
अहोई अष्टमी से पहले सामने आई निष्ठुर ममता, झाड़ियों बिलख रहा था नवजात
मथुरा। दिवाली से पहले पड़ने वाली कार्तिक मास की अष्टमी को माताएं अहोई अष्टमी के रूप में मनाती हैं। यह वृत भी करवाचौथ जितना ही कठिन है। इस वृत में माताएं अपनी संतान की लम्बी आयु और स्वास्थ्य की कामना करती हैं। मथुरा में अहोई अष्टमी से पहले ठीक पहले एक ऐसा मांजर सामने आया कि हर किसी की आंखें भर आईं। मौके पर पहुंचे लोग यही सोच रहे थे कि किस माता ने और क्यों इन नवजात को मरने के लिए नहर किनारे फैंक दिया। अडींग नहर के समीप झाड़ियों में लावारिस नवजात शिशु मिला है। पुलिस ने उसे सीएचसी गोवर्धन में भर्ती कराया, जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
गोवर्धन क्षेत्र के गांव अडींग के कुछ लोग शनिवार तड़के खेतों की ओर जा रहे थे, तभी नवजात शिशु के चीखने की आवाज सुनकर उनके कदम रुक गए। आवाज नहर किनारे झाड़ियों से आ रही थी, जब लोगों ने वहां जाकर देखा तो उनके होश उड़ गए। वहां एक कपड़े में लिपटा नवजात शिशु रो रहा था। स्थानीय निवासी रवि चौधरी ने बताया कि रात के समय किसी ने नवजात को यहां फेंका है। सुबह जब उसकी चीखें सुनी तो ग्रामीणों को इस बात की खबर हुई। उन्होंने इलाका पुलिस को सूचना दी।
मौके पर पहुंची पुलिस नवजात को गोवर्धन स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर आई। चिकित्सक सचिन कुमार ने बताया कि नवजात ने कुछ घंटे पहले ही जन्म लिया है। फिलहाल वो स्वस्थ है। फिर भी उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर किया है। नवजात शिशु लड़का है। उसे झाड़ियों में किसने फेंका है, पुलिस इसकी जांच में जुट गई है। वहीं इस घटना ने ग्रामीणों का दिल झकझोर दिया है। उनका कहना है कि नवजात को झाड़ियों में फेंकने वाले कितने निर्दयी होंगे कि उन्हें तनिक भी दया नहीं आई।
Published on:
20 Oct 2019 02:26 pm
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