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सिर्फ ट्रेन के नम्बर में जीरो लगाकर रेलवे ने यूपी से कमाया 800 करोड़ रुपए

- रेलवे की लूट का अनूठा तरीका- साधारण ट्रेन को बताया स्पेशल - चारबाग रेलवे स्टेशन को 10 माह में 280 करोड़ रुपए की हुई कमाई

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Indian Railway News

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लखनऊ. वाह कमाल है.. रेलवे ने निकाला लूट का अनूठा तरीका। साधारण ट्रेन को स्पेशल बताकर रेलवे ने अकेले यूपी से 800 करोड़ रुपए कमाया है। इस अद्भुत तरीके से सिर्फ चारबाग रेलवे स्टेशन को 10 माह में 280 करोड़ रुपए की कमाई हुई है। यह आंकड़े सिर्फ चारबाग स्टेशन से चलने और गुजरने वाली 125 ट्रेनों के हैं। इसमें लखनऊ जंक्शन और ऐशबाग से गुजरने वाली और चलने वाली ट्रेनें शामिल नहीं हैं। रेल अफसरों का कहना है किए स्पेशल ट्रेन में स्लीपर व एसी क्लास में पांच सौ रुपए तक अतिरिक्त देने पड़ते हैं। इस कमाई के लिए रेलवे को करना सिर्फ यह पड़ा किए नियमित ट्रेन के नंबर से पहले जीरो लगा दिया औरे वह स्पेशल ट्रेन बन गई। और किराया नियमित से अधिक हो गया।

दस माह में 280 करोड़ रुपए कमाई

चारबाग स्टेशन से सामान्य दिनों में 165 ट्रेनों का आवागमन होता है। जिसमें से अब तक 125 ट्रेनें इस वक्त गुजर रही हैं। इन नियमित ट्रेनों को स्पेशल बनाने से हुई कमाई के आंकड़े रेलवे बोर्ड के पास नहीं हैं। परए राजधानी लखनऊ की बात करें तो यहां से चलने व गुजरने वाली 125 ट्रेनों में औसतन 600 यात्रियों ने जनवरी से रोज सफर कियाए जिनसे रेलवे ने स्पेशल ट्रेन के नाम पर अलग अलग श्रेणियों में औसतन 125 रुपए प्रति यात्री वसूला। इस हिसाब से प्रतिमाह 28 करोड़ रुपए कमाए और दस माह में यह कमाई 280 करोड़ रुपए हो गई। संभावना है कि आंकड़े इससे भी अधिक हो सकते हैं।

किराए में अंतर

किराए का अंतर इस उदाहरण से समझें। लखनऊ से मुंबई जाने वाली नियमित ट्रेन के स्लीपर का किराया 570 रुपए होता है, स्पेशल ट्रेन में यह किराया 805 रुपए हो जाता है। लखनऊ से वाराणसी जाने वाली नियमित ट्रेन के थर्ड एसी का किराया 560 रुपए होता हैए स्पेशल ट्रेन में यह किराया 1050 रुपए हो जाता है। ऐसे ही अन्य क्लास में सिर्फ जीरो लगाने से किराया बढ़ जाता है।

15 रुपए रिजर्वेशन चार्ज

रेलवे ने अनारक्षित टिकट काउंटर बंद कर रखे हैं। जनरल टिकट भी रिजर्वेशन पर मिल रहे हैंए इससे यात्रियों को 15 रुपए अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा हैं। लखनऊ से कानपुर जाने वाली गाड़ियों में सेकेंड सीटिंग क्लास का टिकट बुक कराने पर 75 रुपए का भुगतान करना पड़ रहा है। इसमें 15 रुपए रिजर्वेशन चार्ज है।

एक अधिकारी की दलील

रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया किए महंगे किराए के पीछे वजह यह है कि रेलवे को 1ए98ए000 करोड़ रुपए की सालाना आय ट्रेनों से होती है। इसमें 35 हजार करोड़ रुपए यात्री गाड़ियों से आते हैं। कोविड से नुकसान की भरपाई के लिए यह तरीका अपनाया गया है।

मेमू नहीं चल रही है :- दैनिक यात्री एसोसिएशन अध्यक्ष एसएस उप्पल ने बताया कि, मेमू नहीं चल रही है। जिससे दैनिक यात्री परेशान हैं। लखनऊ से सुलतानपुर का ट्रेन में किराया 30 रुपये है जबकि बस में 172 रुपण् देने पड़ रहे हैं। ऐसे ही प्रतापगढ़ का 35 व बस में 191 रुपए है। कानपुर का ट्रेन में 20 व बस में 104 रुपए बाराबंकी का 10 व 55 रुपए तथा रायबरेली का 20 तथा 92 रुपए है।

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