
CM Yogi Strict orders : सीएम योगी का सख्त आदेश, धार्मिक स्थलों पर दोबारा न लगने पाएं उतारे गए लाउडस्पीकर
उत्तर प्रदेश के सरकारी कार्यक्रमों में चीफ गेस्ट बुलाने को लेकर योगी सरकार ने एक नया आदेश जारी किया है। इस आदेश में कहा गया कि, जिले या अन्य कहीं पर अगर कोई सरकारी कार्यक्रम हो रहा है और उस वक्त विधानसभा या विधान परिषद सदस्य उपस्थित हैं तो राज्य सरकार के पूर्व मंत्री या विधान मंडल के पूर्व सदस्य को मुख्य अतिथि नहीं बनाया जाए। प्रमुख सचिव संसदीय कार्य जेपी सिंह ने सभी विभागों, मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों को बुधवार को इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है।
उत्तर प्रदेश में ‘संसदीय शिष्टाचार’ के प्रोटोकॉल लिए स्पष्ट आदेश जारी किया गया है। इसके अनुसार, सरकारी कार्यक्रम में अगर वर्तमान जनप्रतिनिधि मौजूद हैं तो पूर्व एमएलए-एमएलसी को चीफ गेस्ट नहीं बन सकेंगे। शासनादेश में कहा गया है कि, विधान मंडल के सदस्यों के प्रति शिष्टाचार या अनुमन्य प्रोटोकाल के उल्लंघन से संबंधित मामलों पर विचार विमर्श करने के लिए संसदीय अनुश्रवण समिति की बैठक हुई। इस बैठक में समिति के सामने एक ऐसा मामला आया जिसमें एक सरकारी कार्यक्रम में जिला स्तर के अधिकारी ने विधान सभा के क्षेत्रीय सदस्य की बजाय भूतपूर्व मंत्री को मुख्य अतिथि बनाया।
पूर्व सदस्यों को मुख्य अतिथि बनाना उपयुक्त नहीं
शासनादेश में बताया गया कि, 17 जुलाई 2013 को सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी किये गए राज्य के सहायक पूर्वताधिपत्र (सब्सिडियरी वारंट आफ प्रिसीडेंस) में कोटिक्रम निर्धारित किया गया है। इसमें निर्धारित कोटिक्रम में राज्य सरकार के पूर्व मंत्रियों तथा विधान सभा/विधान परिषद के पूर्व सदस्यों को स्थान नहीं दिया गया है। इससे साफ है कि राज्य के सहायक पूर्वताधिपत्र के अनुसार किसी सरकारी कार्यक्रम में विधान मंडल के वर्तमान सदस्यों के उपस्थित होने पर राज्य सरकार के पूर्व मंत्री या विधान सभा/विधान परिषद के पूर्व सदस्यों को मुख्य अतिथि बनाना उपयुक्त नहीं है।
Published on:
12 May 2022 03:24 pm
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