7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

यूपी बना निवेशकों की पहली पसंद 24 देशों ने किया 50 हजार करोड़ का निवेश, 38 हजार युवाओं को मिलेगा रोजगार

यूपी अब विदेशी निवेशकों की पहली पसंद बन गया है। सूबे में करीब दो दर्जन देशों ने 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है। बीते दो वर्षों में यूपी औद्योगिक राज्य प्राधिकरण यूपीसीडा को सात देशों से 3200 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मिला है।  

3 min read
Google source verification
यूपी बना निवेशकों की पहली पसंद 24 देशों ने किया 50 हजार करोड़ का निवेश, 38 हजार युवाओं को मिलेगा रोजगार मिलेगा

यूपी बना निवेशकों की पहली पसंद 24 देशों ने किया 50 हजार करोड़ का निवेश, 38 हजार युवाओं को मिलेगा रोजगार मिलेगा

यूपी अब विदेशी निवेशकों की पहली पसंद बन गया है। सूबे में करीब दो दर्जन देशों ने 50 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया है। बीते दो वर्षों में यूपी औद्योगिक राज्य प्राधिकरण यूपीसीडा को सात देशों से 3200 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मिला है। पांच साल में में 12 देशों से 26,371 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। और 39 परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटित हो चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि, इन निवेशों से करीब 38 हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा। अगर प्रमुख निवेशक देशों की बात की जाए तो सिंगापुर, यूएस, जापान, यूके, कनाडा, जर्मनी, दक्षिण कोरिया की कंपनियां हैं। जनवरी 2023 में ग्लोबल इंवेस्टर समिट.23 से प्रदेश में एफडीआई और बढ़ने की संभावना है।

सीएम का संकल्प पूरा करेगा जीआईएस -23

अवस्थापना और औद्योगिक विभाग आयुक्त अरविंद कुमार ने बताया कि, सीएम योगी के प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर बनाने के संकल्प को पूरा करने में जीआईएस-.23 बड़ी भूमिका निभाने जा रहा है। विदेशों में ब्रांड यूपी की खूबियों और खासियत से निवेशकों को रूबरू कराया जाएगा। विदेशी निवेश को देखते हुए नीतियों को अपग्रेड किया जा रहा है। रोड शो में विदेशों में सरकार की नीतियों और प्रदेश के बदले हुए माहौल के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी। प्रयास किया जाएगा कि अधिक से अधिक विदेशी निवेश प्रदेश में लाया जाए।

यह भी पढ़ें -यूपी में अब नीलगाय और सांड ने टक्कर मारी तो मिलेगा मुआवजा

जीआईएस-.23 को लेकर सीएम योगी काफी गंभीर

सीएम योगी जीआईएस-.23 को लेकर काफी गंभीर हैं। और वह समय-समय पर तैयारियों की खुद समीक्षा कर अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश भी दे रहे हैं। जीआईएस-.23 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को ज्यादा से ज्यादा आकर्षित करने के लिए कई बिंदुओं पर फोकस किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें -हमीरपुर जिला मजिस्ट्रेट ने संस्कृत भाषा में सुनाया फैसला, सभी वकील हो गए हैरान

अपग्रेड के संग नई नीतियां ला रहीं है सरकार

विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार की ओर से विभिन्न नीतियों को अपग्रेड किया जा रहा है। साथ ही कुछ नई नीतियां भी लाई जा रही हैं। इसके अलावा, आईटी एंड इलेक्ट्रानिक्स विभाग की उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति 2020 के तहत जापान, कोरिया, फ्रांस, कनाडा, ताईवान, बेल्जियम, फिनलैंड, यूएसए और स्वीडेन की कंपनियों ने निवेश किया है। इसमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा क्षेत्र मोबाइल मैन्यूफैक्च रिंग का हब है। ग्रेटर नोएडा में 100 एकड़ में टेग्ना इलेक्ट्रानिक्स क्लस्टर बन रहा है। इसके अलावा लीथियम आयन बैटरी उत्कृष्टता केंद्र परिचालित है।

कई क्लस्टर, की स्थापना करेगा विभाग

अगले पांच वर्षो में विभाग की ओर से यमुना प्राधिकरण इलेक्ट्रानिक सिटी, बुंदेलखंड डिफेंस इलेक्ट्रानिक्स क्लस्टर्स, लखनऊ-उन्नाव में चिकित्सा इलेक्ट्रानिक्स क्लस्टर, की स्थापना करेगा। उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति 2017 के तहत विदेशी निवेशकों से 20,490 करोड़ रुपए का निवेश मिला है। जबकि उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति 2020 के तहत विदेशी निवेशकों ने 300 करोड़ रुपए निवेश का प्रस्ताव दिया है।

यूपीसीडा को मिला 3200 करोड़ रुपए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश

पिछले दो वर्षो में यूपीसीडा को सात देशों से 3200 करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मिला है। इसमें यूनाइटेड किंगडम की तीन कंपनियों ने 1237 करोड़, यूएसए की दो कंपनियों से 1237 करोड़, फ्रांस से 307 करोड़, इटली से 250 करोड़, कनाडा से सवा सौ करोड़, जर्मनी की दो कंपनियों ने 60 करोड़, साइप्रस से 10 करोड़ रुपए का निवेश है। इससे 8650 से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा।

जीआईएस 23 ललाएगा सर्वाधिक निवेश

जीआईएस.23 प्रदेश में विदेशों से सर्वाधिक निवेश लाएगा। इसके लिए रणनीति बनाकर कार्य योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। इसे लेकर 93 दूतावासोंए विदेशी औद्योगिक संगठनों, विदेश मंत्रालय और इंवेस्ट इंडिया को पत्र लिखा गया है। इसमें निवेश और उद्योगों से संबंधित कई जानकारियां मांगी गई हैं।