
अब यूपी के खिलाड़ियों को नौकरियों में मिलेगा आरक्षण, सीधे बन सकेंगे डिप्टी एसपी
लखनऊ. अब सरकारी नौकरी में खिलाड़ियों को आरक्षण मिलेगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य सरकार की नौकरियों में खिलाड़ियों को आरक्षण की लंबे समय से चल रही मांग को आखिरकार स्वीकार कर लिया है। योगी सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के खिलाड़ियों को एक नहीं तीन तोहफे दिए। जिनमें पहला- समूह ग के पदों पर भर्ती में खिलाड़ियों को दो फीसदी आरक्षण मिलेगा। दूसरा- समूह ‘ख’,‘ग’ व ‘घ’ के पदों पर आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया जाएगा। तीसरा- सरकार खेलों में पदक पाने वालों को बीएसए, डिप्टी एसपी जैसे 24 पदों पर सीधे नियुक्ति दे सकेगी। गुरुवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में आरक्षण देने के लिए यूपी सरकारी विभाग (उत्कृष्ट खिलाड़ियों की समूह ग के पदों पर सीधी भर्ती) नियमावली-2022 को मंजूरी दी गई है।
ग्रुप बी के 24 पद होंगे लोक सेवा आयोग से बाहर
कैबिनेट के फैसले के अनुसार, विभिन्न विभागों से ग्रुप बी के 24 पदों को लोक सेवा आयोग के दायरे से बाहर किया जा रहा है। ये सीटें खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके प्रदर्शन और प्रसिद्ध खेल प्रतियोगिताओं में भागीदारी के आधार पर सीधे दी जाएंगी। इसके लिए अलग से नियम बनाए जाएंगे। सरकार अब इन पदों बीडीओ, बीएसए, सहायक जिला विद्यालय निरीक्षक, डिप्टी एसपी, डीपीआरओ, जिला युवा कल्याण एवं प्रादेशिक विकास अधिकारी, यात्री मालकर अधिकारी, क्षेत्रीय वन अधिकारी व नायब तहसीलदार के पदों पर सीधी नियुक्ति दे सकेगी।
2 प्रतिशत आरक्षण तय हुआ
इसी तरह ग्रुप बी के नियमों के तहत नहीं आने वालों के लिए भी ग्रुप सी के पदों में आरक्षित श्रेणियों के भीतर 2 प्रतिशत आरक्षण किया जाएगा और भर्ती एजेंसी इसके लिए नियम तैयार करेगी।
अच्छे प्रदर्शन पर आउट आफ टर्न प्रमोशन
राष्ट्रीय व अंतराराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल हासिल करने वाले खिलाड़ियों के लिए बिना पारी पदोन्नति (आउट आफ टर्न प्रमोशन) की शर्ते भी निर्धारित की गई हैं। अब अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को उपनिरीक्षक के पद पर भर्ती होने के साथ-साथ पदोन्नति का लाभ भी मिल सकेगा। अगर सिस्टम के भीतर कोई खिलाड़ी पदक जीतता है, तो सरकार ग्रुप सी कर्मचारियों के लिए करियर में दो बार और ग्रुप बी भर्ती के लिए एक बार आउट ऑफ टर्न प्रमोशन की अनुमति देगी।
वर्ष 2000 में एसआई के 38 पदों हुई थी भर्ती
एक अधिकारी ने यह जानकारी दी कि, वर्ष 2000 में उप्र पुलिस में उपनिरीक्षक के 38 पदों पर कुशल खिलाड़ियों की भर्ती हुई थी। कुशल खिलाड़ियों के लिए कोई नियमावली न होने की वजह से लंबे समय से उनकी उपनिरीक्षक के पद पर सीधी भर्ती नहीं हो सकी थी।
Published on:
07 Jan 2022 01:07 pm
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