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Lucknow Diwali Firing: जहां दीप जलने थे, वहां गोलियां चलीं – पटाखे के विवाद में अधिवक्ता लहूलुहान

Lucknow के ठाकुरगंज इलाके में दिवाली की रात पटाखे दागने से मना करने पर अधिवक्ता को पड़ोसी ने गोली मार दी। विवाद बढ़ने पर आरोपी पिता-पुत्र ने तमंचे से फायरिंग की। अधिवक्ता के सिर में गोली लगी, जिन्हें ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Oct 21, 2025

ठाकुरगंज में दिवाली की रात चली बंदूक, पड़ोसी ने गुस्से में की फायरिंग - परिवार में दहशत, पुलिस ने की जांच शुरू (फोटो सोर्स : Police Department )

ठाकुरगंज में दिवाली की रात चली बंदूक, पड़ोसी ने गुस्से में की फायरिंग - परिवार में दहशत, पुलिस ने की जांच शुरू (फोटो सोर्स : Police Department )

Lucknow Diwali Firing Updates: दिवाली की रात जहां एक ओर राजधानी रोशनी और खुशियों से जगमगा रही थी, वहीं दूसरी ओर ठाकुरगंज इलाके में पटाखों के शोर से शुरू हुआ विवाद गोलीबारी तक पहुंच गया। घर के सामने पटाखे दागने से मना करने पर एक अधिवक्ता को पड़ोसी ने सिर में गोली मार दी, जिससे पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। घायल अधिवक्ता को गंभीर हालत में केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों की एक टीम उनका इलाज कर रही है।

दिवाली की रात पटाखों से शुरू हुआ झगड़ा

मामला ठाकुरगंज थाना क्षेत्र के एकता नगर इलाके का है। यहां रहने वाले अधिवक्ता दीपेन्द्र सिंह के परिवार में दिवाली की रात एक दर्दनाक हादसा हो गया। दीपेंद्र के भाई सुमेंद्र सिंह के अनुसार, रात करीब 10 बजे उनके पड़ोसी अमर सिंह और उनका बेटा विकास सिंह घर के ठीक सामने पटाखे दाग रहे थे। सुमेंद्र ने बताया कि उनके घर में एक गाय पली हुई है, जो पटाखों की तेज आवाज से बुरी तरह डर गई। अचानक शोर से घबराकर गाय ने जंजीर तोड़ दी और इधर-उधर भागने लगी। इससे घर में अफरा-तफरी मच गई। उन्होंने बताया कि मैंने सिर्फ इतना कहा था कि कृपया घर के पास पटाखे मत चलाइए, जानवर डर जाते हैं। लेकिन बात बढ़ गई, गाली-गलौज शुरू हो गई और देखते ही देखते झगड़ा बढ़ गया।”

गाली-गलौज से गोलीबारी तक पहुंचा मामला

सुमेंद्र के मुताबिक, उनके टोकने पर अमर सिंह और उनका बेटा विकास सिंह भड़क गए। बात-बात में कहासुनी इतनी बढ़ गई कि अमर सिंह ने बेटे से कहा कि “गोली मार दो, बहुत समझदार बन रहा है। आरोप है कि पिता के उकसाने पर विकास सिंह ने जेब से तमंचा निकाला और अधिवक्ता दीपेंद्र सिंह पर फायर झोंक दिया। गोली उनके सिर के ऊपरी हिस्से को छूते हुए निकल गई, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए और मौके पर गिर पड़े।

चीख-पुकार सुनकर मोहल्ले के लोग इकट्ठा हो गए। लोगों ने आनन-फानन में घायल अधिवक्ता को निजी वाहन से केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया। डॉक्टरों ने बताया कि गोली सिर को छूकर निकल गई है, जिससे खून ज्यादा बहा, लेकिन फिलहाल उनकी स्थिति नियंत्रण में है।

दिवाली की खुशी मातम में बदली

इस घटना ने दिवाली के जश्न को मातम में बदल दिया। दीपेंद्र के परिजन और मोहल्ले वाले अब भी सदमे में हैं। पड़ोसियों का कहना है कि दीपेंद्र और अमर सिंह के बीच पहले से किसी भी प्रकार की रंजिश नहीं थी। यह अचानक गुस्से और असहिष्णुता की घटना है, जो त्योहार की रात खून से रंग गई। स्थानीय निवासी रामभरोसे यादव ने बताया कि दीपेंद्र बहुत शांत स्वभाव के हैं। उन्होंने बस विनम्रता से पटाखे दूर जलाने को कहा था। लेकिन सामने वाला परिवार उग्र हो गया। इस तरह दिवाली पर गोलियां चलना बहुत शर्मनाक है।”

