
RTE की राशि में 11 लाख से अधिक की गड़बड़ी, (photo-patrika)
RTE Admission 2025: छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत 31 मार्च तक ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। इस वर्ष निजी स्कूलों में 1712 सीटें आरक्षित की गई हैं। पोर्टल खुलने के बाद अब तक 2048 आवेदन आ चुके है। निजी स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा के लिए पालकों ने बच्चाें के आवेदन करने में उत्साह दिखाया है। आवेदन करने के लिए अब तीन दिन ही शेष है।
इस बार आरटीई के तहत दाखिला दो चरणों में होगा। इस बार पोर्टल खुलने में 17 दिन का समय लगा था। बावजूद इसके 10 दिन में ही 2 हजार से अधिक आवेदन आ गए हैं। पालक जानकारी लेने के लिए शिक्षा विभाग के दफ्तर भी पहुंच रहे हैं। दस्तावेजों की जांच 25 अप्रैल तक की जाएगी। लॉटरी और सीट आवंटन 1 से 2 मई के बीच होगा। स्कूल में प्रवेश लेने की प्रक्रिया 5 से 30 मई तक चलेगी। आरटीई के तहत द्वितीय चरण की प्रक्रिया 2 जून से 16 जून तक चलेगी। इसमें नए स्कूलों का पंजीयन हो सकेगा।
द्वितीय चरण में छात्रों का पंजीयन 20 से 30 जून तक चलेगा। नोडल अधिकारियाें द्वारा दस्तावेजों की जांच 1 से 8 जुलाई तक चलेगी। लॉटरी व सीट आवंटन 14 से 15 जुलाई 2025 तक होगा। द्वितीय चरण में स्कूलों में दाखिल लेने की प्रक्रिया 18 से 31 जुलाई तक चलेगी। आरटीई के तहत ऑनलाइन दावा 1 से 30 अगस्त तक किया जा सकेगा। शिक्षा विभाग के आरटीई प्रभारी देवेश चंद्राकर ने बताया कि 31 मार्च प्रवेश की अंतिम तिथि है। दो हजार से अधिक आवेदन आ चुके हैं।
आरटीई के तहत आवेदन करने वालों में ज्यादातर पालकों ने अपने बच्चों के लिए अंग्रेजी मीडियम और बड़े निजी स्कूलों को प्राथमिकता दी है। ज्यादतर पालक हिंदी माध्यम स्कूलों में कम ही आवेदन करते हैं। इस कारण हिंदी माध्यम निजी स्कूलों में सीटें रिक्त रह जाती हैं। पिछले वर्ष भी तीन हजार 165 आवेदन आए थे, लेकिन प्रवेश लेने वालाें की संख्या केवल 1604 ही थी। वहीं कई बच्चे पात्र होने के बाद भी प्रवेश नहीं ले पाए।
इस अधिनियम के तहत 3 से 6 1/2 वर्ष तक के बच्चे किसी भी प्राइवेट स्कूल के प्रारंभिक कक्षा में प्रवेश ले सकते हैं। इस योजना से प्रवेशित छात्र कक्षा 12 वीं तक चयनित स्कूल में नि:शुल्क अध्ययन कर सकते हैं। पात्र छात्रों को नर्सरी से 12 वीं तक नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य समाज से सभी वर्ग के लोगों के मध्य सामाजिक समानता लाना है।
आरटीई के तहत हर साल 150 से 200 सीटें रिक्त रह जाती हैं। हर साल इसको लेकर सवाल भी उठते हैं कि नि:शुल्क शिक्षा मिलने के बाद भी कई बच्चे प्रवेश से वंचित हो जाते हैं। वहीं कई निजी स्कूल बंद हो जाने के बाद भी छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। आरटीई के तहत लाभ लेने में छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
Updated on:
28 Mar 2025 03:10 pm
Published on:
28 Mar 2025 03:09 pm
बड़ी खबरें
View Allमहासमुंद
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
