
लोहे की छड़ सिर के आर-पार, मासूम कार्तिक की जिंदगी बची फोटो सोर्स : Social Media - Fb
KGMU Lucknow: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) ने एक बार फिर साबित कर दिया कि क्यों उसे उत्तर भारत का सबसे बड़ा और भरोसेमंद मेडिकल सेंटर कहा जाता है। लखनऊ के गोमतीनगर निवासी मासूम कार्तिक के सिर में एक लोहे की छड़ आर-पार घुस जाने जैसी भयावह स्थिति में जब परिवार की सारी उम्मीदें टूट गईं, तब KGMU के डॉक्टरों की टीम ने अपनी मेहनत, लगन और अद्वितीय कौशल से असंभव को संभव कर दिखाया।
जानकारी के मुताबिक, मासूम कार्तिक अपने घर के पास खेलते समय एक दर्दनाक हादसे का शिकार हो गया। खेल-खेल में हुए इस हादसे में एक नुकीली लोहे की छड़ उसके सिर में आर-पार घुस गई। खून बह रहा था और बच्चा कराह रहा था। आसपास के लोग और परिजन तुरंत उसे नज़दीकी अस्पताल ले गए, लेकिन वहां डॉक्टरों ने हालत को देखते हुए बच्चे को तुरंत KGMU रेफर कर दिया। परिजनों के मुताबिक, रास्ते में उन्हें लगने लगा था कि बच्चा शायद बच नहीं पाएगा। “ऐसी हालत देखकर तो हमारा दिल ही बैठ गया था। हमें समझ ही नहीं आ रहा था कि अब क्या करें,” कार्तिक के पिता ने बताया।
जैसे ही कार्तिक को KGMU के इमरजेंसी विभाग में लाया गया, ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों ने तुरंत गंभीरता को भांप लिया और उसे न्यूरो सर्जरी विभाग रेफर किया। विभागाध्यक्ष डॉ. के.के. सिंह ने मामले को व्यक्तिगत रूप से संभाला और तुरंत ऑपरेशन की तैयारी शुरू करवाई। ऑपरेशन टीम में डॉ. अंकुर बजाज, डॉ. सौरभ रैना, डॉ. जैसन गोलमी और डॉ. अंकिन बसु शामिल रहे। इन डॉक्टरों ने न केवल तकनीकी रूप से जटिल ऑपरेशन की योजना बनाई, बल्कि ऑपरेशन के दौरान धैर्य और सूझबूझ का अद्भुत परिचय भी दिया। डॉ. के.के. सिंह ने बताया, “यह बेहद चुनौतीपूर्ण मामला था। सिर में फंसी धातु की छड़ को निकालने में slightest गलती भी बच्चे की जान ले सकती थी। हमें दिमाग की नसों और संवेदनशील हिस्सों को बचाते हुए काम करना था।”
ऑपरेशन करीब कई घंटों तक चला। डॉक्टरों ने छड़ को अत्यंत सावधानी से निकाला ताकि न तो मस्तिष्क की कोई महत्वपूर्ण नस कटे, न ही आंतरिक रक्तस्राव हो। इस प्रक्रिया में आधुनिक तकनीक, उच्च स्तरीय सर्जिकल उपकरण और टीमवर्क का बेहतरीन उदाहरण देखने को मिला। ऑपरेशन के बाद बच्चे की स्थिति स्थिर है और वह ICU में डॉक्टरों की कड़ी निगरानी में रखा गया है। डॉक्टरों का कहना है कि आने वाले कुछ दिनों में बच्चे की रिकवरी का सही आकलन किया जा सकेगा, लेकिन प्राथमिक संकेत बेहद सकारात्मक हैं।
बेटे की जान बच जाने पर कार्तिक के माता-पिता भावुक हो गए। “हमें लगा था कि भगवान ने हमसे हमारा बेटा छीन लिया, लेकिन KGMU के डॉक्टर हमारे लिए भगवान से कम नहीं। उनका हम तहेदिल से आभार मानते हैं,” कार्तिक की मां ने कहा। कार्तिक के पिता ने बताया, “हम तो यह भी नहीं जानते थे कि इतना बड़ा ऑपरेशन कैसे होगा, कितने पैसे लगेंगे। लेकिन यहां के डॉक्टरों ने न सिर्फ इलाज किया बल्कि हमें भरोसा भी दिलाया कि बच्चा ठीक हो जाएगा।”
KGMU पहले भी जटिल और असंभव समझे जाने वाले ऑपरेशनों के लिए जाना जाता रहा है। यहाँ के न्यूरोसर्जरी विभाग ने कई ऐसे ऑपरेशन किए हैं जो आमतौर पर भारत के चुनिंदा बड़े मेडिकल संस्थानों में ही संभव होते हैं। डॉ. अंकुर बजाज का कहना है, “इस तरह के ऑपरेशन में टीमवर्क सबसे अहम होता है। हर सदस्य को अपनी भूमिका का सही ज्ञान होना चाहिए और पूरी समन्वय के साथ काम करना पड़ता है। इस केस में हर कदम पर हमें सावधानी बरतनी पड़ी।” डॉ. सौरभ रैना ने कहा, “मरीज का छोटा बच्चा होना भी चुनौती थी। बाल रोगी में शरीर की संरचना संवेदनशील होती है। हमें दवाओं की डोज़ से लेकर सर्जिकल कट तक हर बात का विशेष ध्यान रखना पड़ा।”
कार्तिक की जान बचाने वाले इस ऑपरेशन की चर्चा अब पूरे लखनऊ और आसपास के जिलों में हो रही है। मेडिकल विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की सफलताएं KGMU को न केवल उत्तर भारत का बल्कि देश का अग्रणी मेडिकल सेंटर बनाती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, इस तरह की आपात स्थिति में सही समय पर सही इलाज मिलना ही सफलता की कुंजी होती है। कार्तिक के केस में न केवल तत्काल निर्णय लिया गया बल्कि डॉक्टरों की काबिलियत और आधुनिक उपकरणों का सही इस्तेमाल हुआ।
डॉक्टरों का कहना है कि फिलहाल बच्चे की हालत में लगातार सुधार हो रहा है। अगले कुछ दिनों में उसे ICU से सामान्य वार्ड में शिफ्ट किया जा सकता है। परिवार ने KGMU प्रशासन और पूरी ऑपरेशन टीम का धन्यवाद किया है। डॉ. जैसन गोलमी और डॉ. अंकिन बसु का कहना है कि यह केस आने वाले समय में मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए एक अहम उदाहरण बनेगा। “कितनी भी गंभीर चोट क्यों न हो, सही टीम और सही प्रयास से ज़िंदगी बचाई जा सकती है। यह केस मेडिकल साइंस की ताकत का प्रमाण है,” उन्होंने कहा।
Updated on:
18 Aug 2025 01:13 pm
Published on:
18 Aug 2025 08:11 am
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
