पति ने अपना दर्द साझा करते हुए कि घर के सारे काम मुझे खुद अकेले ही करने पड़ते हैं। पत्नी की इन आदतों परेशान होकर वह उससे अलग होना चाहता है। पति की इन बातों को सुनकर मामले की सुनवाई कर रहे प्रधान न्यायाधीश भी मुस्कुरा दिए। इसपर उन्होंने पत्नी से सवाल भी किया कि उसके द्वारा ऐसी मांग क्यों की जाती है? पत्नी ने कोर्ट से कहा पति ने उससे शादी की है इसलिए वह अपनी जरूरत का सामान उससे मांगती है। इसके अलावा वह अपने पति के साथ ही रहना चाहती है, लेकिन वह उसे अपने साथ नहीं रखना चाहता। उसने कहा मुझे तलाक चाहिए।
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कहीं आपकी भी किस्मत का कनेक्शन तो नहीं जुड़ा श्रीलंका से, जानिए क्या पड़ेगा आपके जीवन पर प्रभाव युवाओं में नहीं सहनशीलता परामर्श दाता फैमिली कोर्ट, ज्योत्सना गिरि ने कहा कि अब छोटी-छोटी वजहों से तलाक लेने आने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। आज के युवा की मानसिकता संकुचित होती जा रही है। लड़कियां शादी के बाद संयुक्त परिवार में रहने से बचती हैं। उन्हें समझना होगा कि जीवन की गाड़ी पति-पत्नी रूपी दो पहियों पर चलती है। एक पहिया भी गड़बड़ाएगा तो गाड़ी आगे नहीं चल पाएगी। माता-पिता को भी अपने बच्चों को शुरू से ही जीवन के मूल्यों के बारे में जागरूक करना होगा।
क्या बोले जिम्मेदार
इसपर कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनते हुए मामले को काउंसलर्स सेंटर परामर्श केंद्र के पास भेज दिया। जहां दोनों पति-पत्नी को समझाने का प्रयास किया जा रहा है, ताकि वह मतभेदों को खत्म कर वह फिर से साथ रह सकें। दोनों को अपने सुधार करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।