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उत्तर प्रदेश के सरकारी शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को नई समूह बीमा पॉलिसी के तहत जोड़ने की कवायद की जा रही है। इस नई पॉलिसी के दायरे में शिक्षकों के साथ कर्मचारियों और अधिकारियों को भी जोड़ा जाएगा। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के वित्त नियंत्रक की तरफ से इस संबंध में सभी बीएसए को पत्र जारी कर शिक्षकों और कर्मचारियों का ब्योरा तलब किया गया है। वित्त नियंत्रक ने जल्द ही डाटा उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया है।
वित्त नियंत्रक रवींद्र कुमार ने बताया कि पत्र के माध्यम से नई बीमा योजना के लिए एलआईसी से विभाग बात कर रहा है। एलआईसी की तरफ से प्रस्तावित पॉलिसी का ब्योरा भी विभाग को उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित पॉलिसी के तहत न्यूनतम बीमा राशि एक लाख रुपये बीमा होगी। हालांकि शिक्षक और कर्मचारियों को 5 लाख या उससे अधिक का ऑप्शन भी दिया जाएगा। जबकि अधिकारी 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा की पॉलिसी का ऑप्शन ले सकेंगे।
इस तरह तय होगा प्रीमियम
उन्होंने बताया कि नई पॉलिसी में प्रीमियम का भुगतान वेतन से काटा जाएगा। इस तरह का प्रस्ताव बनाया गया है। इस तरह शिक्षक, कर्मचारी या फिर अधिकारी जितने की पॉलिसी लेंगे, उसी के अनुसार कटौती की जाएगी। हालांकि इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला शिक्षकों और कर्मचारियों का ब्योरा मिलने के बाद लिया जाएगा।
पूर्व में बंद पॉलिसी में चल रही पैसा वापसी की प्रक्रिया
बताया जा रहा है कि नई पॉलिसी को 2014 में बंद समूह बीमा पॉलिसी का ऑप्शन है। पूर्व बीमा पॉलिसी के नाम पर शिक्षकों के वेतन से प्रति माह 87 रुपये की कटौती की जाती थी। यह पॉलिसी 2014 में बंद हो गई थी, लेकिन उसके बाद भी शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन से कटौती की जा रही थी। हालांकि अब कटौती बंद कर दी गई है। जबकि पैसा वापसी की प्रक्रिया जारी है और नई पॉलिसी की कवायद तेज हो गई है।
Published on:
26 Sept 2022 10:28 am
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