
यूपी में शादी में सिर्फ 200 की अनुमति चुनावी रैलियों में जुट रहे दो लाख, दोहरी नीति पर उठे सवाल
लखनऊ. कोरोना वायरस संक्रमण का दौर एक बार फिर शुरू हो गया है। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की दहशत से यूपी सरकार अलर्ट हो गई। और सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल कदम उठाते हुए, यूपी के 75 जिलों में शनिवार से नाइट कर्फ्यू लगाने का ऐलान कर दिया है। क्रिसमस त्यौहार का रात यानि 25 दिसंबर की रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक रात का कर्फ्यू लगाया जाएगा। इसके साथ ही शादी-विवाह आदि सार्वजनिक आयोजनों में प्रशासन की अनुमति के बाद 200 लोग शामिल हो सकेंगे। कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन होगा। इधर यूपी विधानसभा की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। अब जनता के दिमाग में एक सवाल कौंध रहा है कि, क्या चुनावी रैलियों और यात्राओं में महज़ 200 लोग आएंगे? और क्या कोरोना का खतरा भी सिर्फ़ रात में होगा? उधर चुनाव टालने की इलाहाबाद हाईकोर्ट की अपील को रामगोपाल ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण, कहा- सुप्रीम कोर्ट ऐसे लोगों पर करे कार्रवाई
यूपी में शनिवार से रात्रिकालीन कर्फ्यू
सीएम योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपनी टीम-9 को आदेश दिया है कि शनिवार से रात्रिकालीन कर्फ्यू को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए। कोई भी कार्यक्रम प्रशासन की अनुमति के बिना नहीं होगा, चाहे शादी हो या सार्वजनिक आयोजन। और इसमें सिर्फ 200 व्यक्तियों को शामिल होने की इजाजत मिलेगी। पूरे प्रदेश में सार्वजनिक जगहों पर सामाजिक दूरी और मास्क का उपयोग अनिवार्य है। सीएम योगी ने सरकारी अस्पतालों में बेडों की संख्या बढ़ाने और अन्य जरूरी उपाय करने को कहा है।
बचाव ही सर्वाधिक सुरक्षित माध्यम- सीएम योगी
सीएम योगी ने कहाकि, कोविड से बचाव के लिए ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और टीकाकरण की नीति के सही क्रियान्वयन से प्रदेश में स्थिति नियंत्रित है। हमको इसको किसी तरह से रोकना है। अत: बचाव ही सर्वाधिक सुरक्षित माध्यम है।
कोरोना ने बदला जीवन का रंग ढंग
क्रिसमस और नए साल की पार्टी को लेकर बच्चे-बूढ़े सभी इंतजार में थे। पर अब यह संभव नहीं हो पाएगा। अब आप सिर्फ आनलाइन बधाई ही दे सकेंगे। कोरोना ने जीवन को बदल दिया है। संक्रमण से बचाव के लिए यह नारा लोकप्रिय हो गया है कि, दो गज की दूरी मास्क है जरूरी। स्कूल, नौकरी, बाज़ार, शादी जन्म और मृत्यु के रीति रिवाज़, सिनेमा हॉल सब पर कोरोनावायरस गाइडलाइन का असर हुआ। पर राजनीति और नेताओं की चुनावी रैलियों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। रैलियों हो रहीं है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की चिंता
देश में कोरोना के खतरनाक वेरिएंट ओमिक्रोन के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर का सामना न करना पड़े इसीलिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग से अपील की है कि, रैलियों पर रोक लगाई जाए और चुनाव टालने पर भी विचार किया जाए। इलाहाबाद हाईकोर्ट की चिंता इन शब्दों में समझें :—
1.विधानसभा चुनाव की वजह से तीसरी लहर फैलने से रोकें।
2.राजनीतिक पार्टियों की भीड़ वाली रैलियों पर रोक लगाएं।
3.रैलियों और चुनावी सभाएं रोकने के लिए कड़े कदम उठाए।
4.प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें, जान है तो जहान है।
5.जीवन रहेगा तो चुनावी रैलियां और सभाएं होती रहेंगी- हाई कोर्ट।
पीएम मोदी ने बैठक की
कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग की है। और देशवासियों को भी सावधान और सतर्क रहने की सलाह दी है।
जनवरी में तीसरी लहर आने की आशंका - प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर पद्मश्री मणींद्र अग्रवाल ने कहाकि, ओमिक्रॉन के खतरे को टाला नहीं जा सकता। केवल इससे सचेत रहने की जरूरत है। जनवरी में तीसरी लहर आने की आशंका है। फरवरी में इसका पीक आ सकता है। सावधानी बरतें। मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। इसी से ओमिक्रॉन से बचा जा सकता है।
चुनाव टालने की अपील दुर्भाग्यपूर्ण - रामगोपाल यादव
इलाहाबाद हाईकोर्ट की चुनाव टालने की अपील को सपा सांसद राम गोपाल यादव ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। यादव ने कहा कि हाइकोर्ट में बैठे लोगों का इस तरह का अनचाहा फैसले लेना दुर्भाग्यपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट को ऐसे फैसले लेने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए। दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को चुनाव आयोग से चुनावी रैलियों पर रोक लगाने की अपील की थी। इसके साथ ही कोर्ट ने आयोग को आगामी विधानसभा चुनाव टालने के लिए भी कहा था।
Published on:
24 Dec 2021 04:58 pm
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