
दीपावली–छठ पर यात्रियों को बड़ा झटका, एयरलाइंस ने बढ़ाई किराया दरें- लखनऊ से दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु रूट पर पांच गुना तक उछाल (फोटो सोर्स : AI)
Diwali Travel Shock: त्योहारों का मौसम शुरू होते ही लखनऊ से उड़ान भरना यात्रियों के लिए बेहद महंगा हो गया है। दीपावली और छठ जैसे बड़े पर्वों पर लोग अपने घरों को लौटने या रिश्तेदारों से मिलने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन एयरलाइंस ने हवाई किराए में इतनी भारी बढ़ोतरी कर दी है कि आम यात्रियों के लिए टिकट लेना मुश्किल हो गया है।
जहां सामान्य दिनों में लखनऊ से मुंबई का टिकट 4 से 5 हजार रुपये में मिल जाता था, वहीं अब यही किराया 25,000 रुपये से अधिक हो गया है। यही नहीं, दिल्ली और बेंगलुरु जैसे अन्य प्रमुख रूटों पर भी किराया 3 से 5 गुना तक बढ़ चुका है।
लखनऊ एयरपोर्ट से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, लखनऊ-मुंबई रूट पर किराया सबसे अधिक बढ़ा है। जहां पहले इस मार्ग का किराया औसतन ₹5,000 था, वहीं अब यह बढ़कर ₹25,723 तक पहुँच गया है। एयर इंडिया, इंडिगो और अकासा एयर की उड़ानों में यह उछाल सबसे ज्यादा देखा जा रहा है।
यात्रियों के अनुसार, अक्टूबर के पहले सप्ताह तक टिकट सामान्य दाम पर मिल रहे थे, लेकिन जैसे ही दीपावली की तारीखें करीब आईं, एयरलाइनों ने किराया तेजी से बढ़ा दिया। कई यात्रियों का कहना है कि एयरलाइंस ने त्योहारों के नाम पर टिकटों की “डायनामिक प्राइसिंग” से जेब पर बोझ बढ़ा दिया है।
एविएशन विशेषज्ञों के अनुसार, बेंगलुरु और मुंबई जैसे शहरों से लखनऊ की ओर त्योहारों में यात्रियों की मांग अत्यधिक बढ़ जाती है, जिससे एयरलाइंस किराया बढ़ा देती हैं।
एविएशन विशेषज्ञों का कहना है कि किराए में इतनी तेज वृद्धि का मुख्य कारण है-अत्यधिक मांग और सीमित आपूर्ति। त्योहारों में लोग बड़े पैमाने पर यात्रा करते हैं, विशेषकर उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड की ओर। एयरलाइंस किराया “डायनामिक प्राइसिंग” सिस्टम से तय करती हैं, जिसमें टिकट की कीमत सीटों की उपलब्धता और मांग के अनुपात में बढ़ती है। जैसे-जैसे सीटें भरती जाती हैं, किराया स्वतः बढ़ जाता है। इस समय अधिकतर उड़ानों में सीटें लगभग भर चुकी हैं, जिससे बचे हुए टिकटों की कीमतें आसमान छू रही हैं।
एविएशन एक्सपर्ट कैप्टन आलोक मिश्रा बताते हैं कि त्योहारों के समय एयरलाइंस को यात्रियों की भारी भीड़ मिलती है। वे अपनी कमाई को अधिकतम करने के लिए किराया बढ़ाती हैं। जब तक एयरलाइंस पर कोई मूल्य-सीमा नियंत्रण नहीं होगा, तब तक ऐसी स्थितियाँ हर साल दोहराई जाएँगी।”
लखनऊ के आलमबाग निवासी अमित पांडेय, जो मुंबई में नौकरी करते हैं, बताते हैं कि मैं हर साल दिवाली पर घर आता हूँ। ट्रेन की टिकट नहीं मिली, तो फ्लाइट देखने गया। जहां आमतौर पर 5–6 हजार में टिकट लेता था, इस बार 24 हजार का दिखा। मजबूरी में बुक किया, लेकिन जेब पर बड़ा असर पड़ा।”
