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UP में PPS अफसरों के तबादलों की बड़ी सूची जारी, 100 से अधिक डीएसपी-स्तरीय अधिकारी प्रभावित

UP PPS Officers Transfer List: उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस प्रशासन में बड़ा फेरबदल करते हुए 100 से अधिक PPS (डिप्टी एसपी) अधिकारियों के तबादले कर दिए हैं। कई इंस्पेक्टर से सीओ पदोन्नत अधिकारियों को नई जिम्मेदारियां दी गई हैं। सरकार का उद्देश्य कानून व्यवस्था को और प्रभावी बनाना और प्रशासनिक पारदर्शिता सुनिश्चित करना बताया जा रहा है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Oct 05, 2025

इंस्पेक्टर से CO स्तर के अधिकारियों को प्रमोशन के साथ नए अधिष्ठानों में तैनाती (फोटो सोर्स :Whatsapp )

इंस्पेक्टर से CO स्तर के अधिकारियों को प्रमोशन के साथ नए अधिष्ठानों में तैनाती (फोटो सोर्स :Whatsapp )


UP Govt Transfers Over 100 PPS Officers : उत्तर प्रदेश में पुलिस प्रशासन में बड़े फेरबदल किए गए हैं। राज्य सरकार ने 100 से अधिक PPS (प्रांतीय पुलिस सेवा) अधिकारियों का तबादला और पदस्थापन किया है। इनमें कई इंस्पेक्टरों को Circle Officer (CO) पदों पर प्रमोट किया गया है, वहीं कई COs को Deputy SP (डीएसपी) स्तर पर पदस्थापित किया गया है। इस व्यापक बदलाव का उद्देश्य कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करना, जिम्मेदारियों में बदलाव लाना और पुलिस सेवा को अधिक गतिशील बनाना बताया जा रहा है।

 स्थानांतरण नीति

पुलिस विभाग में समय-समय पर तबादलों की प्रक्रिया एक सामान्य प्रशासनिक अभ्यास है। हाल ही में जारी आदेशों के अनुसार, इस बार 82 PPS अधिकारियों की ताज़ा सूची जारी हुई है, जिसमें प्रमुख नाम शामिल हैं ,कुशल पाल सिंह को इटावा, जिज्ञासा पाराशर को EOW की जिम्मेदारी, दया शंकर द्विवेदी को मंडलाधिकारी, बरेली आदि। इन अधिकारियों का पदस्थापन ऐसा किया गया है कि राज्य के विभिन्न जिलों और संवेदनशील इलाकों में बल संतुलन बेहतर रखा जा सके। इससे पहले भी इस साल अगस्त में 67 PPS अधिकारियों को बड़े तबादले दिए गए थे, जहां उन्हें नए जिम्मेदार पद दिए गए। इनमें से कई अधिकारियों को Senior Deputy SP स्तर पर प्रमोट किया गया और उन्हें ग्रेड पे ₹6,600 की सुविधा दी गई है।

प्रमुख तैनातियाँ एवं प्रभावित अधिकारी

  • निम्नलिखित कुछ प्रमुख नाम और तैनाती सामने आई हैं:
  • कुशल पाल सिंह को इटावा तैनात किया गया।
  • जिज्ञासा पाराशर को EOW (Economic Offences Wing) की जिम्मेदारी दी गई।
  • दया शंकर द्विवेदी को बरेली मंडलाधिकारी बनाया गया।
  • आनंद कुमार ओझा को कानपुर नगर का सहायक पुलिस आयुक्त बनाया गया।
  • सूक्ष्म प्रकाश को मुरादाबाद में 23 वीं वाहिनी PAC का सहायक सेनानायक बनाया गया।

इसके अतिरिक्त, प्रदेशव्यापी 44 PPS अधिकारियों के तबादलों की एक सूची भी जारी की गई, जिसमें मान्य पदों और ज़ोन-वार विभाजन शामिल है। उदाहरण के लिए,अभिषेक यादव (PPS, UP 2007) को DGP मुख्यालय से Deputy Commandant – 06 वीं बटालियन SSF, अयोध्या में भेजा गया। अमित कुमार राय (UP 2008) को Addl SP – खीरी (पश्चिम) में तैनात किया गया। अन्य नाम जैसे श्वेताभ पांडेय को Addl SP, EOW की जिम्मेदारी मिली। ये परिवर्तन ज़ोन-वार है --आगरा जोन, प्रयागराज जोन, बरेली जोन, गोरखपुर जोन, कानपुर ज़ोन, वाराणसी ज़ोन आदि।