मौके से आरोपी फरार, पुलिस कर रही तलाश

फायरिंग की सूचना मिलते ही ठाकुरगंज पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने घटनास्थल से एक खाली कारतूस बरामद किया है। आरोपी विकास सिंह और उसके पिता अमर सिंह फिलहाल फरार हैं। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की है और आसपास के इलाकों में कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है। डीसीपी पश्चिम राहुल राज ने बताया कि थाने में पीड़ित परिवार की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों की तलाश में टीमें दबिश दे रही हैं। जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।”

मामले में FIR दर्ज

ठाकुरगंज थाने में अधिवक्ता के भाई सुमेंद्र सिंह की तहरीर पर विकास सिंह और उसके पिता अमर सिंह के खिलाफ धारा 307 (हत्या के प्रयास), 504 (गाली-गलौज) और 506 (जान से मारने की धमकी) के तहत FIR दर्ज की गई है। पुलिस का कहना है कि अगर जांच में अवैध हथियार की पुष्टि होती है, तो आर्म्स एक्ट की धाराएं भी जोड़ी जाएंगी। साथ ही, आसपास लगे CCTV कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है ताकि फायरिंग की पुष्टि और घटनाक्रम का पूरा क्रम सामने आ सके।

इलाज जारी, ट्रॉमा सेंटर में सुरक्षा बढ़ाई गई

दीपेंद्र सिंह का इलाज KGMU ट्रामा सेंटर में चल रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक, गोली सिर को रगड़ते हुए निकल गई थी, जिससे गंभीर रक्तस्राव (Bleeding) हुआ है, लेकिन ब्रेन डैमेज नहीं हुआ। अधिवक्ता को फिलहाल ICU में निगरानी में रखा गया है। अस्पताल प्रशासन ने सुरक्षा को देखते हुए पुलिस तैनात की है, क्योंकि घटना के बाद दोनों पक्षों में तनाव की स्थिति बनी हुई है।

कानूनी बिरादरी में आक्रोश

घटना के बाद लखनऊ बार एसोसिएशन और अधिवक्ताओं में भारी रोष है। बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की जाए और अधिवक्ताओं की सुरक्षा के लिए विशेष प्रोटोकॉल बनाया जाए। बार एसोसिएशन अध्यक्ष अरुण तिवारी ने कहा कि अगर अधिवक्ता तक सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की कल्पना कैसे की जा सकती है? दीपावली की रात गोलियां चलना समाज की असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है।”

त्योहारों पर बढ़ती असंवेदनशीलता का उदाहरण

सामाजिक विशेषज्ञों के अनुसार, दीपावली जैसे त्योहार पर होने वाले ऐसे झगड़े बढ़ती असहिष्णुता और अधीरता का परिणाम हैं। जहां त्योहार खुशियों और मेलजोल का प्रतीक होना चाहिए, वहीं अब वह अहंकार और हिंसा का कारण बन रहे हैं। समाजशास्त्री डॉ. अर्चना रस्तोगी कहती हैं कि यह घटना हमें याद दिलाती है कि शोर और दिखावे से बड़ी चीज इंसानियत है। थोड़ी-सी समझदारी न दिखाने पर एक परिवार त्योहार की रात मौत के साये में पहुंच गया।”

पुलिस ने की अपील: शांत रहें, कानून पर भरोसा रखें

ठाकुरगंज पुलिस ने इलाके के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। स्थानीय थाने के प्रभारी नवीन चंद्र सिंह ने बताया कि इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है। किसी भी तरह की अफवाह फैलाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है।”

त्योहार की रात, हिंसा का साया

जहां दीपावली खुशियों, भाईचारे और प्रकाश का प्रतीक है, वहीं लखनऊ की यह घटना समाज के लिए आईना है। जहां थोड़ी-सी नाराजगी ने एक परिवार की खुशियां छीन लीं। अधिवक्ता दीपेंद्र सिंह जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं, जबकि आरोपी पिता-पुत्र फरार हैं। यह घटना न सिर्फ कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि यह सवाल भी छोड़ जाती है कि क्या हम त्योहारों को जश्न की तरह मना रहे हैं या अहंकार की तरह?