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एफपीआई ने की निकासी
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक एक से पांच मार्च के दौरान एफपीआई ने शेयर बाजारों से शुद्ध रूप से 881 करोड़ रुपए और ऋण या बांड बाजार से 4,275 करोड़ रुपए निकाले हैं। इस तरह उनकी शुद्ध निकासी 5,156 करोड़ रुपए रही है। इससे पहले फरवरी में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 23,663 करोड़ रुपए और जनवरी के महीने में 14,649 करोड़ रुपए का निवेश किया था।?
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मुनाफावसूली की मुख्य वजह
जानकारों की मानें तो एफपीआई की निकासी की वजह बाजार के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचने की वजह से निवेशकों द्वारा मुनाफा वसूली की है। इसके अलावा बांड पर प्राप्ति बढऩे तथा मुद्रास्फीति की वजह से भी शेयरों में एफपीआई का निवेश प्रभावित हुआ। मार्च में एफपीआई की निकासी की मुख्य वजह अमरीका में बांड पर प्राप्ति बढऩा और डॉलर इंडेक्स का मजबूत होना है। जब भी अमरीका में बांड पर प्राप्ति बढ़ती है, इसी तरह का रुख देखने को मिलता है।
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बीते सप्ताह में बाजार में देखने को मिली तेजी
देश की जीडीपी के आंकड़ों से अर्थव्यवस्था में रिकवरी मिलने और सकारात्मक वैश्विक संकेतों से घरेलू शेयर बाजार इस सप्ताह की शुरूआत में जोरदार लिवाली रही, जबकि आखिरी दो सत्रों में भारी गिरावट दर्ज की गई, फिर भी सेंसेक्स और निफ्टी 2.5 फीसदी से ज्यादा की साप्ताहिक बढ़त के साथ बंद हुए। सेंसेक्स बीते सप्ताह के मुकाबले 1,305.33 अंकों यानी 2.66 फीसदी की तेजी के साथ 50,405.32 पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 50 बीते सप्ताह के मुकाबले 408.95 अंकों यानी 2.81 फीसदी की तेजी के साथ 14,938.10 पर बंद हुआ। बीएसई मिडकैप सूचकांक बीते सप्ताह से 609.15 अंकों यानी 3.05 फीसदी की तेजी के साथ 20,587.80 पर बंद हुआ। वहीं, स्मॉलकैप सूचकांक बीते सप्ताह के मुकाबले 780.67 अंकों यानी 3.87 फीसदी की तेजी के साथ 20,936.02 पर बंद हुआ।