
यूपी सरकार का नया फरमान। यूपी के सरकारी आफिस में नई कोरोना गाइडलाइन लागू। उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी के सरकारी कर्मचारियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है। अब सूबे के सभी कर्मचारियों को दफ्तर आना होगा। सिर्फ गर्भवती महिलाओं व दिव्यांग कर्मचारियों को ही दफ्तर आने से छूट मिलेगी। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से सरकारी दफ्तरों में 13 जनवरी से अभी तक एक दिन में 50 प्रतिशत कर्मचारियों को ही कार्यालय बुलाया जा रहा था। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा की ओर से आदेश जारी कर वर्क फ्राम होम की व्यवस्था खत्म कर दी गई। उत्तर प्रदेश शासन ने मंगलवार को सूबे में कोरोना वायरस के आंकड़े जारी किए हैं। अब प्रदेश में कोरोना के 86563 एक्टिव केस हैं। प्रदेश में सोमवार को एक लाख 99,290 सैंपल की टेस्टिंग में 11,583 नए संक्रमित मिले हैं।
साप्ताहिक रोस्टर तैयार
समूह ख, समूह ग व समूह घ के 50 प्रतिशत कर्मचारियों को कार्यालय बुलाए जाने और 50 प्रतिशत कर्मियों के घर से ही काम करने के आदेश जारी किए गए थे। अब साप्ताहिक रोस्टर तैयार किया गया था। यानि एक हफ्ते लगातार आने के बाद दूसरे हफ्ते कर्मचारी घर से काम करने के निर्देश दिए गए थे।
गर्भवती व दिव्यांग को छूट
अब संक्रमण की स्थिति में हो रहे सुधार को देखते हुए फिर से शत प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति की व्यवस्था लागू कर दी गई है। जिन गर्भवती महिलाओं व दिव्यांग कर्मचारियों को अभी घर से काम करने की छूट रहेगी, वह अपना मोबाइल फोन आन रखेंगे। जरूरत के अनुसार इन्हें कार्यालय बुलाया जा सकता है।
प्रदेश में कोरोना के 86563 एक्टिव केस
उत्तर प्रदेश शासन ने मंगलवार को सूबे में कोरोना वायरस के आंकड़े जारी किए हैं। अब प्रदेश में कोरोना के 86563 एक्टिव केस हैं। प्रदेश में सोमवार को एक लाख 99,290 सैंपल की टेस्टिंग में 11,583 नए संक्रमित मिले हैं। इस दौरान 18,875 इसके संक्रमण से उबरे भी हैं। अब प्रदेश में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट दो प्रतिशत हो गया है। इसके साथ ही रिकवरी रेट 94.40 प्रतिशत हो गया है। 17 जनवरी को प्रदेश में कोरोना के 106616 रोगी थी और अब यह घटकर 86563 रह गए हैं।
संक्रमित के परिवारीजनों से करें वार्ता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि, घर पर कोरोनावायरस का इलाज करा रहे रोगियों के परिवारीजनों से सीएम हेल्पलाइन की मदद से बातचीत की जाए और जरूरत के अनुसार दवा पहुंचाई जाए। किसी भी मरीज को इलाज में कोई कठिनाई न हो।
Published on:
26 Jan 2022 12:58 pm
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