
फोटो सोर्स: Patrika: 6 साल में योगी सरकार ने दोगुना किया शराब का रेवेन्यू
UP Liquor Revenue Growth: उत्तर प्रदेश में शराब से होने वाली आय में पिछले छह वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। 2018-19 में ₹23,927 करोड़ से बढ़कर 2024-25 में यह ₹52,297 करोड़ तक पहुंच गई है, जो लगभग दोगुनी है। इस वृद्धि का मुख्य कारण राज्य सरकार की नई आबकारी नीति, ऑनलाइन लॉटरी प्रणाली और 'कंपोजिट' दुकानों की शुरुआत है, जिससे शराब बिक्री में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा बढ़ी है।
पहली बार ऑनलाइन लॉटरी प्रणाली के माध्यम से शराब की दुकानों का आवंटन किया। इस लॉटरी में भारी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। मार्च और अप्रैल 2024 में आयोजित लॉटरी में 27,308 दुकानों के लिए 4,18,111 आवेदन प्राप्त हुए। इन दुकानों में देशी शराब, कंपोजिट शराब (बीयर+IMFL), भांग और मॉडल दुकानों (बैठने की सुविधा युक्त दुकानें) का समावेश था। एक दुकान के लिए औसतन 15 आवेदन आए, जिससे स्पष्ट होता है कि इस व्यवसाय में लोगों की रुचि कितनी बढ़ गई है।
2025-26 के लिए ई-लॉटरी में 27,308 दुकानों के लिए 4,18,111 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें 16,052 देशी शराब, 9,362 कंपोजिट, 1,459 भांग और 435 मॉडल दुकानें शामिल थीं। आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने बताया कि लॉटरी प्रक्रिया में 40% नई प्रविष्टियां थीं, यानी इतने प्रतिशत दुकानें नए व्यापारियों को मिली हैं। इससे यह स्पष्ट है कि यह व्यवसाय अब पारदर्शिता और निष्पक्षता के नए स्तर पर पहुंच चुका है। आबकारी विभाग के प्रमुख आदर्श सिंह ने कंपोजिट दुकानों की सफलता को ऐतिहासिक बताया है।
सरकार ने अवैध शराब के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। 2024-25 में 1,12,279 मामले दर्ज किए गए और लगभग 30 लाख लीटर अवैध शराब जब्त की गई। 24,049 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 5,557 को जेल भेजा गया।
उत्तर प्रदेश को शराबबंदी वाले बिहार से भी अप्रत्यक्ष लाभ मिला। सीमावर्ती जिलों ,कुशीनगर, देवरिया, चंदौली, बलिया, गाजीपुर और सोनभद्र में शराब की मांग तीन गुना तक बढ़ गई है। लोग नाव, बस, ट्रेन से उत्तर प्रदेश आकर शराब की खरीद करते हैं। इस कारण इन इलाकों में दुकान मालिकों को भारी लाभ हुआ है।
सरकार ने शराब बिक्री में तकनीकी नवाचारों को अपनाया है, जैसे बारकोडिंग और डिजिटल ट्रैकिंग, जिससे नकली शराब पर नियंत्रण पाया गया है। राज्य ने शराब उद्योग में ₹39,708 करोड़ के निवेश के लिए 137 कंपनियों के साथ समझौते किए हैं, जिससे 72,474 नौकरियों के सृजन की संभावना है।
All India Distillers Association के सदस्य मनीष अग्रवाल का कहना है कि इस प्रणाली से न केवल राजस्व में वृद्धि हुई है, बल्कि शराब उद्योग को नई ऊंचाइयां मिल रही हैं। नई दुकानों की संख्या और प्रतिस्पर्धा ने न केवल राजस्व बढ़ाया है, बल्कि ब्रांड्स को भी बाज़ार में पैर जमाने का अवसर दिया है। झांसी के निनौरा ग्राम पंचायत के निवासी अखंड प्रताप दुबे इस बदलाव के जीवंत उदाहरण हैं। उन्होंने ऑनलाइन लॉटरी में 284 लोगों को पछाड़कर शराब दुकान का लाइसेंस पाया और आज वह सीमावर्ती इलाकों में बड़ी कमाई कर रहे हैं। उनका कहना है कि "यह तो KBC जीतने जैसा है।"
शराब से होने वाली बढ़ती कमाई और लॉटरी की पारदर्शी प्रक्रिया ने न केवल यूपी सरकार के खजाने को भरपूर लाभ पहुँचाया है, बल्कि आम लोगों को भी एक संभावित आजीविका का स्रोत प्रदान किया है। योगी सरकार की यह नीति अन्य राज्यों के लिए भी उदाहरण बनती जा रही है। सरकार ने 2025-26 के लिए ₹63,000 करोड़ का आबकारी राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 20% अधिक है।
Published on:
03 Jun 2025 01:41 pm
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
