
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और डॉक्टर रोहिणी फोटो सोर्स पत्रिका
लखनऊ में बसपा सुप्रीमो मायावती की रैली के बहाने बहुजन राजनीति में नया संग्राम छिड़ गया है। दलित एक्टिविस्ट डॉ. रोहिणी घावरी और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद उर्फ़ रावण के बीच चल रहा विवाद अब खुलकर सोशल मीडिया पर सामने आ गया है। अपने पोस्ट में उन्होंने कहा कि 2027 में बसपा की सरकार बनेगी। और यह जरूर जेल जाएगा।
डॉ. घावरी ने मायावती की लखनऊ रैली के बाद अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट से तीखा प्रहार किया। बिना नाम लिए उन्होंने लिखा कि बहनजी, इसे स्वार्थी बिकाऊ के साथ ही महिला शोषणकारी भी कहिए। जो बहुजन आंदोलन के नाम पर महिलाओं का शोषण करता है। आपकी सरकार 2027 में आएगी। और यह जेल जरूर जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि मायावती की रैली ने इस नेता की राजनीति को खत्म कर दिया है। रोहिणी ने यह भी लिखा कि “यह भीड़ पैसों से नहीं, प्यार से आई है। पूरे देश में किसी नेता में इतनी हिम्मत नहीं जो इतनी बड़ी रैली कर पाए। वह बहनजी के जूते की धूल के बराबर भी नहीं है। जो उनके साम्राज्य को खत्म करने चला था। उनकी इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर बहुजन राजनीति को लेकर नई बहस छिड़ गई है। समर्थक दोनों नेताओं के पक्ष में एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने में जुटे हैं।
ऐसी कोई जगह नहीं थी जहाँ मैंने ईमानदारी से साथ नहीं निभाया बस फ़र्क़ इतना है। पहले वो संघर्ष कर रहे थे अब वो सफल है ! पूरी पार्टी संगठन के फ़ैसले सिर्फ़ हम दोनों मिल कर लेते किसी को कोई ख़बर नहीं होती !
मुझे कहा पता था जिसको बनाने में इतनी मेहनत कर रही हूँ वही धोखेबाज़ निकलेगा। संघर्ष कर रहा चंद्रशेखर ही ठीक था सफल चंद्रशेखर इतना बुरा होगा मैंने सोचा नहीं था। आगे कहा कि मैंने आज तक कुछ भी फ़ेक एविडेंस नहीं दिखाया ना कभी कोई झूठ बोलती !!
रोहिणी ने अपने X (पूर्व में Twitter) अकाउंट पर पोस्ट डालकर चंद्रशेखर के सफल होने में अपनी मेहनत और और अब के दर्द को साझा करते हुए लिखा कि ऐसी कोई जगह नहीं थी। जहाँ मैंने ईमानदारी से साथ नहीं निभाया। बस फ़र्क़ इतना है। पहले वो संघर्ष कर रहे थे। अब वो सफल है। पूरी पार्टी संगठन के फ़ैसले सिर्फ़ हम दोनों मिल कर लेते किसी को कोई ख़बर नहीं होती। मुझे कहा पता था। जिसको बनाने में इतनी मेहनत कर रही हूँ। वही धोखेबाज़ निकलेगा। संघर्ष कर रहा चंद्रशेखर ही ठीक था। सफल चंद्रशेखर इतना बुरा होगा मैंने सोचा नहीं था। फिर अपनी पोस्ट के नीचे एक नोट लिखते हुए कहां कि मैंने आज तक कुछ भी फ़ेक एविडेंस नहीं दिखाया ना कभी कोई झूठ बोलती।
