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होनी थी शूटिंग की विश्व स्तरीय ट्रेनिंग, कर रहे हैं आवारा कुत्तों की नसबंदी

सोचा गया था कि, नादरगंज में विश्वस्तरीय शूटिंग रेंज बनने से यूपी के बच्चें आला दर्जे के निशानेबाज बनेंगे। यहां पर अत्याधुनिक सुविधाएं एकत्र की गई। और आगे भी इसमें जोड़ी जाएंगी। पर इस वक्त शूटिंग रेंज के एक हिस्से में खतरनाक कुतों की नसबंदी हो रही है। चौंकना लाजिमी है, मामला जानें आखिर क्या है।

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करीब 35 एकड़ में फैले और 25 करोड़ रुपए लागत से बने शूटिंग रेंज में विश्व स्तरीय निशानेबाज तैयार करने की योजना थी। पर आजकल यहां निशानेबाज नहीं कुत्तों की नसबंदी की जा रही है। नगर निगम को पूरे लखनऊ में कोई जगह नहीं मिलने पर विश्वस्तरीय शूटिंग रेंज को कुत्तों की नसबंदी का अपना नया अड्डा बना दिया। शूटिंग रेंज को बदहाली को देखने वाला इस वक्त कोई नहीं है।

विश्व स्तरीय शूटिंग रेंज नादरगंज

प्रदेश में विश्वस्तर के निशानेबाज पैदा हों तो उनके अभ्यास और उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए लखनऊ के सरोजनी नगर के नादरगंज में विश्व स्तरीय शूटिंग रेंज को वर्ष 2008 में बनाया गया। मशहूर निशानेबाज राज्यवर्धन राठौर की देख रेख में इसका निर्माण हुआ। यह शूटिंग रेंज करीब 35 एकड़ में फैला हुआ है। यह आत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। इस में अब तक 25 करोड़ रुपए खर्च हो गए हैं। और अभी और सुविधाएं जोड़ी जाएंगी। शूटिंग रेंज एटीएस कर्मचारी नियमित प्रैक्टिस करते हैं। यहां पिस्टल, राइफल डबल ट्रैप और एयर राइफल शूटिंग की जाती है।

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यहां पर होती है नसबंदी

इस तरह के विश्वस्तरीय शूटिंग रेंज पर लखनऊ नगर निगम की नजर पड़ी। और उसने यहां पर आवारा कुत्तों का जनसंख्या कम करने के लिए नसबंदी करने का नया ठिकाना बना डाला। शहर से कुत्ते पकड़े जाते हैं और यहां पर उनकी नसबंदी की जाती है।

दूसरा श्वान प्रजनन नियंत्रण केंद्र बनाया गया

नगर निगम प्रबंधक यतेंद्र त्रिपाठी इस पर कहते हैं कि, लखनऊ में आवारा कुत्तों की आबादी लगातार बढ़ रही है। हमें भवन की जरूरत थी तो शूटिंग रेंज के भवन को हमनें अपना नया ठिकाना बना लिया। और दूसरा श्वान प्रजनन नियंत्रण केंद्र बनाया। 11 अप्रैल से ऑपरेशन शुरू किया गया है। दिन में आठ कुत्तों का ऑपरेशन किया जाता है। यहां पर एक पशु चिकित्सा, एक प्रबंधक और 6 स्टाफ उपलब्ध है। भविष्य में और इसको बढ़ाया जाएगा। इस कार्य में एच.एस.आई. संस्था सहयोग कर रही है।

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एक हिस्सा दिया गया है - नगर आयुक्त

नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने बताया कि, यहां केवल एक हिस्सा दिया गया। इससे कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।