ये भी पढ़ें- 13 माह में 25 स्कूलों से 1 करोड़ रुपए कमाने वाली शिक्षिका हुई गिरफ्तार मॉल, होटल, रेस्टोरेन्ट में ऐसे रहेगी व्यवस्था- उन्होंने बताया कि कन्टेनमेंट जोन को छोड़कर शेष स्थानों/जोन में मॉल, होटल, रेस्टोरेन्ट खोले जा सकते हैं। सभी स्थानों में सीसीटीवी कैमरा जरूरी है। कैमरे लगातार चालू रहें। आने वाले ग्राहकों को समूहों में बांटते हुए मॉल, होटल एवं रेस्टोरेन्ट में प्रवेश करने की व्यवस्था की जाए। जिससे कि एक ही स्थान/प्रवेश द्वार पर अनावश्यक भीड़-भाड़ न हो और संक्रमण का प्रसार न होने पाए। होम-डिलीवरी करने से पहले डिलीवरी स्टॉफ की इन स्थानों के एंट्री गेट पर ही थर्मल-स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जाएगी। मॉल के अन्दर के सिनेमा हॉल बन्द रहेंगें। होटल के रिसेप्शन पर अतिथियों के पहचान-पत्र के साथ विस्ततृ जानकारी और स्व-घोषणा पत्र भी लिया जाए। होटल में अतिथियों के सामान आदि को उनके कमरों में भेजने से पूर्व कीटाणु रहित करना आवश्यक होगा। सभी व्यक्ति एक दूसरे से कम से कम 6 फिट की दूरी रखेंगे।
पांच लोग से ज्यादा लोग नहीं जाएंगे धार्मिक स्थल में-
अवनीश अवस्थी ने कहा कि सभी भवन/धर्मस्थल में प्रवेश से पूर्व हाथों में एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का उपयोग किया जाएगा। कन्टेनमेंट जोन को छोड़कर सभी जगह धार्मिक/पूजा स्थल खोले जा सकते हैं। इन स्थलों के अन्दर एक बार में एक स्थान पर 5 से अधिक श्रद्धालु न हों। एंट्री गेट पर पर हाथों को कीटाणु-रहित करने हेतु एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का प्रयोग हो एवं इन्फ्रारेड-थर्मामीटर की भी व्यवस्था हो।
अवनीश अवस्थी ने कहा कि सभी भवन/धर्मस्थल में प्रवेश से पूर्व हाथों में एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का उपयोग किया जाएगा। कन्टेनमेंट जोन को छोड़कर सभी जगह धार्मिक/पूजा स्थल खोले जा सकते हैं। इन स्थलों के अन्दर एक बार में एक स्थान पर 5 से अधिक श्रद्धालु न हों। एंट्री गेट पर पर हाथों को कीटाणु-रहित करने हेतु एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का प्रयोग हो एवं इन्फ्रारेड-थर्मामीटर की भी व्यवस्था हो।
ये भी पढ़ें- पीएम मोदी पर बरसी सपा, नेता बोले कोरोना संक्रमण के लिए जिम्मेदार है केंद्र सरकार जूते चप्पल कार में, एयरकंडीशन का यह होगा तापमान-
साथ ही सभी के जूते/चप्पलों को अपने वाहन इत्यादि में ही उतार कर रखना होगा व धार्मिक स्थलों पर जाना होगा। यदि आवश्यक हो तो इन्हें प्रत्येक व्यक्ति/परिवार द्वारा स्वयं ही अलग-अलग खांचों/ब्लाकों में रखा जाएं। परिसरों के बाहर पार्किंग स्थलों पर भीड़ प्रबंधन करते समय सोशल-डिस्टेंन्सिग का कड़ाई से अनुपालन करना होगा। मंदिरों में वेन्टिलेशन/एयर-कंडीशनरों के प्रयोग के समय तापमान 24-30 डिग्री के मध्य होना चाहिए तथा आर्द्रता की सीमा 40 से 70 प्रतिशत के मध्य होनी चाहिए। क्रॉस- वैन्टिलेशन का प्रबन्धन इस प्रकार से होना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा ताजी हवा अन्दर आ सके। मूर्तियों/पवित्र ग्रन्थों आदि को स्पर्श करने की अनुमति नही होगी। सभी धार्मिक स्थलों पर सभाएं/मण्डली निषिद्ध रहेंगी।