प्रमोशन के साथ भूमिका बदलना --चुनौती और अवसर

इन तबादलों में एक महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि कई अधिकारियों को CO स्तर से डीएसपी स्तर पर पदोन्नति दी गई है। इससे न केवल पदभार बढ़े हैं, बल्कि अपेक्षाएँ और जिम्मेदारी भी। पुरानी अधिकारियों के नियंत्रण क्षेत्र, स्थानीय स्थिति, अपराध पैटर्न आदि को समझने की ज़रूरत अभी और बढ़ गई है। इन पदस्थापनों का एक प्रमुख उद्देश्य भरपाई, न्यायसंगत तैनाती और शक्ति संतुलन बनाना भी माना जा रहा है। किसी ज़िला या मंडल में कार्य कुशलता या कानून व्यवस्था की चुनौतियों को देखते हुए वहां के अनुभवियों को भेजा गया है।

प्रशासनिक और रणनीतिक मायने

यह तबादला लहर केवल एक प्रशासनिक फेरबदल नहीं है -- यह संकेत है कि सरकार पुलिस सेवा में सक्रियता और जवाबदेही बढ़ाना चाहती है। नए पोस्टिंग से यह उम्मीद है कि अधिकारी स्थानीय स्तर पर अधिक समय देंगे, बेहतर नीतियाँ लागू करेंगे और कानून-व्यवस्था में सुधार लाएँगे। इसके अलावा, राजनीतिक दृष्टि से भी इसका महत्व है --क्योंकि तबादले अक्सर मतदाताओं के दृष्टिकोण, स्थानीय समीकरणों और प्रशासनिक दबावों को संतुलित करने की रणनीति भी होते हैं। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इन बड़े फेरबदल से नवीन अधिकारियों को राजनीतिक एवं सामाजिक जिम्मेदारियों का सामना करना पड़ेगा।

चुनौतियाँ-- बदलाव की गति और अनुकूलन

  • अनुभव और स्थानीय ज्ञान का अभाव-- नए अधिकारी को क्षेत्र की नब्ज पकड़ने में समय लगेगा।
  • संकरी चुनौतियाँ -- अपराध, लॉ एंड ऑर्डर, सामाजिक तनाव, जातिगत समीकरण इत्यादि को समझना आसान नहीं होगा।
  • समन्वय और नेतृत्व चुनौती-- अधीनस्थों, स्थानीय नेताओं और जनता के बीच तालमेल बनाए रखना होगा।
  • कार्यक्षमता पर दबाव--अपेक्षा बढ़ जाएगी कि अधिकारी तुरंत काम दिखाएँ।

नियंत्रण-नियोजन में सुधार की दिशा

  • इन तबादलों के माध्यम से यह कहा जा सकता है कि सरकार निम्नलिखित बिंदुओं पर जोर दे रही है:
  • क्षेत्रीय अपराध पैटर्न अनुरूप तैनाती।
  • कार्य क्षमता और प्रदर्शन पर आधारित रोटेशन।
  • विभागीय समायोजन — CO, ASP, DSP स्तरों में बेहतर तालमेल।
  • नए अधिकारियों को सीमित अवधि में क्षेत्रीय जांच सौंपना ताकि वे जिम्मेदारियों को जल्दी आत्मसात करें।

 प्रशासनिक ताजगी और चुनौतियों का संतुलन

PPS अफसरों की इस बड़ी तबादला सूची ने उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। यह बदलाव यदि सही दिशा में हुए, तो राज्य में कानून-व्यवस्था को मजबूत कर सकते हैं और जनता को बेहतर पुलिस सेवा मिल सकती है। हालांकि, सफल होने की कुंजी न केवल नामांतरणों में नहीं, बल्कि नए अधिकारियों की दक्षता, समर्थन तंत्र और समन्वय में निहित है। प्रशासन और सरकार को यह देखना होगा कि ये बदलाव स्थिरता और गुणवत्ता दोनों लाएँ, न कि केवल नाव-झोपड़ी रूपी फेरबदल। समय के साथ यह स्पष्ट होगा कि इस लहर ने यूपी पुलिस व्यवस्था को कितना  सुदृढ़ किया है।

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