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योगी सरकार का बड़ा तोहफा: वृद्ध और गरीब कलाकारों की पेंशन में 100% बढ़ोतरी, अब हर महीने मिलेंगे ₹4000″

Artist Pension UP Govt : उत्तर प्रदेश सरकार ने गरीब और वृद्ध कलाकारों की मासिक पेंशन को ₹2000 से बढ़ाकर ₹4000 कर दिया है। यह घोषणा पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने की। इस कदम का उद्देश्य वृद्ध कलाकारों को आर्थिक सहारा देना और कार्यक्रम आवंटन की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है, जिससे राज्यभर के हजारों स्थानीय कलाकारों को लाभ मिलेगा।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

May 09, 2025

Pension Scheme, Artists Right

Pension Scheme, Artists Right

UP Govt Artist Pension : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के गरीब और वृद्ध कलाकारों के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है। पहले जहां इन कलाकारों को हर महीने ₹2000 की पेंशन मिलती थी, अब यह राशि बढ़ाकर ₹4000 प्रति माह कर दी गई है। यह निर्णय न केवल सामाजिक सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि लोक कलाकारों के सम्मान और जीवन की गरिमा को बनाए रखने का प्रयास भी है।

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यह घोषणा प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने पर्यटन भवन में संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान की। मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि सरकार की मंशा है कि जो कलाकार वर्षों से अपनी कला के माध्यम से समाज को समृद्ध कर रहे हैं, उन्हें आर्थिक असुरक्षा का सामना न करना पड़े। इस निर्णय से हजारों ऐसे कलाकारों को राहत मिलेगी जो उम्र के इस पड़ाव पर अपने जीवन यापन के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

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कलाकारों की सामाजिक सुरक्षा होगी मजबूत

पेंशन राशि को दोगुना करने के साथ ही मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि कलाकारों के लिए "कलाकार कल्याण बीमा योजना" शुरू की जाए। यह योजना न केवल आर्थिक सहारा प्रदान करेगी, बल्कि स्वास्थ्य और आकस्मिक जोखिमों से भी उन्हें सुरक्षा प्रदान करेगी। साथ ही, उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया, कलाकारों के पंजीकरण से लेकर कार्यक्रम आवंटन और भुगतान तक को पूर्णतः पारदर्शी बनाया जाए। इससे न केवल भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी, बल्कि कलाकारों में भी विश्वास और आत्मसम्मान की भावना विकसित होगी।

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सभी कलाकारों को समान अवसर

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने यह भी सुनिश्चित किया कि कार्यक्रमों का आवंटन समान रूप से किया जाए। यानी सभी पंजीकृत कलाकारों को कार्यक्रमों में प्रदर्शन का अवसर मिलना चाहिए। बड़े और महंगे कलाकारों को प्राथमिकता देने के बजाय स्थानीय और जमीनी कलाकारों को मंच देने की बात कही गई है, ताकि हर कलाकार को आगे बढ़ने का अवसर मिल सके।

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इसके अलावा उन्होंने निर्देश दिया कि कलाकारों को कार्यक्रम मिलते ही 50% अग्रिम भुगतान किया जाए और शेष राशि कार्यक्रम समाप्त होने के एक सप्ताह के भीतर दे दी जाए। इससे कलाकारों को आर्थिक दबाव से राहत मिलेगी और वे पूरे मनोयोग से अपनी प्रस्तुति दे सकेंगे।

पेंशन पात्र कलाकारों की पहचान के लिए होगा विशेष अभियान

राज्य सरकार अब उन कलाकारों की तलाश भी करेगी जो पेंशन के लिए पात्र हैं, लेकिन अभी तक इस सुविधा से वंचित हैं। इसके लिए विज्ञापन जारी कर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी पात्र कलाकार इस योजना से वंचित न रहे।

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तकनीक का इस्तेमाल: बनेगा व्हाट्सएप ग्रुप

नई व्यवस्था में सरकार तकनीक का भी सहारा ले रही है। सभी लोक कलाकारों के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाने का निर्देश दिया गया है, जिससे उन्हें कार्यक्रमों और योजनाओं से संबंधित सभी जानकारी तुरंत प्राप्त हो सके। इससे संचार व्यवस्था मजबूत होगी और गलतफहमी या देरी की संभावना भी कम होगी।

अनियमितता पर सख्त कार्रवाई के निर्देश

पर्यटन मंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि कार्यक्रम आवंटन में किसी भी प्रकार की अनियमितता या भेदभाव बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि किसी अधिकारी द्वारा शासनादेश का उल्लंघन किया गया तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा जाएगा। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि 1 अप्रैल 2025 से सभी कार्यक्रम 100% शासनादेश के तहत आवंटित हों।

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सांस्कृतिक पुनर्जागरण की ओर एक कदम

इस पूरी पहल को केवल एक सामाजिक कल्याण योजना के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि यह एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। उत्तर प्रदेश के विभिन्न अंचलों में सैकड़ों वर्षों से विविध लोक कलाओं की परंपरा रही है,चाहे नौटंकी हो, भवई हो, पंडवानी हो, कठपुतली हो या अन्य पारंपरिक विधाएं। आज जब आधुनिकता और तकनीक के बीच ये लोक कलाएं संघर्ष कर रही हैं, तो सरकार का यह कदम इन्हें न केवल जीवित रखने में मदद करेगा बल्कि इनके संरक्षण और संवर्धन की दिशा में भी सहायक सिद्ध होगा।