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घरेलू उद्योग को फायदा देने के लिए मलेशिया से रिफाइंड पाम तेल आयात पर लगी रोक

Published: Jan 09, 2020 02:49:25 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

रिफाइंड पाम तेल आयात घटने से क्रूड पाम का आयात बढ़ेगा
सरकार के इस फैसले के बाद देसी खाद्य तेल उद्योग को फायदा होगा
मलेशिया-इंडोनेशिया के बीच पाम तेल की कीमतों को लेकर छिड़ेगी जंग

Palm Oil

Refined palm oil import Ban from Malaysia to benefit domestic industry

नई दिल्ली। भारत सरकार ( Indian Govt ) ने मलेशिया से रिफाइंड पाम तेल आयात ( Palm Oil Import ) पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है, हालांकि क्रूड पाम तेल का आयात मलेशिया से जारी रहेगा। रिफाइंड पाम तेल आयात घटने से क्रूड पाम का आयात ( Crude Palm Oil Import ) बढ़ेगा, जिससे देसी खाद्य तेल उद्योग ( Edible Oil Industry ) को फायदा होगा। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ( Union Ministry of Commerce and Industry ) के तहत आने वाले वाले विदेश व्यापार महानिदेशालय ( DGFT ) द्वारा बुधवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, एग्जिम कोड 15119010 और 15119020 के तहत आने वाले कमोडिटी क्रमश: रिफाइंड ब्लीच्ड ड्येडराइज्ड पाम ऑयल और रिफाइंड ब्लीच्ड ड्येडराइज्ड पामोलीन के आयात को प्रतिबंद्धित श्रेणी में कर दिया गया है।

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घरेलू उद्योग को होगा फायदा
ऐसा समझा जाता है कि भारत सरकार के इस फैसले से मलेशिया और इंडोनेशिया के बीच पाम तेल की कीमतों को लेकर जंग छिड़ेगी, क्योंकि भारत पाम तेल का एक बड़ा आयातक देश है। लेकिन भारतीय कारोबारी मानते हैं कि मलेशिया से रिफाइंड तेल आयात रुक जाने पर क्रूड पाम का आयात बढ़ेगा जिससे घरेलू उद्योग को काम मिलने के कारण उसे फायदा होगा। रिफाइंड पाम तेल आयात कम करने और क्रूड का आयात ज्यादा करने के मकसद से ही देसी उद्योग दोनों के आयात शुल्क में कम से कम 15 फीसदी का अंतर रखने की मांग करता रहा है।

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एसएएआई ने फैसले का किया स्वागत
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसीडेंट अतुल चतुर्वेदी ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। मलेशिया से रिफाइंड पाम तेल आयात पर प्रतिबंध लगाए जाने से देसी उद्योग को होने वाले फायदे को लेकर पूछे गए सवाल पर चतुवेर्दी ने आईएएनएस से कहा, “अगर रिफाइंड माल कम आएगा तो स्वाभाविक है कि क्रूड पाम तेल का आयात ज्यादा होगा ऐसे में निसंदेह घरेलू उद्योग को फायदा होगा।” चतुर्वेदी ने बताया, “जब मलेशिया को पहले पांच फीसदी ड्यूटी का फायदा मिला हुआ था तब वहां से करीब तीन सवाल तीन लाख लाख टन हर महीने पामोलहीन का आयात होने लगा था, लेकिन पांच फीसदी ड्यूटी का फायदा जब समाप्त हुआ और इंडोनेशिया व मलेशिया से आयात पर एक समान शुल्क हो गया तो मलेशिया से पामोलीन का आयात घटकर करीब एक सवा लाख टन रह गया।”

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इतना था आयात का अनुपात
गौरतलब है कि भारत और मलेशिया के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग करार के तहत मलेशिया से पामोलीन आयात पर शुल्क में पांच फीसदी की छूट थी जिसे भारत सरकार ने पिछले साल सितंबर में हटा लिया था। उन्होंने बताया कि इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल के आयात का अनुपात 70:30 का है, मतलब इंडोनेशिया से भारत 70 फीसदी पाम तेल आयात करता है तो मलेशिया से 30 फीसदी। चतुवेर्दी ने बताया कि सरकार के इस फैसले के बाद पामोलीन के आयात में करीब एक सवा लाख टन की कमी आएगी तो सीपीओ का आयात एक-सवा लाख टन बढ़ जाएगा।

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एमसीएक्स पर आज इतने रहे दाम
सरकार के इस फैसले के बाद भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर गुरुवार को सीपीओ के तमाम सौदों में तेजी के साथ कारोबार चल रहा था। सीपीओ का जनवरी अनुबंध 7.30 रुपये यानी 0.89 फीसदी की तेजी के साथ 830 रुपये प्रति 10 किलो पर बना हुआ था। इससे पहले कारोबार के दौरान सीपीओ का दाम 835 रुपये प्रति 10 किलो तक उछला जोकि रिकॉर्ड स्तर है। बीते एक महीने में एमसीएक्स पर सीपीओ के दाम में 14 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है। उधर, मलेशिया से पामोलीन आयात पर प्रतिबंध के सरकार के फैसले को मलेशिया और भारत के बीच संबंधों में बीते दिनों आई खटास से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पिछले साल संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मसले पर मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के भारत विरोधी बयान के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आई है।

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