
अस्पतालों में लगती है मुफ्त वैक्सीन
लखनऊ में स्वास्थ्य विभाग का अभियान भले ही कागजों पर सफल हो लेकिन सच्चाई यह है कि उसके पास वाहनों का अभाव रहता है। इधर, छूटे बच्चों के टीकाकरण का अभियान चलाया जा रहा है तो इसमें गाड़ियों की कमी ही बाधा बन गई है। गाड़ियों की कमी से अभियान को रफ्तार काफी धीमी पड़ गई है। निगरानी में भी अड़चन आ रही है। बच्चों के सिर पर घातक बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है।
जिलाधिकारी ने लगाई फटकार
डीएम ने छूटे बच्चे के टीकाकरण में पीछे रहने पर फटकार लगाई थी। लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए। छूटे बच्चों के टीकाकरण की जो लिस्ट बनी थी, उसमें 80 फीसदी लक्ष्य पूरा करना था। मात्र 72 फीसदी ही पूरा हुआ था। इस पर डीएम ने 19 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षकों का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं।
अस्पतालों में लगती है मुफ्त वैक्सीन
सरकारी अस्पतालों में पांच साल तक के बच्चों को 12 तरह की गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए मुफ्त वैक्सीन लगाई जाती है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में निमोनिया, रोटावायरस, बीसीजी, पेंटावैलेंट, मीजल्स, रूबेला, पोलियो व विटामिन ए समेत अन्य जानलेवा बीमारियों से बचाव की वैक्सीन लगाई जा रही है। बड़ी संख्या में अभिभावक बच्चों को टीका नहीं लगवाते हैं। ऐसे बच्चों की स्वास्थ्य विभाग ने सूची बनवाई। अभियान चलाया। पर, अभी तक छूटे बच्चों का महज 72 फीसदी ही टीकाकरण हो पाया है।
अधिकारी ने बताई वजह
अधिकारियों ने बताया कि गाड़ियों की कमी टीकाकरण में बाधा बन गई है। अभियान की निगरानी नहीं हो पा रही है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एम के सिंह ने बताया कि लखनऊ में 112440 बच्चों के टीकाकरण का लक्ष्य है। 98343 बच्चों का टीकाकरण हो चुका है।
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Published on:
25 Mar 2023 08:04 am
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