
उपचुनाव में योगी को आगे रख बीजेपी ने जीतीं 74 फीसद सीटें
Yogi Success UP By Election : उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भाजपा की जीत की गारंटी बन चुके हैं। हाल ही में हुई 10 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में भाजपा और गठबंधन ने 8 सीटों पर जीत दर्ज की। पिछले आठ वर्षों में हुए कुल 42 उपचुनावों में भाजपा ने 74% स्ट्राइक रेट के साथ 31 सीटों पर भगवा फहराया है। यह भाजपा के लिए न केवल बड़ी सफलता है, बल्कि 2027 के चुनावों के लिए भी संकेत दे रही है।
मिल्कीपुर की जीत भाजपा के लिए एक बड़ी उपलब्धि रही। इससे पहले कटेहरी और कुंदरकी में भी पार्टी ने अप्रत्याशित जीत हासिल की थी। इन तीनों सीटों पर पार्टी ने अलग-अलग समीकरणों को तोड़कर जीत दर्ज की। कुंदरकी में 69% से अधिक अल्पसंख्यक मतदाता होने के बावजूद भाजपा ने जीत हासिल की, जबकि कटेहरी में जातीय समीकरणों को तोड़ते हुए भगवा लहराया।
सीएम योगी आदित्यनाथ अब केवल एक मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि भाजपा के लिए ‘विजय गारंटी’ का चेहरा बन चुके हैं। उपचुनाव में भाजपा की जीत की रणनीति में योगी आदित्यनाथ की भूमिका सबसे अहम रही। मिल्कीपुर उपचुनाव के दौरान सीएम योगी ने 6 बार क्षेत्र का दौरा किया और दो विशाल जनसभाओं को संबोधित किया। उन्होंने विपक्षी दलों, खासतौर पर सपा को आड़े हाथों लिया और भाजपा की नीतियों को जनता के बीच प्रभावी ढंग से रखा।
संगठन और रणनीति: भाजपा ने उपचुनावों के लिए अपने संगठन को पहले से ज्यादा मजबूत किया। पार्टी के महामंत्री संगठन ने जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को तैयार किया और बूथ स्तर तक रणनीति बनाई।
सीएम योगी की अगुवाई: टिकट बंटवारे से लेकर प्रचार अभियान तक, सीएम योगी की सहमति के बिना कोई निर्णय नहीं हुआ।
विकास का एजेंडा: भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान विकास कार्यों को प्रमुखता दी और जनता के बीच इसका प्रभाव दिखा।
सशक्त बूथ मैनेजमेंट: भाजपा ने बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखा, जिससे मतदाताओं तक पार्टी की पहुंच मजबूत हुई।
सर्व समाज की भागीदारी: भाजपा ने हर वर्ग को अपने साथ जोड़ने की कोशिश की, जिससे जातीय और सांप्रदायिक राजनीति कमजोर पड़ी।
भाजपा की यह जीत 2027 के विधानसभा चुनावों की दिशा तय कर सकती है। योगी आदित्यनाथ और भाजपा संगठन का तालमेल इस उपचुनाव में पूरी तरह दिखा, जिससे स्पष्ट संकेत मिलते हैं कि पार्टी आगामी चुनावों में भी इसी फॉर्मूले पर काम करेगी। भाजपा ने संगठन में नए अध्यक्ष के साथ तालमेल बनाकर चुनाव लड़ने की रणनीति पर भी काम शुरू कर दिया है।
फ्री हैंड रणनीति: भाजपा ने उत्तर प्रदेश में अपने नेताओं को फ्री हैंड दिया है, जिससे वे अपने क्षेत्रों में स्वतंत्र रूप से काम कर सकें।
नए चेहरे, मजबूत संगठन: पार्टी उपचुनावों में जिताऊ उम्मीदवारों को प्राथमिकता दे रही है, जिससे संगठन और सरकार के बीच बेहतर तालमेल बना रहे।
बूथ स्तर तक पकड़: भाजपा अपने संगठन को और मजबूत करने पर ध्यान दे रही है, ताकि हर बूथ से अधिकतम मतदाता भाजपा के पक्ष में आएं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा ने उपचुनावों में जो जीत हासिल की है, वह 2027 के चुनावों के लिए बड़ी तैयारी का संकेत देती है। भाजपा की यह जीत केवल संख्या का खेल नहीं, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक समीकरणों को नए सिरे से गढ़ने की रणनीति भी है। पीएम मोदी के बाद सीएम योगी भाजपा के लिए सबसे भरोसेमंद चुनावी चेहरा बन चुके हैं और उपचुनावों में यह बात एक बार फिर साबित हुई है।
Published on:
09 Feb 2025 09:29 am
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