पहले पोस्ट में रोहिणी ने कहा कि कुछ लोग अपनी महत्वाकांक्षा के लिए किसी की ज़िंदगी बर्बाद कर देते हैं। और यदि कानूनी व्यवस्था ऐसी हरकतों को दंडित नहीं करेगी। तो उन्हें स्वयं सजा दिलाने का दावा भी किया। इसी पोस्ट के साथ उन्होंने सांसद के साथ हुई बातचीत के स्क्रीनशॉट भी साझा किए। जिनमें समय के साथ दिए गए बयानों में बदलाव दिखाई देता है। चुनाव से पहले तारीफ-ओ-इज़हार और बाद में अनदेखा करने जैसा रुख, डॉ. घावरी ने बताया है। दूसरे स्क्रीनशॉट में सांसद द्वारा मेसेज और न उठाए गए कॉलों को दिखाया गया है। आरोप है कि संदेशों में घबराहट, माफी और बातचीत की अपील के साथ-साथ दबाव वाली भाषा भी नज़र आती है। रोहिणी का कहना है कि सांसद ने किसी ऑनलाइन समूह में अलगाव और माफी जताते हुए भी संदेश भेजे थे।
दूसरे पोस्ट में रोहिणी ने व्यवस्था पर तीखा सवाल उठाया कि एक निर्वाचित प्रतिनिधि कैसे कानून की सीमाओं को चुनौती दे रहा है। वह किस वजह से सुरक्षित महसूस कर रहा है। उन्होंने पूछा कि आखिर कौन उसकी रक्षा कर रहा है। क्योंकि अब तक कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है। रोहिणी के दावों के बाद राजनीतिक और कानूनी हलकों में हलचल तेज़ है। घटना की सत्यता और आगे की कार्रवाई के बारे में अभी आधिकारिक बयान या पुलिस रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई है। दोनों पक्षों के बयान आने पर ही मामले की दिशा साफ़ होगी।
इस हद्द तक मुझे पहुँचा दिया की दो ही रास्ते बचे या तो मर जाऊ या लड़ जाऊ !! मैंने लड़ना चुना क्योंकि मेरे मरने से लोग इसे सही और मुझे ग़लत समझेंगे !! इस आदमी ने मेरी मासूमियत छीन ली। और देखो जिस उम्र में मुझे शादी कर के ख़ुश रहना था। उस उम्र में मैं इंसाफ़ की लड़ाई लड़ रही हूँ। इसके नाम पर इतना बदनाम हुई की अब पूरी ज़िंदगी अविवाहित रहूँगी। मेरा भी सपना था दुल्हन बनने का लेकिन अब सब ख़त्म हो गया।
एक ग़लत आदमी औरत की पूरी जवानी बर्बाद कर देता है। डिप्रेशन ट्रॉमा तकलीफ़ मैंने अकेले यहाँ विदेश में बर्दास्त की है। दो बार मरने की कोशिश कर चुकी हूँ। लेकिन जब ख़याल आता है। मेरे माँ बाप यह सदमा कैसे बर्दास्त करेंगे। उनकी क्या गलती है। तो ख़ुद रोक लिया।
इस आदमी का मैने क्या बिगाड़ा था। लेकिन मेरी तो पूरी दुनिया ही उजड़ गई। बचपन से बेदाग़ छवि में रही और देखो इस पर भरोसा कर के अपने चरित्र पर दाग लगा लिया। आज लोग कितना अपमान करते है मेरा ।। जब तक चुप चाप सह रही थी। यह खूब अपनी अय्याशी दिखा रहा था। इसका क्या बिगाड़ा। लेकिन जब से लड़ना शुरू किया तो बौखला गया।
जिस तकलीफ़ की मैं हकदार नहीं थी। वही मुझे दिया। मैंने क्या बिगाड़ा था। इसका जो इसने यह सब किया। मैं तो इसको मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री तक बनने के सपने देखती थी। इसको बनने में मेहनत कर रही थी। जब तक चुप चाप सह रही थी। यह खूब अपनी अय्याशी दिखा रहा था।
Updated on:
10 Oct 2025 10:05 am
Published on:
10 Oct 2025 10:04 am
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