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जियो ने बचाए उपभोक्ताआें के प्रति वर्ष 10 अरब डाॅलर, जीडीपी में भी दिया याेगदान: रिपोर्ट

locationनई दिल्लीPublished: Apr 08, 2018 09:12:33 am

Submitted by:

Ashutosh Verma

जियो के बेहद कम रेट पर सेवाएं देने से देश के टेलिकाॅम उपभोक्ताआें का सलाना 10 अरब डाॅलर रुपए का बचत हुआ है।

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नर्इ दिल्ली। सितंबर 2016 में अपने लाॅन्च के बाद से ही रिलायंस जियो ने बाजार में धूम मचा रखा है। दूसरी टेलिकाॅम कंपनियों को कड़ी टक्कर देने के बाद जियो को लेकर अब एक रोचक आंकड़ा सामने आया है। रिलायंस जियो के बेहद कम रेट पर सेवाएं देने से देश के टेलिकाॅम उपभोक्ताआें का सलाना 10 अरब डाॅलर रुपए का बचत हुआ है। इंस्टिट्यूट आफ कम्पेटिटिवनेस( आईएफसी) की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमारी गणना के अनुसार अगर बहुत कम कर भी आकलन किया जाए, जियो के प्रवेश से उपभाक्ताओं को सालाना 10 अरब डॉलर की बचत हुई है।’

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जियो ने दिया देश की जीडीपी में 5.65 फीसदी का योगदान

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि, हमने अर्थमितीय विश्लेषण किया है जिससे ये पता चलता है कि यदि अन्य चीजें स्थिर रहती हैं, तो व्यापक नेटवर्क की वजह से जियो के प्रवेश ने देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 5.65 फीसदी का योगदान दिया है। इंटरनेट पहुंच बढ़ने से जीडीपी वृद्धि का प्रभाव सिर्फ दूरसंचार क्षेत्र में योगदान तक सीमित नहीं है बल्कि इंटरनेट अर्थव्यवस्था की वजह से अन्य दूसरी चीजों में भी इसका योगदान रहा है।

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10 रुपए तक हुर्इ प्रति जीबी डेटा की कीमत

देश के टेलिकाॅम सेक्टर में अभूतपर्व बदलाव लाने आैर उपभोक्ताआें को सस्ता इंटरनेट सेवा पहुंचाने में अहम भूमिका निभार्इ है। जियो ने अपने लाॅन्च के बाद से ही कर्इ तरह के आॅफर्स के तहत लोगों को सस्ते इंटरनेट सुविधा दे रही है। जिसके बाद से आज देश में प्रति जीबी डेटा की कीमत 152 रुपए से घटकर मात्र 10 रुपए हो गया है। मोबाइल डेटा में इतने अधिक गिरावट के बाद से देश के एक बड़े वर्ग ने इसका इंटरनेट का अनुभव किया है। इनमे से एक बड़ा हिस्सा पहली बार इंटरनेट का अनुभव किया है।

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इस आधार पर तैयार किया गया रिपोर्ट

अार्इएफसी ने अपने इस रिपोर्ट को तैयार करने के लिए आर्थिक वृद्धि में इंटरनेट का कितना योगदान है, के आधार पर किया है। इसके लिए साल 2014-14 के बीच 18 राज्यों के आंकड़ें का इस्तेमाल किया गया। इस रिपोर्ट के अनुसान यदि दूसरी चीजें स्थिर रहती हैं तो देश में इंटरनेट की पहुंच 10 फीसदी तक बढ़ती है। इससे प्रति व्यक्ति जीडीपी में 3.9 फीसदी तक का इजाफा होगा।

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