MakeMyTrip, Yatra, EaseMyTrip जैसी ट्रैवल वेबसाइट्स पर लखनऊ से अन्य महानगरों के लिए फ्लाइट सर्च में 60% से अधिक वृद्धि देखी जा रही है। त्योहारों में परिवार के साथ सफर करने वालों के लिए खर्च कई गुना बढ़ गया है। उदाहरण के तौर पर, लखनऊ से मुंबई के लिए चार सदस्यीय परिवार को अब आने-जाने का खर्च लगभग ₹1 लाख रुपये तक पड़ रहा है, जबकि सामान्य दिनों में यह 25 से 30 हजार रुपये में पूरा हो जाता था।
यात्रियों और उपभोक्ता संगठनों ने केंद्र सरकार और नागरिक उड्डयन मंत्रालय से त्योहारों में हवाई किराए पर नियंत्रण लगाने की मांग की है। उपभोक्ता अधिकार मंच के संयोजक संजय श्रीवास्तव कहते हैं कि त्योहारों के समय एयर लाइंस यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठा रही हैं। सरकार को चाहिए कि इस अवधि के लिए किराए की ऊपरी सीमा तय करे, ताकि आम नागरिक भी यात्रा कर सके। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ी है, लेकिन सीटों की उपलब्धता उसी गति से नहीं बढ़ी। परिणामस्वरूप, मांग बढ़ते ही किराए में भारी उछाल आ जाता है।
हालांकि एयरलाइन कंपनियों का कहना है कि वे किसी भी प्रकार का अनुचित लाभ नहीं उठा रहीं। उनके अनुसार, टिकट की कीमतें “डायनामिक फेयरिंग सिस्टम” के तहत पूरी तरह स्वचालित होती हैं और यह प्रणाली मांग एवं आपूर्ति के आधार पर काम करती है।
इंडिगो के प्रवक्ता ने बताया कि त्योहारों के दौरान उड़ानों की मांग सामान्य से तीन गुना बढ़ जाती है। अधिकांश उड़ानें फुल होजाती हैं। ऐसे में जो टिकट बचती हैं, उनकी कीमत स्वतः बढ़ जाती है। यह कोई मैनुअल वृद्धि नहीं है।”
हवाई यात्रा पर असर: कम हुए बुकिंग वाले यात्री
एयरपोर्ट अधिकारियों के अनुसार, पिछले हफ्ते तक हवाई अड्डे पर रोजाना यात्रियों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही थी, लेकिन अब अचानक बुकिंग कम हुई है। इसका कारण यही है कि ऊँचे किरायों ने मध्यमवर्गीय यात्रियों को यात्रा से हतोत्साहित किया है। लखनऊ एयरपोर्ट के एक अधिकारी के अनुसार कि कई यात्री अंतिम समय पर टिकट रद्द कर रहे हैं। वे ट्रेन या बस की ओर लौट रहे हैं। 20 से 25 हजार का किराया हर किसी के लिए वहन योग्य नहीं है।”
सूत्रों के मुताबिक बढ़ती मांग को देखते हुए कुछ एयरलाइंस दीपावली व छठ के दौरान अतिरिक्त उड़ानें (special flights) शुरू करने पर विचार कर रही हैं। यदि ऐसा होता है, तो यात्रियों को कुछ राहत मिल सकती है और किराए में हल्की कमी आने की संभावना है। हालांकि, एविएशन एक्सपर्ट्स का कहना है कि अतिरिक्त उड़ानें तभी मदद करेंगी जब सरकार एयरलाइंस को स्लॉट और परमिशन शीघ्र उपलब्ध कराए।
Published on:
17 Oct 2025 07:53 am
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