
यूपी में शिक्षकों की बंपर भर्ती का खाका तैयार (फोटो सोर्स : Whatsapp Group)
UP Teacher Vacancy 2025 : लंबे समय से शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रहे प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों के लिए बड़ा अपडेट सामने आया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने बेसिक और माध्यमिक दोनों स्तरों पर कुल 1 लाख 93 हजार 862 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी तेज कर दी है। यह नियुक्तिया तीन चरणों में होगी और प्रति चरण लगभग 65 हजार भर्ती की जाएगी। इस योजना को केंद्र सरकार की मंजूरी के साथ प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (PAB) की बैठक में अंतिम रूप दिया गया है।
पिछले कई वर्षों से बेसिक व माध्यमिक शिक्षकों की भर्तियाँ रुकी हुई थीं, जिसके चलते प्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी हो गई है। 2018 की भर्ती के बाद से अब तक कोई नई नियुक्ति नहीं हुई। नतीजा यह कि प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 1,81,276 पद खाली पड़े हैं। उसके साथ ही माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक स्तर पर 12,586 रिक्तियों का भार भी लगातार बढ़ता गया। कुल मिलाकर प्रदेश में लगभग 1.94 लाख पद खाली हैं, जो शिक्षा व्यवस्था पर भारी असर डाल रहे हैं।
बीते गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में यूपी सरकार ने अगले दो वर्षों की वार्षिक कार्ययोजना प्रस्तुत की। इसमें पहली बार प्रदेश ने इतनी बड़ी संख्या में चरणबद्ध शिक्षक भर्ती का रोडमैप केंद्र के सामने रखा। बैठक में भारत सरकार के शिक्षा सचिव, यूपी के विद्यालय शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा, बेसिक शिक्षा सचिव डॉ. सारिका मोहन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे। यूपी सरकार ने स्पष्ट बताया कि वर्तमान रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया नवंबर से शुरू की जाएगी और मार्च 2026 तक तीन चरणों में पूरी कर ली जाएगी। यह भी कहा गया कि चरणवार भर्ती में लगभग 65 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी ताकि चयन, प्रशिक्षण, पदस्थापन और दस्तावेजी प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सके।
बैठक में प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में शिक्षकों की स्थिति बेहद गंभीर है।
• प्राथमिक स्तर पर 1,81,276 पद रिक्त (22.73%)
• माध्यमिक स्तर (कक्षा 6–8) पर 3,872 रिक्त (40.36%)
• वरिष्ठ माध्यमिक स्तर (कक्षा 9–10) पर 8,714 रिक्त (59.72%)
कुल रिक्त पद: 1,93,862
इतनी बड़ी संख्या में शिक्षक न होने के कारण स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात बिगड़ गया है, जिससे शिक्षण की गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
सूत्रों के अनुसार चयन प्रक्रिया को तीन बराबर हिस्सों में बांटा जाएगा। सरकार चाहती है कि हर चरण में लगभग साढ़े 65 हजार अभ्यर्थियों को अवसर मिले। इससे आयोगों पर अत्यधिक दबाव भी नहीं पड़ेगा और प्रशासनिक प्रक्रिया भी सुचारू रहेगी। प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग द्वारा की जाएगी। यह नया आयोग शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और तेज बनाने के उद्देश्य से गठित किया गया है। दूसरी ओर, माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती यूपी लोक सेवा आयोग (UPPSC) से कराने की तैयारी है। इससे प्रक्रिया की विश्वसनीयता और मजबूती बढ़ेगी।
प्रदेश में पिछली बड़ी भर्ती 2018 में हुई थी, जब दो चरणों में कुल 1,37,500 शिक्षकों की नियुक्ति की गई। वह भर्ती विशेष परिस्थितियों में की गई थी क्योंकि उसी समय शिक्षा मित्रों को शिक्षक पद से हटाया गया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सरकार ने दो चरणों में 68,500 और 69,000 पदों पर भर्ती की थी। हालाँकि 69,000 भर्ती अब भी आरक्षण मामले के कारण न्यायालय में लंबित है, जिससे इस बीच कोई नई भर्ती नहीं हो सकी। इस पूरे अंतराल में लाखों अभ्यर्थी ओवरएज भी हो गए और स्कूलों में शिक्षकों की संख्या लगातार घटती गई।
PAB बैठक में केंद्र सरकार ने यूपी की शिक्षा व्यवस्था में भारी शिक्षक कमी पर चिंता जताई। रिपोर्ट के अनुसार शिक्षक अनुपात देश के कई राज्यों से पीछे रह गया है, विशेषकर ग्रामीण जिलों में समस्या अधिक गंभीर है। कई जगह एक शिक्षक पर 60–70 बच्चों तक की जिम्मेदारी है, जो शिक्षण गुणवत्ता पर सीधा प्रभाव डालता है। केंद्र ने यूपी सरकार की नई कार्ययोजना को सकारात्मक माना और समयबद्ध भर्ती पूरी करने पर जोर दिया। चर्चा में यह भी सामने आया कि यदि नियुक्तिया समय पर नहीं हुईं तो समग्र शिक्षा अभियान की कई योजनाएं प्रभावित होंगी।
हालांकि थियरेटिकली सारी योजना तैयार है, लेकिन अभ्यर्थियों के बीच असमंजस अभी भी बना हुआ है। नवंबर से प्रक्रिया शुरू होनी थी, पर अब तक आधिकारिक विज्ञापन जारी नहीं हुआ। भर्ती आयोगों का पुनर्गठन, बजट आवंटन और जिलेवार पद निर्धारण की प्रक्रिया अभी भी जारी है। अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक विज्ञापन नहीं आ जाता, तब तक राहत नहीं मिल सकती क्योंकि पहले भी कई बार ऐसी घोषणाए अधर में रह चुकी हैं। फिर भी इस बार केंद्र सरकार की बैठक में योजना पेश हो चुकी है, इसलिए उम्मीद अधिक मजबूत मानी जा रही है।
इन सबके बावजूद सरकार की कोशिश है कि 2024–26 का समय शिक्षा क्षेत्र में बड़े बदलाव के रूप में जाना जाए।
Published on:
09 Nov 2025 08:21 am
बड़ी खबरें
View Allलखनऊ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
