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1 और 1 की जोड़ी चुनाव में दिखाएगी 11 का दम! अखिलेश यादव और आजम की मुलाकात के बाद इन करीबियों का बढ़ सकता है कद

UP Politics: अखिलेश यादव और आजम खान की मुलाकात के बाद उनके कुछ करीबियों का कद बढ़ सकता है। चर्चा इस बात को लेकर भी है आगामी विधानसभा चुनाव में करीबियों को टिकट मिलना तय है।

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लखनऊ

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Harshul Mehra

Oct 13, 2025

up assembly elections 2027

अखिलेश यादव और आजम की मुलाकात के बाद किन करीबियों का बढ़ सकता है कद? फोटो सोर्स- पत्रिका न्यूज

UP Politics: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व CM अखिलेश यादव ने हाल ही में रामपुर में सपा के कद्दावर नेता आजम खान से मुलाकात की। जिसके बाद पश्चिमी यूपी में सियासी हलचल तेज हो गई है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि अखिलेश यादव और आजम खान की जोड़ी आगामी चुनाव में बीजेपी समेत अन्य दलों को कड़ी चुनौती दे सकती है।

विधानसभा चुनाव के लिए सक्रिय हुए नेता

वहीं दूसरी तरफ ऐसा भी माना जा रहा है कि आजम खान के जेल से रिहा होने के बाद उनके करीबियों का पार्टी में कद बढ़ सकता है। साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव में करीबियों को टिकट भी दिया जा सकता है। आजमवादी छाप वाले नेता 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए सक्रिय नजर आ रहे हैं।

टिकट बंटवारे में आजम खान की राय को मिल सकती है प्राथमिकता

चर्चा इसको लेकर भी तेज है कि 2022 के मुकाबले आजम खान की राय को ज्यादा तवज्जो 2027 के विधानसभा चुनावों के टिकट बंटवारे में मिल सकती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में आजम खान का प्रभाव हमेशा निर्णायक रहा है। आजम खान की सियासी छाया लंबे समय से रामपुर के साथ-साथ मुरादाबाद और नजदीकी इलाकों में कायम है। आजम खान के जेल से रिहा होने के बाद से ही उनके करीबी नेताओं ने एक बार फिर अपने पुराने इलाकों में दौड़भाग करना शुरू कर दिया है। इसमें कई नेताओं का नाम शामिल है, जिनका राजनीति में सीधा संबंध आजम खान या सांसद रुचिवीरा से रहा है।

क्या यूसुफ मलिक कांठ से लड़ेंगे चुनाव?

मुरादाबाद जिले की कांठ विधानसभा सीट की बात करें तो यहां से आजम खां के बेहद करीबी नेता यूसुफ मलिक ने अपना दावा मजबूत किया है। हाल के दिनों में उनकी सक्रियता भी बढ़ी है। यूसुफ मलिक को आजम खां का भरोसेमंद माना जाता है। यूसुफ मलिक ने 2017 में भी कांठ विधानसभा सीट से टिकट की मांग की थी। इस समय कांठ से विधायक कमाल अख्तर हैं, जिन्हें मुलायम सिंह यादव के दौर से ही सैफई परिवार का करीबी माना जाता है। पार्टी के भीतर चर्चा है कि अगर आजम खान की राय को तवज्जो दी जाती है तो कमाल अख्तर को अपनी पुरानी सीट हसनपुर (अमरोहा) लौटना पड़ सकता है। वहीं, यूसुफ मलिक कांठ से चुनाव लड़ सकते हैं।

राजेश यादव और अन्य कुछ नेताओं की दावेदारी भी मजबूत

बिलारी सीट से वर्तमान विधायक मोहम्मद फहीम का नाम भी प्रमुख दावेदारों में है। हाल ही में वे रामपुर जाकर आजम खान से मुलाकात कर चुके हैं। हालांकि, बिलारी टिकट के लिए पुराने सपा नेता राजेश यादव और अन्य कुछ नेताओं की दावेदारी भी मजबूत है, लेकिन मौजूदा विधायक होने के कारण फहीम के समर्थकों को आगे भी उम्मीद है।

आजम खान के खेमे से डॉ. महमूद सैफी और शाने अली शानू भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं। डॉ. सैफी पूर्व जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं और नगर या ठाकुरद्वारा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। वहीं शाने अली शानू देहात सीट से अपनी दावेदारी मजबूत कर रहे हैं। दोनों नेता वर्तमान में सपा सांसद रुचिवीरा के भी नजदीकी माने जाते हैं।