साथ ही सभी के जूते/चप्पलों को अपने वाहन इत्यादि में ही उतार कर रखना होगा व धार्मिक स्थलों पर जाना होगा। यदि आवश्यक हो तो इन्हें प्रत्येक व्यक्ति/परिवार द्वारा स्वयं ही अलग-अलग खांचों/ब्लाकों में रखा जाएं। परिसरों के बाहर पार्किंग स्थलों पर भीड़ प्रबंधन करते समय सोशल-डिस्टेंन्सिग का कड़ाई से अनुपालन करना होगा। मंदिरों में वेन्टिलेशन/एयर-कंडीशनरों के प्रयोग के समय तापमान 24-30 डिग्री के मध्य होना चाहिए तथा आर्द्रता की सीमा 40 से 70 प्रतिशत के मध्य होनी चाहिए। क्रॉस- वैन्टिलेशन का प्रबन्धन इस प्रकार से होना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा ताजी हवा अन्दर आ सके। मूर्तियों/पवित्र ग्रन्थों आदि को स्पर्श करने की अनुमति नही होगी। सभी धार्मिक स्थलों पर सभाएं/मण्डली निषिद्ध रहेंगी।
रिकॉर्ड किए गए गानें ही बजेंगे- अपर मुख्य सचिव ने कहा कि संक्रमण फैलने के खतरे को देखते हुए इस स्थलों में रिकार्ड किए हुए भक्ति-संगीत/गाने बजाये जा सकते हैं, लेकिन समूह में इकट्ठे होकर गाने की अनुमति नहीं होगी। प्रार्थना-सभाओं में एक ही मैट/दरी के प्रयोग से बचा जाए। श्रद्धालू अपने लिए अलग मैट/दरी/चादर ला सकते हैं, जिसे वह अपने साथ वापस भी ले जा सकते हैं। धार्मिक स्थल के अन्दर किसी प्रकार के प्रसाद वितरण अथवा पवित्र-जल के छिड़काव आदि की अनुमति नहीं होगी।
ये भी पढ़ें- सोमवार से खुलेगी हाईकोर्ट, आसपास सभी दुकानें रहेंगी बंद, प्रशासन से मांगा गया सहयोग कंटेनेमेंट जोने वाले नहीं जाएंगे दफ्तर/यह भी बचें जाने से- उन्होंने बताया कि कोई भी अधिकारी और कर्मचारी, जो कि कन्टेनमेन्ट जोन में रहता है, उन्हें अपने पर्यवेक्षक अधिकारी को इसकी सूचना देनी होगी और तब तक कार्यालय में उपस्थित नहीं होना होगा, जब तक कि कन्टेनमेन्ट जोन निरस्त न कर दिया जाए। ऐसे कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति होगी तथा इस अवधि को अवकाश के रूप में नहीं गिना जाएगा। साथ ही ऐसे सभी कर्मचारी जो कि संक्रमण के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो सकते हैं, जैसे वृद्ध कर्मचारी, गर्भवती कर्मचारी और ऐसे कर्मचारी जो कि निरन्तर चिकित्सीय पर्यवेक्षण में हों। इसके अलावा दमा, मधुमेह, हृदयरोग, कैन्सर अथवा किडनी रोग वाले मरीजों को ज्यादा सतर्क रहने की सलाह दी जाए। उन्हें प्रायः जनता के साथ सीधे सम्पर्क की आवश्यकता वाले किसी भी फ्रंट-लाइन काम के सम्पर्क में नहीं आने देना चाहिए। संभव हो तो ऐसे कर्मचारियों को घर से काम की सुविधा प्रदान की जाएं।