पीड़िता के परिवार को सहयोग और कानूनी सहायता देने की घोषणा की है।

महिला सुरक्षा पर सवाल

यह घटना एक बार फिर सवाल उठाती है कि आखिर युवतियों की सुरक्षा के लिए समाज और प्रशासन कितने तैयार हैं। स्कूल-कॉलेज जाने वाली लड़कियों को अब भी रास्तों में असुरक्षित महसूस करना पड़ता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मामलों में तेजी न्यायिक प्रक्रिया और सख्त सजा ही निवारक कदम साबित हो सकते हैं।