
300 करोड़ की लागत से बन रहे दुनिया के सबसे ऊंचे मंदिर पर आया संकट, एनजीटी ने उठाया ये कदम
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मथुरा में 300 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे दुनिया के सबसे ऊंचे वृंदावन चंद्रोदय मंदिर पर संकट छा गया है। इस मंदिर का निर्माण रोकने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका पर एनजीटी ने धार्मिक सोसाइटी और केंद्रीय ग्राउंड वाटर अथॉरिटी (सीजीडब्ल्यूए) को नोटिस कर जवाब मांगा है। एनजीटी ने दोनों संगठनों से 31 जुलाई तक जवाब देने को कहा है। आपको बता दें कि इस मंदिर का निर्माण धार्मिक संस्था इस्कॉन की ओर से कराया जा रहा है।
इन्होंने दायर की याचिका
एनजीटी में पर्यावरण कार्यकर्ता मणिकेश चतुर्वेदी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि मथुरा में बन रहे इस मंदिर की बाउंड्री के चारों ओर कृत्रिम तालाब बनाने का प्रस्ताव है। इसके लिए बड़े पैमाने पर जमीन से पानी का दोहन किया जाएगा। इससे यमुना के अस्तित्व पर खतरा पैदा होगा। साथ ही इस मंदिर के बनने से आसपास के पर्यावरण पर भी असर पड़ेगा। इस याचिका पर एनजीटी के जस्टिस आदर्श कुमार गोयल ने इस्कॉन सोसायटी और सीजीडब्लूए से जवाब देने को कहा है।
ये है मंदिर की खासियत
- यह चंद्रोदय मंदिर दो सौ मीटर से अधिक ऊंचा होगा।
- मंदिर का निर्माण साढ़े पांच एकड़ में हो रहा है।
- इस मंदिर में कुल 70 मंजिलें बनाई जाएंगी।
- रॉकेट के आकार का यह मंदिर भूकंप रोधी होगा।
- इस मंदिर के निर्माण में 45 लाख घन फीट कंक्रीट और साढ़े 25 हज़ार टन लोहे का इस्तेमाल होगा।
- दुनिया के सबसे ऊंचे मंदिर के निर्माण पर करीब 300 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
- मंदिर परिसर में ब्रज क्षेत्र के 12 जंगल बनाए जाएंगे। इसमें सुंदर वनस्पतियां, झीलें और झरने लोगों को खूब लुभाएंगे।
- मंदिर का कुल क्षेत्रफल 62 एकड़ होगा, जिसमें 12 एकड़ में पार्किंग और हेलीपैड बनाया जाएगा।
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Published on:
13 Jul 2018 01:12 pm
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