
लावारिस लाशों का डंपिंग ग्रांउड बना यूपी का ये जिला, पुलिस के भी छूटे पसीने
मेरठ। आए दिन लावारिस लाशों का मिलना पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। लावारिस लाशों का पोस्टमार्टम कराना और उसके बाद क्रिया कर्म उनके धर्म के अनुसार कराने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। इसके लिए कोई उचित धन की व्यवस्था नहीं होती। ऐसे में पुलिसकर्मियों को अपनी जेब ही ढीली करनी होती है।
मेरठ जिले में विगत छह माह में करीब 25 लावारिश लाशें बरामद हो चुकी हैं। कल यानी सोमवार को भी पुलिस को परतापुर थाना क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर दो पुरूषों के शव मिलने के बाद सनसनी फैल गई। एक युवक का शव हत्या करके फेंके जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। जबकि दूसरा शव किसी अधेड़ भिखारी का प्रतीत होता है। पुलिस सूत्रों के अनुसार अधेड़ की मौत बीमारी के चलते हुई है। दोनों ही शवों की शिनाख्त नहीं हो सकी है।
पहला शव रिठानी स्थित डीएन पॉलिटैक्निक के पीछे स्थित जंगल में बरामद हुआ। लगभग 40 वर्षीय मृतक का शव बुरी तरह से सड़ चुका था और उसमें कीड़े पड़े हुए थे। शव को देखकर लग रहा था कि युवक की मौत हुए करीब 15 दिन बीत चुके हैं। घटना के बाद सनसनी फैल गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने युवक की शिनाख्त का प्रयास किया, लेकिन सफलता न मिलने पर शव को मोर्चरी भेज दिया। युवक की हत्या करके शव को फेंके जाने का अनुमान लगाया जा रहा है।
वहीं, दूसरा शव परतापुर तिराहे बरामद हुआ। लगभग 60 वर्षीय अधेड़ का शव बुरी तरह से अकड़ा हुआ था। शव को देखने से लग रहा था कि अधेड़ की मौत संभवतः रात में हुई है। आसपास के लोगों ने बताया कि मृतक आसपास का नहीं है। अनुमान लगाया जा रहा है मृतक भिखारी था और संभवतः बीमारी के चलते उसकी मौत हुई है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
आखिर कहां से आ रहे लावारिस शव
पुलिस के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में लावारिश शव कहां से आ रहे हैं। अधिकांश शव मेरठ पुलिस को दूसरे जिले से सटे थानों की सीमा के भीतर पड़े मिलते हैं। हाइवे स्थिति थानों पल्लवपुरम, दौराला, कंकरखेडा, टीपीनगर, परतापुर, खरखौदा, किठौर, मवाना, गंगानगर आदि थाना क्षेत्रों में ही अधिकांश लवारिश शव पड़े मिलते हैं। हालांकि इन थाना क्षेत्रों में पुलिस की विशेष चेकिंग टीम होती है। लेकिन इसके बाद भी हत्यारोपी दूसरे जिलों से हत्या कर शव को मेरठ की सीमा में फेंक देते हैं।
बोले अधिकारी
इस बारे में एसएसपी प्रशांत कुमार का कहना है कि लावारिश शवों का पता लगाने के लिए अलग से एक सेल बनाया जाएगा। संबंधित थानों को भी इस बात के निर्देश दिए गए हैं कि वे भी अपने क्षेत्र में रात्रि के समय और सुबह तड़के विशेष गश्त का प्रबंध करें, क्योकि अधिकांश लवारिश लाशे ऐसे समय में ही फेंकी जाती है। अन्य जिलों से हत्या कर पहचान मिटाकर लाश को अन्यत्र फेंक दिया जाता है।
Published on:
02 Oct 2018 07:45 pm
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