scriptलोकसभा चुनाव 2019 : ओबीसी पर हर दल की नजर, सियासी गुणा-भाग तेज | OBC voters issue will be political agenda for lok sabha chunav 2019 | Patrika News

लोकसभा चुनाव 2019 : ओबीसी पर हर दल की नजर, सियासी गुणा-भाग तेज

locationलखनऊPublished: Jun 12, 2018 03:44:24 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

2019 के लोकसभा चुनाव से पहले अपने नफा-नुकसान को देखते हुए सभी दल सियासी गुणा-भाग में जुटे हैं…

OBC voters issue

लोकसभा चुनाव 2019 : ओबीसी पर हर दल की नजर, सियासी गुणा-भाग तेज

लखनऊ. लोकसभा चुनाव में साल भर से कम का वक्त बचा है। अपने नफा-नुकसान को देखते हुए सभी दल सियासी गुणा-भाग में जुटे हैं। इस बार हर पार्टी की नजर उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े जाति समूह ओबीसी (42-45 फीसदी) को लुभाने की है। भारतीय जनता पार्टी ओबीसी युवाओं के जहां तमाम योजनाएं ला रही है, वहीं नि:शुल्क गैस कनेक्शन देकर आम जन तक पहुंचना चाहती है। विपक्षी दलों की भी नजर ओबीसी वोटरों पर है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जहां पिछड़ा वर्ग सम्मेलन कर रहे हैं, वहीं अखिलेश यादव के साथ मायावती की नजर भी इन समुदाय के मतदाताओं को रिझाने की है।
हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अति पिछड़ों तथा अति दलितों को अलग से आरक्षण दिये जाने की घोषणा कर ओबीसी वोटरों को सहेजने की चाल चली है। इसके अलावा ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने की कोशिश बीजेपी की इसी रणनीति का अहम हिस्सा है। और अब उज्ज्वला योजना के जरिये बीजेपी अति पिछड़े परिवारों तक पहुंच बनाना चाहती है।
यह भी पढ़ें

OBC वोटर्स को लुभाने के लिये बीजेपी की नयी चाल, अब सबको मिलेगा पीएम मोदी की इस योजना का लाभ

युवाओं को रोजगार और नि:शुल्क कोचिंग
हाल ही में यूपी के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कम्यूटर ट्रेनिंग के जरिये 2022 तक एक लाख ओबीसी युवाओं को रोजगार देने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि सरकार पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये नि:शुल्क कोचिंग की भी व्यवस्था करवाएगी।
अब पिछड़ों को भी उज्ज्वला योजना का लाभ
केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश में सभी अति पिछड़ों, अति दलित और अनुसूचित जाति/जनजाति परिवारों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत नि:शुल्क गैस कनेक्शन देने जा रही है। अभी तक इस योजना का लाभ बीपीएल कार्ड धारक अनुसूचित जाति/जनजाति परिवारों की महिलाओं को ही मिल रहा था। लेकिन अब सरकार अति पिछड़ों को भी उज्ज्वला योजना के तहत नि:शुल्क गैस कनेक्शन बांटेगी।
यह भी पढ़ें

एक लाख ओबीसी युवाओं को रोजगार देने जा रही है यूपी सरकार, आवेदन के लिये जरूरी हैं ये तीन शर्तें

कांग्रेस का पिछड़ा वर्ग सम्मेलन
कांग्रेस ने सोमवार को दिल्ली में पिछड़ा वर्ग सम्मेलन आयोजित किया। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी सरकार को ओबीसी विरोधी करार दिया। पूरे आयोजन के दौरान कांग्रेसियों की कोशिश कांग्रेस पार्टी को ओबीसी हितैषी बताने की रही। राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी सरकार ओबीसी समुदाय की उपेक्षा कर रही है। 2019 में यही समुदाय बीजेपी को सबक सिखाएंगे।
वाईएम और डीएम को साध रहे सपा-बसपा
लोकसभा चुनाव से पहले सभी दलों की नजर अपने कोर वोटरों पर है। समाजवादी पार्टी जहां यादव-मुस्लिम (वाईएम) गठजोड़ के सहारे पिछड़ों को साधना चाहती है, वहीं मायावती की नजर अति पिछड़ों के अलावा दलित-मुस्लिम गठजोड़ को बनाये रखने की है। दोनों दलों की कोशिश उपचुनाव की तरह ओबीसी वोटरों को अपने साथ बनाये रखने की है।
यह भी पढ़ें

लोकसभा चुनाव 2019 : राम मंदिर नहीं, आरक्षण होगा भाजपा का मुख्य चुनावी मुद्दा

ओबीसी वोटरों की अहमियत
सपा-बसपा का मानना है कि कांग्रेस पार्टी के पास अब न दलित वोटर हैं और न ही पिछड़े। अब कांग्रेस के पास ज्यादातर सवर्णों के ही वोट हैं। अगर कांग्रेस गठबंधन में शामिल होगी तो उसे मिलने वाले सर्वण वोट भाजपा में चले जाने की संभावना ज्यादा है। इसलिये दोनों दलों ने कांग्रेस को गठबंधन से बाहर करने का फैसला कर लिया है। दोनों दलों के रणनीतिकारों का मानना है कि कांग्रेस के साथ लड़ने से गठबंधन को नुकसान और भाजपा को फायदा होगा।
ओबीसी हर दल की जरूरत क्यों ?
यूपी में ओबीसी वोटरों की संख्या कुल आबादी की करीब 42-45 फीसदी है। इनमें यादव 10 फीसदी, लोधी 3-4 फीसदी, कुर्मी-मौर्य 4-5 फीसदी और अन्य का प्रतिशत 21 फीसदी है। दूसरी जातियों में दलित वोटर 21-22 फीसदी, सवर्ण वोटर 18-20 फीसदी और मुस्लिम वोटर 16-18 फीसदी हैं। ऐसे में ओबीसी यूपी में सबसे बड़ा जाति समूह है। यह अकेले किसी को जिताने-हराने में सक्षम हैं। इसलिये हर दल गुणा-भाग के जरिये इन्हें अपने खेमे में रखना चाहता है। 2014 के लोकसभा चुनाव में 34 फीसदी ओबीसी मतदाताओं ने बीजेपी के पक्ष में वोट किया था।
OBC voters issue
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो