
Weather Updates : यूपी से गुजरेगी मानसून की टर्फ लाइन, पूरे यूपी में पांच दिन भारी बारिश का मौसम अलर्ट
यूपी में अब अधिक दिन का मानसून मेहमान नहीं रह गया है। उम्मीद की जा रही है कि, इस बार मानसून कुछ पहले ही विदाई ले लेगा। पर लगता है जाते जाते मानसून तन के साथ मन को भिगो कर जाएगा। वैसे मौसम विज्ञानियों का कहना है कि, मानसून की टर्फ लाइन ऊपर आएगी और यूपी से होकर गुजरेगी। जिस वजह से पूरे यूपी में भारी बारिश होगी। यह बारिश करीब पांच दिन हो सकती है। संभावना जताई जा रही है कि, 13 सितम्बर से शुरू होकर 17 सितम्बर तक यूपी के हर इलाके में मेघा बरसेगा।
14 और 15 सितम्बर को भारी बारिश का अलर्ट
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जे पी गुप्त के अनुसार, मानसून की टर्फ लाइन ऊपर आएगी और यूपी से होकर गुजरेगी। आगामी 14 और 15 सितम्बर को पूर्वी और पश्चिमी यूपी में भारी बारिश का अनुमान जताया गया है। इसके अतिरिक्त एक-दो दिन और बारिश हो सकती है।
फायदेमंद हो सकती है यह बारिश
अवकाश प्राप्त उप निदेशक सी पी श्रीवास्तव ने कहा कि, यह बारिश निश्चिज रूप से किसानों का कुछ भला करेगी। इस बारिश से धान की फसल को फायदा हो सकता है। मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो इस बार बारिश बहुत कम हुई है। सूबे में जून से आठ सितम्बर तक 47.7 प्रतिशत यानी 699.0 मिमी बारिश होनी चाहिए थी पर हुई महज 333.9 मिली बारिश हुई। मतलब आधे से भी कम। कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज सिंह का कहना है कि पिछले 35 साल में हर महीने सामान्य से कम बारिश हुई है।
इन 28 जिलों में 40 प्रतिशत से कम बारिश
यूपी में इस मानसून सत्र में अभी तक सिर्फ 333.9 मिली बारिश हुई है। पर सूबे के 28 जिले ऐसे हैं जहां 40 फीसद से भी कम बारिश हुई है। इन जिलों पर गौर करें। मिर्जापुर, हरदोई, बहराइच, उन्नाव, सम्भल, बरेली, बुलंदशहर, मऊ, अमेठी, पीलीभीत, बलिया, शामली, बस्ती, अमरोहा, गोण्डा, रामपुर, संत कबीरनगर, शाहजहांपुर, बागपत, कानपुर देहात, कौशाम्बी, रायबरेली, जौनपुर, चंदौली, कुशीनगर, फर्रुखाबाद, गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद।
कहावतों में बारिश
बारिश पर भारतीय समाज में कई कहावतें कहीं गईं है। जिनमें वर्षों की मेहनत के बाद कई गूढ़ बातें छुपी हुई हैं। जो लगभग सच ही साबित होती हैं। का बरखा जब फसल सुखानि। मतलब ऐसी वर्षा का क्या फायदा जिससे फसल सूख जाए। मघा के बरसे, माता के परसे अर्थात जैसे मां थाली परोसे तो भूख शांत होती है, वैसे ही मघा नक्षत्र में बारिश से धरती तृप्त होती है। कहा जाता है कि, जब कास नामक घास गांवों व खेतों में फूलने लगे तो समझ लीजिए कि अब बारिश के आसार नहीं है।
Published on:
12 Sept 2022 05:01 pm
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
