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कौन हैं गैंगरेप मामले में सजा काट रहे समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री? इस वजह से 1 महीने तक जेल से रहेंगे बाहर

UP News: जानिए कौन है गैंगरेप मामले में सजा काट रहे समाजवादी पार्टी के पूर्व मंत्री? क्यों 1 महीने तक जेल से बाहर रहेंगे? अब तक का राजनीतिक सफर कैसा रहा है?

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लखनऊ

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Harshul Mehra

Nov 04, 2025

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सपा सांसद ने बिहार में हार का ठीकरा चुनाव आयोग पर फोड़ा। प्रतीकात्मक तस्वीर

Gayatri Prajapati Granted One Month Parole: यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री और समाजवादी पार्टी (SP) के वरिष्ठ नेता गायत्री प्रसाद प्रजापति को लखनऊ जिला जेल से 1 महीने की अंतरिम पैरोल मिली है। यह पैरोल उनके परिवार के सदस्यों के इलाज के लिए दी गई है। पैरोल के दौरान प्रजापति अपनी बहन और भाई का इलाज कराएंगे। उनकी पैरोल याचिका पर जिला मजिस्ट्रेट की अदालत ने सख्त शर्तों के साथ फैसला सुनाया है।

गैंगरेप का 2017 में हुआ था केस दर्ज

बता दें कि 2017 में गायत्री प्रसाद प्रजापति पर एक महिला और उनकी नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप, धमकी और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद CBI ने इस मामले की जांच की थी। नवंबर 2021 में विशेष अदालत ने उन्हें और उनके 2 सहयोगियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। तब से प्रजापति लखनऊ जेल में बंद हैं।

बहन और भाई को गंभीर बीमारी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सितम्बर 2024 में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति को जमानत दी थी, लेकिन गैंगरेप केस में उनकी जमानत याचिका खारिज हो गई। पैरोल याचिका में प्रजापति के वकील ने बताया कि उनकी बहन को किडनी से जुड़ी बीमारी है। साथ ही उनके भाई को हृदय रोग से पीड़ित हैं। परिवार के अन्य सदस्य व्यस्त होने की वजह से प्रजापति ही दोनों के इलाज का प्रबंधन कर सकते हैं।

कोर्ट ने शर्तों के साथ मंजूरी की पैरोल

मेडिकल रिपोर्ट्स और परिवार के बयानों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने प्रजापति की पैरोल मंजूर कर दी है। हालांकि कोर्ट ने प्रजापति को शर्त के रूप में प्रतिदिन थाने में हाजिरी देने, राज्य के बाहर ना जाने और सोशल मीडिया पर कोई राजनीतिक गतिविधि ना करने का निर्देश दिया गया है। पैरोल का समय 4 दिसंबर तक है, जिसके बाद उन्हें वापस जेल लौटना होगा।

कौन हैं गायत्री प्रजापति

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबित, गायत्री प्रसाद प्रजापति का जन्म 16 जुलाई 1963 को अमेठी जिले के परसावां गांव में कुम्हार सुकई राम के घर हुआ था। 1984 में उन्होंने अमेठी के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड में पुताई का काम शुरू किया इसके बाद में वह ठेकेदारी करने लगे। 1993 में उन्होंने पहली बार बहुजन क्रांति दल के टिकट पर विधान सभा चुनाव लड़ा, लेकिन वह हार गए।

गायत्री प्रजापति का राजनीतिक सफर

क्रम संख्यावर्ष / अवधिघटना / विवरण
11996मुलायम सिंह यादव के नजदीक आए और समाजवादी पार्टी से टिकट मिला; अमेठी विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन जीत नहीं सके।
22002तीसरी बार विधानसभा चुनाव लड़ा और फिर हार गए।
32007समाजवादी पार्टी से टिकट नहीं मिला।
42012चौथी बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस की अमीता सिंह को हराया।
52013 (आरंभ)अखिलेश यादव के मंत्रिमंडल विस्तार में राज्य मंत्री (सिंचाई विभाग) बनाए गए; शिवपाल यादव कैबिनेट मंत्री थे।
6जुलाई 2013खनन विभाग में स्वतंत्र प्रभार के मंत्री बने।
72013 (मध्य)लखनऊ में भूमि पर अवैध कब्जे के मामले में हाईकोर्ट का नोटिस मिला; कब्जा हटाने का निर्देश दिया गया।
82014खनन विभाग में प्रोन्नत होकर कैबिनेट मंत्री बने; लोकसभा चुनाव में सपा के प्रमुख प्रचारकों में से एक रहे और हेलीकॉप्टर से प्रचार किया।
92014–2015उन पर अवैध संपत्ति अर्जित करने सहित कई आरोप लगे; लोकायुक्त के पास शिकायत दर्ज हुई।
102016हाईकोर्ट ने खनन विभाग की शिकायतों पर सीबीआई जांच का आदेश दिया।
1112 सितंबर 2016तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें मंत्रिपरिषद से बर्खास्त किया; मुलायम सिंह यादव नाराज हुए।
1226 सितंबर 2016बर्खास्तगी के पंद्रह दिन बाद दोबारा मंत्री बनाया गया।
1318 फरवरी 2017गायत्री प्रसाद प्रजापति और छह सहयोगियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई।
142017विधानसभा चुनाव में भाजपा की गरिमा सिंह से पराजित हुए।
15राजनीतिक सफर संघर्षपूर्ण और विवादों से भरा रहा; कई कानूनी लड़ाइयां लड़ीं।
आंकड़े मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हैं।