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UP Health Scam: 2016 की एक्सरे टेक्नीशियन भर्ती में बड़ा खुलासा, एक ही नाम से कई लोगों की नौकरी !

उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग की 2016 एक्सरे टेक्नीशियन भर्ती में चौंकाने वाला घोटाला सामने आया है। कई लोगों ने फर्जी दस्तावेज़ों पर नियुक्तियां हासिल कीं। जांच शुरू होते ही कई कर्मचारी अस्पतालों से फरार हो गए। विभाग अब वेतन रिकवरी और कार्रवाई की तैयारी में है।

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लखनऊ

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Mahendra Tiwari

Sep 07, 2025

Lucknow

सांकेतिक फोटो जेनरेट AI

UP Health Scam: उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में वर्ष 2016 में हुई एक्सरे टेक्नीशियन भर्ती में लगातार नए फर्जीवाड़े सामने आ रहे हैं। पहले जहां "अर्पित" नाम से छह अलग-अलग लोगों को नौकरी मिलने का मामला उजागर हुआ था। अब "अंकुर" और "अंकित" नाम से भी कई नियुक्तियां होने की बात सामने आई है।

UP Health Scam: स्वास्थ्य विभाग की इस भर्ती में कुल 403 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था। जांच में पाया गया कि एक ही नाम और पिता के नाम वाले कई उम्मीदवारों ने नियुक्ति पत्र हासिल कर कार्यभार भी संभाल लिया। इनमें से अधिकतर कर्मचारी सालों से वेतन भी ले रहे हैं।

अंकुर के नाम पर दो नियुक्तियां

स्वास्थ्य महानिदेशालय को भेजी गई सूची में क्रमांक 166 पर अंकुर पुत्र नीतू मिश्रा का नाम दर्ज है। जन्मतिथि 5 दिसंबर 1994 बताई गई है। इन्हें मैनपुरी में तैनाती मिली थी। जबकि इसी नाम और पिता के नाम से एक दूसरा उम्मीदवार भी 12 जून 2016 को नियुक्त हुआ। जिसकी जन्मतिथि 15 नवंबर 1994 है और वह मुजफ्फरनगर में तैनात है। दोनों का स्थायी पता मैनपुरी ही दर्ज है।

अंकित के नाम पर छह नियुक्तियां

हरदोई की रहने वाले अंकित सिंह पुत्र राम सिंह के नाम पर भी बड़ी गड़बड़ी सामने आई। आयोग की सूची में यह नाम क्रमांक 127 पर है। लेकिन इसी नाम से पांच और लोगों ने नियुक्ति पाई और अलग-अलग जिलों में कार्यभार ग्रहण किया। इनमें से एक को कुछ समय बाद बर्खास्त कर दिया गया, जबकि कुछ लोग गायब हो गए।

फर्जी आधार कार्ड का शक


पूर्व महानिदेशक बद्री विशाल ने माना कि इसमें नियुक्ति पत्र की क्लोनिंग, प्रमाण पत्र सत्यापन में लापरवाही और आधार कार्ड की फर्जीबाजी जैसी बड़ी चूकें हुई हैं।

वेतन रिकवरी बनेगी चुनौती

जानकारों का कहना है कि जिनकी नियुक्ति फर्जी साबित होगी, उनके पदों को रिक्त घोषित कर अगली भर्ती में समायोजित किया जाएगा। लेकिन विभाग के लिए सबसे मुश्किल उन कर्मचारियों से वेतन की रिकवरी होगी, जिन्होंने लगभग नौ साल तक तनख्वाह उठाई है।

जांच शुरू होते ही कई ‘अर्पित’ फरार


उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के आदेश पर इस पूरे मामले की जांच चल रही है। मुख्य चिकित्साधिकारियों से अभिलेख मांगे गए हैं। जांच की भनक लगते ही कई ‘अर्पित’ नाम से नौकरी कर रहे एक्सरे टेक्नीशियन अचानक अस्पताल से गायब हो गए हैं। कई के घरों पर ताला लटक रहा है और मोबाइल भी बंद हैं।

सभी का दोबारा होगा सत्यापन

महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. रतनपाल सुमन ने बताया कि चयनित सभी उम्मीदवारों का दोबारा सत्यापन हो रहा है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।